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बोझिल पलकें, भाग-15

एक अपराधी की जिंदगी जीने को मजबूर अजय के लिए अंशु उम्मीद की वह किरण थी, जिसके भरोसे पर वह सोच रहा था कि एक दिन वह इस अपराध की अंधेरी दुनिया को छोड़कर उजालों में सांस लेगा। पर क्या ये इतना आसान था?

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बोझिल पलकें, भाग-9

अंशु जितनी सुंदर थी, उतनी ही स्वाभिमानी और गरिमामयी भी। रंधीर के आने की खुशी में हुई पार्टी में भी अंशु ने अपने मान की रक्षा के लिए कुछ ऐसा किया कि रंधीर और चन्दानी तिलमिला कर रह गए अपमान की आग से। क्या हुआ था ऐसा, जानिए आगे की कहानी पढ़कर।

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