छोटे बच्चों के रोने के पीछे कई वजह होते हैं। वो भूख से भी रोते हैं, डायपर बदलवाने के लिए भी रोते हैं और गैस या किसी अन्य परेशानी की वजह से भी रोते हैं। कभी-कभी दूध पीने के बाद डकार लेने के लिए, गोदी में चढ़ने के लिए, आसपास होने वाले शोर से परेशान […]
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पेरेन्ट्स बच्चों से कभी न कहें ऐसी बात
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पेरेंट्स के कहे हर शब्द का, फिर चाहे वो पॉज़िटिव हो या नेगेटिव, बच्चों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए ये और भी जरूरी है कि बच्चे चाहे कैसे भी बिहेव कर रहे हों पेरेन्ट्स उन्हें समझाने या डांटने के लिए बहुत सोच समझकर अपने शब्दों का चयन करें। बच्चों […]
बच्चों के साथ जरूर देखें ये डॉक्यूमेंट्रीज़
वीकेंड पर अगर आप बच्चों के साथ समय बिताते हुए आप नेटफ्लिक्स या हॉटस्टार पर स्ट्रीम होने वाले कई बेहतरीन डॉक्यूमेंट्रीज़ देख सकते हैं। साथ में किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट्री को देखना इसलिए मजेदार होता है कि आप जो भी देखते , समझते हैं, वो आपस में डिसकस भी कर सकते हैं। ये क्वालिटी […]
तूफां से जूझती कश्ती- सिंगल मदर
महिलाएं अब अबला नहीं हैं। न वह मोहताज हैं और न ही
केवल मोहरा। हजारों मुसीबतों के बावजूद अनेक माएं सिंगल
होने के बावजूद सफल मां साबित हुई हैं।
बच्चों को सिखाएं अपनी भावनाएं व्यक्त करना
बच्चे काफी बड़े होने तक अक्सर अपनी भावनाएं ठीक प्रकार से व्यक्त नहीं कर पाते हैं और अगर कोई उनकी बात समझ नहीं पाता है तो उन्हें बहुत बुरा लगता है। ऐसे में उन्हें अपनी बात को अभिव्यक्त करना सिखाना अभिभावकों का ही दायित्व होता है।
अगर होमवर्क बन गया है हेडेक, तो पढ़े ये टिप्स
बच्चों को होमवर्क कराना अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि बच्चा चाहे जिस उम्र का भी हो, होमवर्क का नाम सुनते ही उसकी आनाकानी शुरू हो जाती है। लेकिन कुछ छोटी, मगर महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखकर आप होमवर्क के बहाने बच्चे को रोज़ पढ़ने बैठने की आदत आसानी से लगा सकती हैं। पढ़िए ये टिप्स-
बच्चों को बताएं बचत के फायदे, अपनाएं ये टिप्स
एक पुरानी कहावत है कि, अगर कुबेर भी अपनी आय से ज्यादा खर्च करें तो वो भी कंगाल हो जाएगा। इसलिए खर्चों की सीमा तय होना बहुत ही जरूरी है। साथ ही जरूरी है उसी आय में से बचत करना और ये आदत मां-बाप को अपने बच्चों में भी डालनी चाहिए। मंहगाई के इस […]
बच्चों का पढ़ाई मे मन लगाने के कारगर उपाय”
हंसते, खिलखिलाते बचपन के लिए
अभिभावकों की डांट के साथ-साथ दुलार और सही मार्गदर्शन भी बच्चों के लिए बेहद जरूरी होता है। पढ़ाई बोझ न बने इसके लिए मां-बाप को बच्चों का पूरा साथ देना चाहिए।
