Hindi Love Story: सुजीत ने होटल रूम में एंट्री करते ही सोफे पर अपना सारा सामान रखा और बैग खोलने लगा। जैसे ही उसने बैग खोला उसकी नजर बैग में रखी एक ऑरेंज कलर के पाउच पर पड़ी । उस पाऊच को देखकर सुजीत सोचने लगा ।अरे इसमें क्या है..?? इसे तो मैंने नहीं रखा था । ये यहां कहां से आ गया …?? जैसे ही उसने उस पाऊच को अपने हाथों में लिया उसके ऊपर एक चिट लिखा था ।अभी नहीं……..खोलना प्लीज़…!!
सुजीत समझ गया हो ना ये जया का ही काम हैं…!! और मुस्कुरा उठा…!!ओ जया तुम कितनी भोली हो… तुम्हारे इसी भोलेपन का तो मैं दीवाना हूं। आई लव यू जया मैं तुम से बहुत बहुत- बहुत प्यार करता हूं। बस तुम हमेशा ऐसी ही रहना..!!मेरी जिंदगी में आने के लिए तुम्हारा शुक्रिया..!!मन ही मन सुजीत बोल रहा था।
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पहले तो उसने सोचा ठीक है कोई बात नहीं बाद ही हम देखेगे कि आखिर इस पाऊच में क्या है..??पर लाख कोशिश करके भी कोई फायदा नहीं हुआ। सुजीत उस पाऊच को खोले वगैर रह ही नहीं पाया। क्यों कि उस पाऊच के रख रखाव ने सुजीत की उत्सुकता बढ़ा दी थी। जैसे ही सुजीत ने उस पाऊच को खोलना चाहा एक चिट फिर उसके हाथों से टकराया मुझे मालूम था आप नहीं मानोगे।अब तो सुजीत की उत्सुकता और भी बढ़ती जा रही थी। उसने जल्दी जल्दी उस पाऊच को खोला तो उस में एक लिफाफा और एक लाल गुलाब का फूल था। गुलाब के पंखुड़ियों पर बहुत ही सुंदर ढंग से लिखा था। आई लव यू “सुजीत”
हैप्पी वैलेंटाइंस डे “मैं आप से बहुत प्यार करती हूं..!!
इस प्यारे से सरप्राइज ने सुजीत का दिल जीत लिया।
आई लव यू टू जया..! कहते हुए उसने उन फूलों को चूम लिया ।आई मिस यू सो मच..!
काश..!!इस वक्त तुम यहां मेरे पास होती।
और लिफाफा खोलने लगा…..
जैसे ही सुजीत ने लिफाफा खोला इत्र की भीनी भीनी खुशबू उसके मन-मस्तिष्क को सराबोर कर गई।
बड़ी मुश्किल से स्वयं पर काबू पाते हुए सुजीत ने चिट्ठी पर अपनी नज़र फिराईं और….
हैप्पी वैलेंटाइंस डे जी,
आगे बढ़कर अपने प्यार का इज़हार करूं,
ऐसे माहौल में मैं कभी रही ही नहीं और आपके साथ इतने बरस गुजरने के बाद भी मैं आपकी तरह नहीं बन पाई। हमेशा सोचती हूं इस बार तो मैं आप से अपने दिल की बात बोल कर रहूंगी। आप से अपने प्यार का इज़हार करूंगी।
हर सुबह आपका माथा चूम कर प्यार से आपको जगाऊंगी फिर आप से आई लव यू कहूंगी।पर जैसे ही मैं आपके करीब जाती हूं। शर्म के मारे मैं कुछ कह ही नहीं पाती हूं। फिर अपने आप पे ही गुस्सा निकालती हूं और मन मसोसकर अपने काम में लग जाती हूं।
फूर्सत के पलों में मैं अक़्सर सोचते रहती हूं कि आप से झगड़ा करते समय तो मैं बिल्कुल भी नहीं शर्माती हूं। फिर अपने दिल की बात कहने में मैं क्यों मैं शर्मा जाती हूं…? कभी कभी सोचनें लगती हूं कि कहीं ऐसा अरेंज मैरिज की वजह से तो नहीं हुआ…??
फिर अगले पल ख़्याल आता है भला इन सब में मैरिज कहां से आ गया..?? ये तो प्यार का मामला है और प्यार तो मैं सिर्फ आप ही से करती हूं। वो भी बेशुमार …..!!
वो वाला प्यार (शादी से पहले का)कैसा होता है यह तो मुझे पता नहीं ..?पर ये वाला प्यार तो (शादी के बाद का)बहुत खास होता है। इतना तो मैं आपको बता सकती हूं..! अच्छा सुनिए ना..!!मेरी भावनाओं को समझ लीजिए !शायद मैं आगे भी आगे बढ़कर अपने प्यार का इज़हार कर ना सकूं..! इसलिए ये चिट्ठी लिख रहीं हूं।
और वो भी आपको आप ही के हाथों भेज रही हूं।
आपकी जया
चिट्ठी पढ़कर सुजीत ने तुरंत जया को फोन किया ।
तो जया ने हेलो नहीं बल्कि हैप्पी वेलेंटाइन्स डे कहा
तो सुजीत ने भी रोमांटिक अंदाज में अपने इश्क़ का इज़हार किया…. और जया से कहा
जया तुम तो बड़ी रोमांटिक हो यार….।
इतना सुनते ही जया शर्मा गई और धत् कहते हुए फोन रख दिया….!!
