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Women Who Cook for Their Husbands Are Less Happy

Summary:हार्वर्ड रिसर्च में दावा: हर दिन पति के लिए किचन में समय बिताने वाली महिलाएं हैं कम खुशहाल

अध्ययन के मुताबिक, जो महिलाएं रोजाना खाना बनाने की जिम्मेदारी निभाती हैं, वे शादीशुदा जीवन में बोरियत महसूस करती हैं। वहीं, साथ मिलकर या बाहर का खाना पसंद करने वाले कपल्स ज्यादा खुश रहते हैं।

Women Cooking for Husband Are Less Happy: आपने लोगों को यह अक्सर कहते सुना होगा कि पति के दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरता है, यानी पति को खुश करना है तो उनके लिए तरह-तरह के पकवान  बनाएं और अपने पति के दिल पर राज करें। लेकिन हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में एक चौंकाने वाली बात कही है, उनके अनुसार जो महिलाएं अपने पति के लिए खाना नहीं बनाती हैं, वे अपने शादीशुदा जीवन में ज्यादा खुश होती हैं और जो महिलाएं रोज अपने पति के लिए खाना बनाती हैं, उन्हें अपने शादीशुदा जीवन में बोरियत महसूस होती है। इस शोध के लिए हार्वड के शोधकर्ताओं ने 12,000 विवाहित जोड़ों पर 15 साल तक नज़र रखी, उसके बाद यह निष्कर्ष निकाला है।

Women Cooking for Husband-sad women
A Surprising Result

इस शोध का नतीजा काफी आश्चर्जनक है, इसके अनुसार जो महिलाएं अपने पतियों के लिए रोज खाना नहीं बनातीं हैं, उन्होंने अपने शादीशुदा जीवन को 8.4/10 रेटिंग दी, जबकि जो महिलाएं रोजाना पति के लिए खाना बनाती हैं, उन्होंने अपने शादीशुदा जीवन को 6.1/10 रेटिंग दी।

women in kitchen
Why Women Are Unhappy When They Cook for Their Husbands Every Day

जब एक महिला रोज अपने पति के लिए खाना बनाती है, तो वह स्वतः ही “सेवा कर्मचारी” की भूमिका में आ जाती है। भले ही उसके पति ने कभी इसके लिए उसे न कहा हो। वह मनोवैज्ञानिक रूप से खुद को खाना बनाने के लिए जिम्मेदार मानने लगती है और घर में एक समान भागीदार की बजाय वह भोजन के माध्यम से “घर में अपनी जगह बनाने” वाली व्यक्ति की तरह महसूस करने लग जाती है। इसके अलावा रोजाना खाना बनाने के कारण पत्नी को ऊबन भी महसूस होने लगती है और एक समय के बाद उसे इस काम को करने में बिलकुल भी खुशी महसूस नहीं होती है और वह चिड़चिड़ा महसूस करने लगती है।

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How Couples Are Happier

इस अध्ययन से यह बात पता चला है कि वे कपल्स सबसे ज्यादा खुशहाल जोड़े होते हैं जो या तो साथ मिलकर खाना बनाते हैं, बारी-बारी से खाना बनाते हैं, या पति रसोई संभालता है, या बस खाना बाहर से ऑर्डर करता है। इस शोध में सबसे दिलचस्प बात यह सामने आई है कि पुरुष तब भी ज़्यादा खुश रहते हैं जब उनकी पत्नियाँ उनके लिए लगातार खाना नहीं बनातीं।

दरअसल जब कोई महिला अपनी इच्छा से खाना नहीं बनाती है, बल्कि उसे जबरदस्ती ज़िम्मेदारी के रूप में खाना बनाना पड़ता है तो वह हताश और थकान महसूस करने लगती है, जिसका सीधा असर उसके रिश्ते पर पड़ता है। दरअसल जब एक महिला खुद को किचन से दूर रखकर अपने रिश्ते के अन्य पहलुओं और अपने करियर पर ज्यादा ध्यान देती है तो वह ज्यादा खुश रहती है और अपने पति के साथ खुशनुमा समय बिता पाती है, जिससे उसे रिश्ते में खुशी महसूस होती है। परिणामस्वरूप: वह अपने जीवन में ज़्यादा दिलचस्प, ज़्यादा खुश और ज्यादा संतुष्ट रहती है।

ए अंकिता को मीडिया इंडस्ट्री में 9 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और खास तौर पर लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट बीट में रुचि रखती हैं। लेखन के अलावा वेब सीरीज़ देखना, घूमना, संगीत सुनना और फोटोग्राफी...