जानिए किसी पिता के दिल का टुकड़ा क्यों होती है बेटी: Father-Daughter Relation
Father-Daughter Relation

Father-Daughter Relation: हम सभी ने कई बार यह सुना है कि बेटियां पापा की परी होती हैं या फिर उनके दिल का टुकड़ा होती हैं। यूं तो माता-पिता को अपने सभी बच्चे प्यारे होते हैं, लेकिन जहां बात बेटियों की आती है तो पिता का दिल ना जाने क्यों उनके लिए पसीज ही जाता है। हम सभी बेटियों ने बचपन में अपने पिता को दिल खोलकर प्यार लुटाते हुए देखा है। किसी भी पिता के लिए बेटी एक राजकुमारी होती है, जिसकी हंसी से पूरा घर खुशियों से सराबोर हो उठता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेटियों को उनके पिता से इतना विशेष प्यार क्यों मिलता है?

माइकल रत्नदीपक ने भी एक बार कहा था, ’इस दुनिया में कोई भी एक लड़की को उसके पिता से ज़्यादा प्यार नहीं कर सकता’ और यह कथन इससे ज़्यादा सच नहीं हो सकता। एक बेटी और उसके पिता के बीच एक अनोखा बंधन होता है। यह वह जादुई रिश्ता होता है, जिसे शब्दों में बयां कर पाना संभव ही नहीं है। जिस दिन एक आदमी अपनी प्यारी सी राजकुमारी को पहली बार देखता है, उनके बीच प्रेम के उस स्थायी रिश्ते की शुरुआत हो जाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में जानने का प्रयास करेंगे, जिसकी वजह से एक बेटी अपने पिता के दिल का टुकड़ा बन जाती है- 

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एक पुरुष दुनिया के सामने हमेशा खुद को अधिक मजबूत व सफल साबित करने की कोशिश करता है। लेकिन उसके मन में भी एक नरम कोना होता है जो आमतौर पर उनकी बेटी के सामने ही सामने आता है। वह जानता है कि वह बिना कोई निर्णय दिए उनकी बात सुनेगी। एक बेटी उसके साथ हंसने, उसे बिना शर्त प्यार करने और उसके द्वारा उसके लिए किए गए हर काम की सराहना करने के लिए होती है। एक बेटी का प्यार निस्वार्थ होता है और शायद यह एक वजह है कि पिता का लगाव भी बेटी से कुछ अधिक ही होता है।

हम सभी ने यह देखा है कि घर में बेटियां बेटों की तुलना में अधिक आज्ञाकारी होती हैं। वह बिना किसी सवाल के अपने पिता की बात मान लेती हैं। पिता का थोड़ा सा प्यार सा ध्यान देना भी उन्हें खुश करता है। इस तरह, बेटी का यह स्वभाव कहीं ना कहीं पिता को बहुत अधिक खुश करता है। अधिकतर घरों में बेटे अक्सर मनमर्जी करते हैं या फिर कभी-कभी उल्टा जवाब भी दे देते हैं। लेकिन एक बेटी ऐसा नहीं करती। शायद इसलिए पिता भी बेटी से भावनात्मक रूप से अधिक जुड़ जाते हैं।

अगर आप सोच रहे हैं कि पिता अपनी बेटियों से ज़्यादा प्यार क्यों करते हैं, तो इसका कारण यह भी है कि एक पति के रूप में पुरुष अपनी पत्नी से डर सकता है, लेकिन अक्सर बेटी घर में होने वाली मस्तीभरे अपराधों में उसकी भागीदार बनती है। मासूमियत की उम्र से ही, वह उसकी आदर्श साथी बन जाती है जो साथ चलती है। वह पिता के साथ उन चीज़ों को भी करती है जिनके बारे में आप दोनों जानते हैं कि इससे आपकी पत्नी और उसकी मां का गुस्सा भड़क सकता है। वह गेम खेलने से लेकर कार की मरम्मत करने और यहां तक कि पार्टी करते समय भी आपकी पसंदीदा व्यक्ति बन जाती है।

यूं तो पिता और बेटी का साथ जीवनभर का होता है, लेकिन इस सच्चाई से कोई नहीं नकार सकता कि एक समय के बाद बेटी को शादी करके किसी दूसरे घर जाना होता है। बेटी के जन्म के बाद जब एक पिता उसका चेहरा देखता है तभी उसके मन में यह विचार आ जाता है कि उसकी बेटी एक दिन उसे छोड़कर चली जाएगी। ऐसे में खुद से दूर होने का ख्याल कहीं ना कहीं एक पिता को अपनी बेटी से भावनात्मक रूप से अधिक जोड़कर रखता है। एक पिता के रूप में वह हमेशा यही चाहता है कि बेटी के साथ उसे अपने जीवन का जितना भी समय बिताने का मौका मिले, उसमें वह अपनी बेटी को जीवन की हर खुशी दे दे और उसके साथ खुद भी अपने जीवन के कुछ बेहतरीन पल जी ले।

एक पिता और बेटी के बीच एक ऐसा बंधन होता है जिसे दुनिया में कोई और नहीं समझ सकता है। इस स्तर की अंतरंगता जीवन के किसी भी अन्य रिश्ते से बेजोड़ है। यह निकटता पिता को अपनी बेटियों के लिए एक सुपरहीरो की तरह महसूस करने की अनुमति देती है, जिससे उन्हें हमेशा आगे बढ़ने में मदद मिलती है। वह अपनी बेटी के जीवन में आने वाले पहले पुरुष होते हैं और इसलिए ना केवल पिता का बेटी के लिए एक अलग लगाव होता है, बल्कि वे खुद को हर दिन बेहतर और भी ज्यादा बेहतर व सफल बनाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। कई बार पिता बेटी के साथ सख्त हो जाते हैं, लेकिन वे उसकी सुरक्षा के लिए प्यार से ऐसा करते हैं। एक बेटी मन ही मन यह जानती है कि जीवन में चाहे कुछ भी हो जाए, उसके पास कोई है जो हमेशा उसके लिए मौजूद रहेगा और उसे जीवन में आने वाली किसी भी मुसीबत से बचाएगा।