अगर आप हेयर कलर का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो घर पर ही घरेलू हेयर कलर तैयार कीजिए, जो शत-प्रतिशत प्राकृतिक होने के अलावा सस्ता, टिकाउ और कैमिकल रहित होता है।
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दिल्ली एनसीआर की जहरीली हवा से बचना है तो अपनाएं ये उपाय
दिल्ली एनसीआर में लोगों के लिए सांस लेना भी दूभर हो चुका है… बहुत सारे लोग सांस सम्बंधी समस्याएं लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में अपने और अपने प्रियजनों की सेहत का ख्याल जरूर रखें, ताकि किसी गंभीर स्थिति का सामना ना करना पड़े।
पत्नीजी का ‘ऑड-ईवन’ फार्मूला – गृहलक्ष्मी कहानियां
हम पतिधर्म निभाते हुए सुनते रहे। लाचारी में कोई विकल्प होता भी नहीं। नए सिस्टम के अनुसार सोम, बुधवार, शुक्रवार को किचन की जिम्मेदारी पत्नीजी पर और मंगल, बृहस्पति, शनिवार को हमारी। नहीं पता, मेरे हिस्से सम आया या विषम, लेकिन सुनते ही कंपकंपी छूट गई।
त्योहारों पर रखें अपना और पर्यावरण का ख्याल
इस बार त्योहारों के मौके पर खुद से वायदा करें कि अपने घर और आस-पास के माहौल को खुशनुमा और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए हम ईकोफ्रेंकली तरीके अपनाएंगे।
मन हो आलोकित तो सदा रहे दीपावली
दीपावली पर्व है पुरुषार्थ का, अंधकार की कालिमा से ज्ञान के उजियारे की स्वर्णलालिमा तक जाने का, हर घर-आंगन में ज्ञान का ज्योतिकलश छलके, हर गृहणी अपनी देहरी पर जलते दीप का दिव्यार्थ समझे…
सनबर्न- सनटैन से छुटकारा पाएं
सर्दी हो या गर्मी, धूप से स्किन पर सनब्लॉक और सनटैन हो ही जाता है। इसलिए धूप में इसे ठीक करने वाली क्रीम या लोशन के बिना घर बाहर न निकलें। इसे दिन में दो बार और घर के बाहर निकलने से 20 मिनट पहले जरूर लगाएं ।
त्वचा को निखारती है नाइट क्रीम
सोते समय त्वचा की उचित देखभाल करने से त्वचा की मृत कोशिकाएं हट जाती हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण तेजी से होता है। इसलिए जरूरी है कि नाइट क्रीम का इस्तेमाल करें।
बाहों को चाहिए खास देखभाल
सुंदर, सुडौल, संवरी बांहे देती हैं खूबसूरती को एक मुकम्मल आयाम। यहां पेश हैं कुछ ऐसे सुझाव, जो आपकी बाहों को खूबसूरत बनाने में मददगार साबित होंगे।
एंवायरमेंट से इवेन रिलेशन्स सही या नहीं-अपनी राय बताएं
कल से दिल्ली में औड-इवेन फॅार्मूला लागू हो गया है।अच्छा है, हमारी दिल्ली के लिए और हम सब के लिए भी।अब इसी बहाने हम जरा जमीन पर तो उतरेंगे।कभी आटो, कभी बस, तो कभी मेट्रो पर चलेंगे और अनजान सी भीड़-भाड़ से मिलेंगे-जुलेंगे। माना की दिक्कतें होंगी, लेकिन मजा भी तो आएगा।जी हां, वैसा ही मजा जैसा स्कूल से निकलने के बाद कॅालेज के पहले दिन आता है । जब ज्यादा दिक्कत हो, तो अड़ोसी-पड़ोसी और दोस्तों से मदद मांगे, कार पूल करें। मदद? जी बिलकुल। इस प्रोसेस में एक से ज्यादा फायदे हैं।हमने जो ईगो की चादर ओढ रखी है, वह कुछ तो उतरेगी। हमारे आस-पास अड़ोसी-पड़ोसी से कॅाम्पिटीशन कम और ज्यादा मिल्लत होगी। नए साल का यह बदलाव दिल्ली के पर्यावरण के साथ-साथ यहां के दिलवालों को भी बदल सकता है।क्या दिल्ली का ये फॅार्मूला अन्य राज्यों में भी कारगर हो सकता है। आप बताएं, आपकी क्या राय है?
पटाखे आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा तो नहीं
ज्यादातर पटाखों से 80 डेसीबल से अधिक स्तर की आवाज निकलती है जिस कारण बहरापन, उच्च रक्तचाप और अनिद्रा जैसी स्थिति आ जाती है। इसलिए आपको बहुत तेज आवाज वाले पटाखें चलाने से बचना चाहिए.
