Overview:
अनजाने में हर किचन में कुछ ऐसी चीजें काम में ली जाती हैं, जो एक समय के बाद सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन चीजों और टूल्स को आपको कुछ समय के बाद बदल लेना चाहिए। अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती और वे अनजाने में सेहत के साथ खिलवाड़ कर बैठते हैं।
Kitchen Equipment Tips: भारतीय लोग हमेशा से ही काफी किफायत के साथ चलने में विश्वास रखते हैं। ऐसे में वे किचन टूल्स को सालों साल काम में लेते हैं। लेकिन यहां वे एक बड़ी चूक कर जाते हैं। दरअसल, बुराई संभलकर चलने में नहीं है, लेकिन अनजाने में हर किचन में कुछ ऐसी चीजें काम में ली जाती हैं, जो एक समय के बाद सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन चीजों और टूल्स को आपको कुछ समय के बाद बदल लेना चाहिए। अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती और वे अनजाने में सेहत के साथ खिलवाड़ कर बैठते हैं। आइज जानते हैं कि किन किचन टूल्स को एक समय के बाद बदल लेना चाहिए।
Also read : ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए आटे में मिलाएं ये चीज, जड़ खत्म होगी परेशानी: BP Kam Karne Ke Upay
किचन स्पंज और स्क्रबर

किचन स्पंज और स्क्रबर रसोई में काफी काम आते हैं। बर्तन साफ करने से लेकर स्लैब साफ करने तक में इन्हें इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि समय के साथ इनमें बैक्टीरिया अपना घर बना सकते हैं। इसलिए आपको हर दो से तीन सप्ताह में इसे बदल लेना चाहिए। साथ ही हर बार काम में लेने के बाद इसे अच्छे से वॉश करना चाहिए। आप इसे गर्म पानी में उबाल भी सकते हैं, इससे बैक्टीरिया दूर हो सकते हैं।
रसोई के मसाले
हर भारतीय रसोई में काफी मसाले काम में लिए जाते हैं। एक समय था जब सालभर के मसाले स्टोर किए जाते थे। इनका एक प्रोसेस होता था, जो हर घर में अपनाया जाता था। लेकिन आजकल अधिकांश रसोइयों में बाजार के पैक मसाले काम में लिए जाते हैं। आप पैकेट खोलते हैं और मसाले को छोटे डिब्बों में निकालकर धीरे-धीरे काम में लेते रहते हैं। बचा हुआ मसाला पैकेट में ही रहता है। इस बीच ज्यादातर लोग मसालों की एक्सपायरी डेट चेक करना ही भूल जाते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। पिसे हुए मसालों को 6 से 12 महीने ही स्टोर करना चाहिए, इसके बाद इन्हें बदल लेना चाहिए। वहीं साबुत मसाले दो साल तक भी स्टोर किए जा सकते हैं।
नॉन-स्टिक पैन
आजकल नॉन-स्टिक पैन काफी यूज किए जाते हैं। लेकिन अगर आपके पैन की कोटिंग उखड़ गई है या इस पर खरोंच आ गई है, तो इसे तुरंत बदलना चाहिए क्योंकि धीरे-धीरे इसपर लगी कॉटिंग आपके खाने में भी मिलने लगती है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है। अगर आप लगातार नॉन स्टिक पैन यूज करते हैं तो आपको हर डेढ़ से दो साल बाद इसे चेंज कर लेना चाहिए।
कटिंग बोर्ड
समय के साथ कटिंग बोर्ड पर दरारें आने लगती हैं। इनमें बैक्टीरिया पनपने का डर रहता है। कई बार बोर्ड से सब्जियों की बदबू आने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बोर्ड का सरफेस डैमेज हो जाता है। इसलिए कटिंग बोर्ड को आप समय-समय पर बेकिंग सोडा और नींबू से साफ करें। साथ ही दो से तीन साल बाद इसे चेंज कर लें। ध्यान रखें आप लकड़ी या स्टील का कटिंग बोर्ड ही काम में लें। प्लास्टिक बोर्ड यूज करने से बचें।
सिलिकॉन स्पैटुला
सिलिकॉन स्पैटुला बहुत ही काम के होते हैं। ये आपके काम को आसान बना देते हैं। लेकिन आपने देखा होगा कि समय के साथ इनका कलर डार्क होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लगातार यूज करने के कारण ये खराब होने लगते हैं। ऐसे में आपको हर दो साल बाद या स्पैटुला का रंग बदलने पर उसे बदल लेना चाहिए।
प्लास्टिक कंटेनर
अगर आपकी रसोई में भी सालों पुराने प्लास्टिक कंटेनर काम में लिए जा रहे हैं तो इन्हें आज ही बदल लें। ये आपकी और आपके परिवार की सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं। प्लास्टिक कंटेनर हर दो से तीन साल में बदल लेने चाहिए, क्योंकि इनमें कमेकिल रिएक्शन होने का डर रहता है। इसी रिएक्शन के कारण ये कंटेनर समय के साथ मैले भी नजर आने लगते हैं।
चाय की छलनी
चाय की छलनी आपको हर साल चेंज कर लेनी चाहिए, क्योंकि लगातार काम में लेने के कारण इसके किनारों पर गंदगी जमने लगती है, जिसमें बैक्टीरिया पनपने का डर रहता है।
