Chhattisgarh Women Scheme: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साल 2023 से 2024 का बजट पेश कर दिया है। इस बजट को ‘भरोसे का बजट नाम दिया गया है। सरकार के इस भरोसे के बजट में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया गया है।
छत्तीसगढ़ के ‘भरोसे के बजट’ में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के हितों के लिए संवेदनशील पहल की गयी है। इस बजट में निराश्रितों, दिव्यांगों, विधवा महिलाओं के साथ-साथ अन्य समुदाय का भी खास ख्याल रखा गया है। इस बजट में सरकार के पिटारे से किसके लिए क्या निकला है, आइए ये जान लेते हैं…
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आंगनबाड़ी के लिए खास सौगात

भरोसे के बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं और बच्चों के पोषण के साथ-साथ टीकाकरण के लिए प्रदेश में चलाए जा रहे लगभग 46,660 आंगनबाड़ी केन्द्रों में काम करने वाले कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाते हुए महीने के 6,500 रुपये से 10,000 रुपये कर दिया है। वहीं आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 3,250 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4,500 से बढ़ाकर 7,500 रुपये कर दिया गया है।
देखा जाए तो आंगनबाड़ी से जुड़े कार्यकर्ताओं के लिए ये बजट काफी उल्लास भरा रहा है क्योंकि इस बजट में सरकार ने उनकी उम्मीदों पर खरे उतरने का पूरा प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की बढ़ाई राशि
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी के लिए चल रही ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ को लेकर भी मुख्यमंत्री ने बड़ा ऐलान किया है। अभी तक इस योजना में 25,000 की राशि की मदद की जाती थी, जिसे इस बजट में बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। ‘भरोसे के बजट’ में कुल 38 करोड़ रुपये का प्रावधान ‘कन्या विवाह योजना’ के लिए किया गया है।

शुरू होगी कौशल्या समृद्धि योजना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बजट में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए स्वरोजगार योजनाओं को लागू करने का ऐलान किया है, जिसके लिए ‘कौशल्या समृद्धि योजना’ चलाई जाएगी। इसके लिए नवीन मद में 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री बाल उदय योजना से संवरेगा भविष्य
छत्तीसगढ़ के बजट साल 2023-24 में बाल संप्रेक्षण गृह से बाहर जाने वाले बच्चों के लिए ‘मुख्यमंत्री बाल उदय योजना’ की शुरुआत की गई है, जिसके तहत उनकी उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल कर दी गयी है। साथ ही वहां से बाहर जाने वाले युवक और युवतियों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी, जिसके लिए 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा सरकार ने यूनिफाइड डिजिटल एप्लीकेशन योजना को शुरू करने का ऐलान किया है, जिसके लिए 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
पोषण, बाल विकास के साथ-साथ अधोसंरचना विकास का भी इस बजट में प्रवधान किया गया है, जिसके लिए कितनी धनराशि खर्च की जाएगी, ये जान लेते हैं।
नगरीय क्षेत्रों में सौ आंगनबाड़ियों के लिए 12 करोड़ रुपये खर्च किया जाएंगे।
.’मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ के लिए 160 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
.’बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ योजना के लिए 8 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
.’एकीकृत बाल विकास सेवा योजना’ के लिए 844 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
एकीकृत बाल संरक्षण योजना के लिए 124 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
महिला और बाल विकास विभाग के लिए 2 हजार 675 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
समाज कल्याण विभाग के लिए 1 हजार 125 करोड़ रुपये खर्च किया जाएंगे।
समाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों के लिए भी बड़ा ऐलान
निराश्रितों, बुजुर्गों, दिव्यांगों, परित्यक्ताओं और विधवा महिलाओं के लिए भी इस बजट में बड़ा ऐलान किया गया है, जिसमें ‘समाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत मासिक पेंशन 350 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी गयी है। सरकार के इस प्रयास से इन सभी लोगों को कुछ हद तक आर्थिक मदद मिल सकेगी।
नवा पिल्हर योजना की होगी शुरुआत
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उभयलिंगी लोगों को लिए नई पहल करते हुए ‘नवा पिल्हर योजना’ का शुभारम्भ करने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत पढ़ाई-लिखाई और रोजगार के लिए परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद की जाएगी। इस योजना के लिए सरकार 25 लाख रुपये खर्च करेगी।
बनाया जाएगा ‘सियान हेल्पलाइन सेंटर’
बुजुर्गों से लेकर उभयलिंगी, विधवा महिलाओं और दिव्यांगों की समस्या का समाधान करने के लिए ‘सियान हेल्पलाइन सेंटर’ बनाया जाएगा, जिसमें सभी की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। ये नंबर बिलकुल टोलफ्री रखा जाएगा, जिसके लिए बजट में एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

