Rishton se Mit Jaye
Rishton se Mit Jaye

Hindi Poem: रिश्तों से मिट जाए खटास मेरे मौला
हर ज़ुबां पे हो बस मिठास मेरे मौला
जहान भर में सारे तू ही था बस मेरा
क्यूं तुझको फिर नहीं है एहसास मेरे मौला
मैं जी रहा हूं कैसे ये मैं ही जानता हूं
साथ नहीं है था जो मुझे ख़ास मेरे मौला
ज़िन्दगी की ये नैया पार कैसे होगी
इक ही मेरी है बाकी आस मेरे मौला
बयां जो कर रहा हूं गीतों में हाल अपने
गुनगुनाएगा तू भी यही आस मेरे मौला