नवरात्रि पर शक्ति आराधना का महत्व: Navratri Story
Navratri Par Shakti Aradhna ka Mahtav

Navratri Story: नवरात्रि यानी शक्ति की पूजा आराधना , शक्ति की आराधना हमारे समाज में दर्शाती है कि स्त्री एक शक्ति है और शक्ति के बिना तो शिव भी अधूरे हैं, फिर हम सामान्य इंसान की तो बात ही क्या करें?

नवरात्र में चाहे पुरुष हो या स्त्री सभी शक्ति की पूजा आराधना करते हैं , मां को मनाते हैं, उन्हें पुकारते हैं। पुरुष के द्वारा की गई पूजा अर्चना बताती है कि उन्हें भी शक्ति एक स्त्री से मिलती है, जन्म के समय मां और फिर कभी बहन, भाभी, पत्नी बेटी के माध्यम से शक्ति के साथ यह रिश्ता ताउम्र चलता है और हमारे जीवन में स्त्री शक्ति का महत्व दर्शाता है।

स्त्री जब शक्ति की आराधना करती है तो उसका महत्व है कि मां दुर्गा हमें बताती है कि नारी तो नारायणी है,हम अबला नही सबला है बस अपने अंदर की शक्ति को हमें पहचाना है।

शक्ति का दुर्गा नाम भी अपने में कई अर्थ समेटे हैं। दुर्ग यानी कोई किला यानी हृदय ,जब हम अपने मन मंदिर (दुर्ग) के द्वार दुर्गा की पूजा आराधना के लिए सच्चे मन से खोलते है, उस शक्ति को मां कहकर पुकारते हैं, तब मां दुर्गा का निवास ,अपने दुर्ग यानी अपने हृदय में उसका निवास पाते हैं और दयामयी मां दुर्गा की कृपा का वरदहस्त अपने आप पर अवश्य पाते हैं।

कब से बैठी तेरे दर पर मैया,
भर दो झोली खाली,
सारे बिगड़े काम बना दो,
मेरी मैया शेरावाली वाली।

जय मां,जय अम्बे।

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