Love Attraction Story: कॉलेज के बाद कुछ देर पब्लिक लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने की मेरी नित्यचर्या थी ।मैं अपनी जगह पर बैठ कर पढ़ने लगी पर पता नहीं क्यूँ आज मेरा ध्यान बार बार सामने बैठे लड़के की तरफ़ खिंच रहा था ।लाइब्रेरी में उसे पहले कभी नहीं देखा था देखने में साधारण व्यक्तित्व का स्वामी था ,किंतु एक अजीब सा आकर्षण था उसमें ।
मैं बीच -बीच में चोर निगाहों से उसे देखती । किंतु वो अपने पढ़ने में मग्न था ।कुछ देर पश्चात वो उठ कर चलागया और साथ में मेरा चैन भी ले गया । अब तो लाइब्रेरी मैं पढ़ने कम अपितु उसे देखने के लिए ज़्यादा जाती ।जिस दिनवो नहीं आता ,मेरा मन भी लाइब्रेरी में नहीं लगता ।बहुत कोशिशों के बाद आख़िर मैंने उसके विषय में पता लगा लिया ।उसका नाम विशाल था ,कानपुर से किसी बिज़्नेस प्रोजेक्ट के लिए आया था और किसी होटल में रह रहा था । मैं तो अभिमन्यु की तरह उसके आकर्षण के चक्रव्यू में फँस चुकी थी जहाँ से बाहर निकलने का कोई रास्ता समझ नहीं आ रहा था ।दिन ऐसे ही बीत रहे थे ।
एक दिन जब मैं अपने घर पहुँची तो माँ के साथ विशाल को देख वही जड़वत हो गयी ।
“ आओ सान्या , ये विशाल है , मेरी कानपुर वाली सहेली का बेटा ।यहाँ बिज़्नेस के कुछ काम से आया है ।“ माँ कीआवाज़ ने मेरी तंद्रा तोड़ी ।
“ अच्छा ..तुम दोनों बातें करो ..मैं इतने चाय -नाश्ता ले कर आती हूँ “ कह कर माँ रसोई में चली गयी ।
“ क्या हुआ …हैरान हो गयी मुझे यहाँ देख कर ।”वो बोला
“ पर तुम लाइब्रेरी में …” उत्सुकतावश मैंने पूछा
“ वो मुझे प्रोजेक्ट के लिए कुछ मटीरीयल चाहिए था ….”
“ वैसे मैं तो पहले दिन से जानता था की तुम सरला आँटी की बेटी हो ।”
“ कैसे ..”
“ सरला आँटी ने तुम्हारी तस्वीर भेज दी थीं ।“
“ तुमने मुझे पहले क्यूँ नहीं बताया “
“ अगर बता देता तो तुम्हारे ख़ूबसूरत चेहरे पर ये ख़ूबसूरत से भाव कैसे देखता “ कह कर वो शरारत भरी नज़रों से देखने लगा ।
माँ भी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं ।
