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स्वच्छ पर्यावरण—गृहलक्ष्मी की कविता

Environmental Poem: स्वच्छ पर्यावरण में होती जीवन की खुशहाली।खुशबू के संदेशे देती फूलों वाली डाली।इस कारण ही कुदरत की मर्यादा में प्यार दिखे।शुद्धता की अच्छाई में सारा सभ्याचार दिखे।मानव परोपकारी है तो सभ्यता शक्तिशाली।स्वच्छ पर्यावरण में होती जीवन की खुशहाली।जीवनशैली मुद्धत से भारत की पहचान रही।दुख सुख की परिपक्कता में इस की ऊंची शान रही।शुभआशीषों […]

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शीर्षक: ए चंदा सुन- गृहलक्ष्मी की कविता

गृहलक्ष्मी की कविता- ए चंदा,आज तुझसेकुछ बातें करनी हैंकुछ अपनी कहनी हैकुछ तेरी सुननी हैक्यों सदा निहारता है तूयूं टकटकी लगा धरा कोक्या तुझे भी किसी नेछला है बेहिसाबक्या तेरा भी मेरी तरहखिन्न है मन आजतू क्यों है इतना शांतक्यों सियें हैं तेरे अधरकुछ तो हाल ए दिल खोलचल मान लिया मैंनेतू है गमगीन बहुतनहीं […]

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मेरे हिंदुस्तान सा न देश कोई और है -गृहलक्ष्मी की कविताएं

गृहलक्ष्मी की कविताएं-विश्व गुरु है भारत मेरा,दुनिया में सिरमौर हैमेरे हिन्दुस्तान सा न देश कोई और है ऋषि-मुनियों की तपोभूमि है,वीरांगनाओं की जननी हैराम -कृष्ण खेले यहीं पर,रहीम-रसखान की धरती हैविवेकानंद के ज्ञान की चर्चा चहुँ ओर हैमेरे हिन्दुस्तान सा न देश कोई और है वीर सिपाही जनने वाली माताओं का देश हैभाषा-वेश अलग हों चाहे ,फिर […]

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