जल्दी वेट लॉस करना है तो जॉगिंग, वॉकिंग की जगह हर दिन करें रकिंग: Rucking for Weight Loss  
Rucking for Weight Loss  

जल्दी वेट लॉस करना है तो जॉगिंग, वॉकिंग की जगह हर दिन करें रकिंग: Rucking for weight loss  

वॉक फिट रहने का सबसे आसान तरीका है। तेज चलना, जॉगिंग और दौड़ना कई लोग करते हैं। लेकिन आजकल वजन कम करने और फिट रहने का नया तरीक़ा ‘रकिंग’  काफ़ी चल रहा है। आपने यह शब्द शायद ही कभी सुना हो लेकिन एक बार अगर इसके फ़ायदे जान लेंगे तो आप आसानी से यक़ीन नहीं कर पायेंगे।

Rucking for Weight Loss: आजकल फिट रहने के लिए लोग कई तरह की एक्सरसाइज और डाइट का सहारा लेते हैं। इनमें वॉक सबसे आसान तरीका है। तेज चलना, जॉगिंग और दौड़ना कई लोग करते हैं। लेकिन आजकल वजन कम करने और फिट रहने का नया तरीक़ा ‘रकिंग’  काफ़ी चल रहा है। आपने यह शब्द शायद ही कभी सुना हो लेकिन एक बार अगर इसके फ़ायदे जान लेंगे तो आप आसानी से यक़ीन नहीं कर पायेंगे। जानते हैं रकिंग के फ़ायदे-

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वेट लॉस में लाभकारी

Rucking for Weight Loss  
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अगर आप कम समय में वजन कम करना चाहते हैं तो रकिंग आपके लिये बेस्ट एक्सरसाइज है। वजन लेकर चलने से आपकी कैलोरी ज्यादा बर्न होती है, जिससे जल्दी वजन कम करने में मदद मिलती है। 30 मिनट की साधारण वॉक से औसतन 125 कैलोरीज बर्न होती हैं, वहीं रकिंग से इतने ही समय में 325 कैलोरी बर्न होती हैं। अगर आप हर सप्ताह 30 मिनट रकिंग और सालभर में आप 31,200 कैलोरीज बर्न कर सकते हैं।

मांसपेशियों की मजबूती

जब आप वजन के साथ पैदल चलते हैं तो आपकी मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, और वो मजबूत होती हैं। स्कूल और कॉलेज जाते समय कोशिश करें कि बैग लेकर पैदल चलें।

सहनशक्ति बढ़ती है

रकिंग कार्डियोवेस्कुलर सिस्टम को भी मजबूत बनाता है जिससे सहनशक्ति बढ़ती है। इसको हर दिन अपने रूटीन में शामिल करने से आप कुछ ही समय में ख़ुद को ज्यादा शक्तिशाली महसूस करने लगते हैं।

रकिंग क्या है?

Rucking is good for college students too

रकिंग पैदल चलने की तरह ही एक्सरसाइज है, बस इसमें आप भारी वजन के साथ पैदल चलते हैं। भारी वजन के लिये आप घर का सामान का बैग, ऑफिस बैग या बच्चों का भारी स्कूल बैग लेकर चल सकते हैं। यह बिना सामान के सामान्य वॉकिंग से ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि जब आप वजन लेकर चलते हैं तो आपकी मांसपेशियां ज्यादा काम करती हैं।

रक’ या ‘रकसैक’ शब्द का अर्थ है बैकपैक। इस शब्द की शुरुआत उस समय हुई थी जब सैनिकों को उनकी ताक़त और सहनशक्ति बढ़ाने के लिए रकसैक में अपना सामान ढोने का प्रशिक्षण दिया जाता था। रकिंग के दौरान सैनिकों को बैक पैक में 90 किलो वजन लादकर रोजाना 40 किलोमीटर तक चलना पड़ता है। धीरे-धीरे, आम लोग भी इस तकनीक को अपनाने लगे और आज यह एक फिजिकल फिटनेस एक्टिविटी के रूप में ख़ूब लोकप्रिय हो रही है।

इन बातों का रखें ध्यान

एकदम से बहुत ज्यादा वजन लेकर चलने की कोशिश नहीं करें। शुरुआत हल्के वजन से करें। रकिंग शुरू करें तब आप 4-10 किलो तक का वजन लेकर चल सकते हैं। शुरुआत में थोड़ी ही दूरी तय करें, और जैसे-जैसे आपकी क्षमता बढ़े, वजन और दूरी दोनों में वृद्धि करें।

अगर आप भी वजन कम करके बिलकुल फिट रहना चाहते हैं तो सही टाइम-टेबल बनाकर इस एक्सरसाइज को अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं।

अभिलाषा सक्सेना चक्रवर्ती पिछले 15 वर्षों से प्रिंट और डिजिटल मीडिया में सक्रिय हैं। हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में दक्षता रखने वाली अभिलाषा ने करियर की शुरुआत हिंदुस्तान टाइम्स, भोपाल से की थी। डीएनए, नईदुनिया, फर्स्ट इंडिया,...