Couple Financial Planning
Couple Financial Planning

Couple Financial Planning: किसी भी रिश्ते में कपल्स के बीच तनाव का एक मुख्य विषय पैसा भी हो सकता है। जब दो लोग एक कपल के रूप में साथ रहते हैं तो ऐसे में उन्हें अपनी फाइनेंस से जुड़ी जिम्मेदारियों को भी साथ मिलकर निभाने की जरूरत होती है। लेकिन जब कपल इसे सही तरह से नहीं संभाल पाते हैं तो इससे उनके बीच में परेशानियां व आपसी झगड़े शुरू हो जाते हैं। भले ही आप अभी किसी के साथ रिश्ते में आए हों या फिर आपको साथ रहते समय एक लंबा वक्त हो गया हो, फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को मिलकर समझदारी से संभालना बेहद जरूरी होता है।

यह देखने में आता है कि जिन कपल्स में केवल एक ही पार्टनर वर्किंग होता है, वहां पर अमूमन वही व्यक्ति सारे फाइनेंशियल डिसिजन लेता है। लेकिन यहां पर आपको यह समझना चाहिए कि भले ही एक व्यक्ति कमा रहा है, लेकिन उससे दो व्यक्ति का खर्च चलना है, तो ऐसे में उन दोनों की सहभागिता होनी बेहद जरूरी है। आखिरकार, पैसा सिर्फ़ संख्याओं के बारे में नहीं है, बल्कि यह कम्युनिकेशन, भरोसे और जीवन के लक्ष्यों को शेयर करने के बारे में ही है। यह सच है कि बिल, बजट और बचत के बारे में बात करना बिल्कुल भी रोमांटिक टॉपिक नहीं है। इसलिए इसे ऐसे तरीके से पेश करना ज़रूरी है जो आप दोनों के लिए काम करे और आप महसूस करें कि आप दोनों एक ही टीम में हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जो कपल्स में फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को मैनेज करने में मदद करेंगे-

Couple Financial Planning
Financial Talk

अगर आप अपने पार्टनर के साथ फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को बेहतर तरीके से मैनेज करना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आप साथ बैठकर पैसे के बारे में खुलकर बातचीत करें। अपनी कमाई से लेकर खर्च व लोन आदि को लेकर कुछ भी ना छिपाएं। जब आप ऐसा करते हैं, तो इससे मिलकर फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को मैनेज करना अधिक आसान होता है। हालांकि, जब आप फाइनेंशियल टॉक करते हैं तो इससे सामान्य बातचीत की तरह ही रखें। मसलन, जब आप वॉक कर रहे हैं या फिर कॉफी डेट पर हैं तो केजुअल तरीके से फाइनेंशियल टॉक कर सकते हैं। इस टॉक को बहुत अधिक हैवी या स्ट्रेसफुल ना बनाएं।

जब बात मिलकर फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को निभाने की होती है तो ऐसे में जरूरी होता है कि आप कपल्स फाइनेंशियल गोल्स सेट करें। आप एक साथ मिलकर सपने देखें और फिर मिलकर ही उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। अब आपके फाइनेंशियल गोल्स बिल्कुल अलग होंगे तो ऐसे में उन रिस्पॉन्सिबिलिटी को निभाना दोनों ही पार्टनर को भारी लगेगा। आप अपने सपनों के घर के लिए बचत करने से लेकर हॉलिडे प्लान करने यहां तक कि इमरजेंसी के लिए कुछ फंड्स तय करें और फिर मिलकर उसके अनुसार काम करें। 

divide expenses appropriately

जब बात कपल के लिए फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को मैनेज करने की होती है तो यह जरूरी नहीं है कि खर्चों को 50/50 में बांटा जाए। यह दोनों कपल की आय के अनुसार होना चाहिए। अगर कमाई के आधार पर एक पार्टनर 60 प्रतिशत बिलों का भुगतान करता है और दूसरा 40 प्रतिशत भुगतान करता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। कई बार इस तरह फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को बांटने से यह समझ में आता है कि कपल्स के बीच फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को सही तरह से बाटा गया है। किसी एक व्यक्ति पर वित्तीय दबाव बहुत अधिक नहीं है।

खुद पर खर्च करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यह जरूरी है कि आप पर्सनल खर्चों को लेकर ट्रांसपेरेंसी बरतें। इससे फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को मिलकर निभाने में कोई समस्या नहीं होती है। मसलन, अगर आप में से कोई एक किसी बड़ी चीज़ पर पैसे खर्च कर रहा है, तो उसे बताना ज़रूरी है। हालांकि, यहां बताने का मतलब सामने वाले से परमिशन मांगना नहीं है। लेकिन जब आप खर्चों को लेकर ट्रांसपेरेंसी बरतते हैं तो इससे बाद में एकदम से किसी बड़े खर्च या परेशानी की स्थिति आपको आर्थिक रूप से दबाव महसूस नहीं होता है।

Respect
Financial Respect

पैसों को संभालने व उसे खर्च करने का तरीका हर व्यक्ति का अलग हो सकता है। यह काफी हद तक संभव है कि एक व्यक्ति बचत में विश्वास रखता हो, जबकि दूसरे व्यक्ति को खुलकर खर्च करना अच्छा लगता हो। ऐसे में किसी एक पार्टनर को जबरदस्ती अपने फाइनेंशियल स्टाइल को बदलने पर जोर नहीं देना चाहिए। कोशिश करें कि आप एक-दूसरे के तरीके व स्टाइल का सम्मान करें और बीच का रास्ता निकालें। कोशिश करें कि आप ऐसा फाइनेंशियल प्लान बनाएं, जो दोनों के स्टाइल के अनुसार हो, जिससे किसी भी एक पार्टनर को परेशानी ना हो।

जब आप फाइनेंशियल रिस्पॉन्सिबिलिटी को मैनेज कर रहे हैं तो यह बेहद जरूरी है कि आप एक इमरजेंसी फंड जरूर बनाएं। इससे कहीं ना कहीं आपको मानसिक रूप से शांति मिलती है। एक साथ रहते हुए कई बार आपको कुछ फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में वह इमरजेंसी फंड आपके बेहद काम आएगा। साथ मिलकर 3-6 महीने के रहने के खर्च की बचत करने का लक्ष्य रखें। 

मैं मिताली जैन, स्वतंत्र लेखिका हूं और मुझे 16 वर्षों से लेखन में सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया में 9 साल से अधिक का एक्सपीरियंस है। मैं हेल्थ,फिटनेस, ब्यूटी स्किन केयर, किचन, लाइफस्टाइल आदि विषयों पर लिखती हूं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित...