माँ तुम हो मेरा  संसार!-गृहलक्ष्मी की कविता
Maa Tum ho Mera Sansaar

Mother Poem: माँ तुम हो मेरा संसार,

तुम  ही चंदा, तुम  ही खुसबू

तुम फूलों की डाली ,

तुमसे मेरी  सारी खुशियां

होली और दिवाली ,

सज ही गया मेरा   संसार 

माँ तुम  हो  मेरा  सँसार!

तुम ही चन्दा तुम ही चिराग

पंख लगा मैं संग  उडूंगी

कलियां जब  महकेंगी ,

माँ तुम हो इस घर का  दीपक 

रोशन   जहां    करती हो  ,

जब बरसेगा रिमझिम सावन 

तब  छलकेगा  प्यार !

माँ  तुम  हो  मेरा  संसार !

जब  रुखसत  हूंगी मैं  तुझसे

असह वेदना होगी , 

लेकिन तेरी  चौखट पे  माँ

सजदा सदा करूंगी ,

चारो      धाम    यही   है   मेरा 

बद्री      भी    केदार भी!

माँ  तुम  हो  मेरा   संसार !

तुम ही चंदा तुम ही चिराग

तुम  ही  दुर्गा , तुम  ही  काली

निखिल सृष्टि का  हिस्सा ,

तुमसे    ही   होता   आया  है 

सदा   सृष्टि  विस्तार !

माँ  तुम  हो  मेरा   संसार !

तुम ही चन्दा तुम ही चिराग

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