Relationship Advice : माँ-बेटी का रिश्ता सबसे प्यारा रिश्ता होता है। इस रिश्ते की सबसे खास बात यह है कि इसमें प्यार कभी कम नहीं होता है। माँ के लिए उसकी बेटी हमेशा लाडली होती है और वे अपनी आँखों के सामने अपनी बेटी को कभी किसी तकलीफ में नहीं देख सकती है। माँ की बस यही कोशिश होती है कि उसकी बेटी हमेशा हँसते-खिलखिलाते रहे। बस कभी-कभी माँ के प्यार का तरीका थोड़ा बदल जाता है, खासकर जब भाई की शादी के बाद घर में भाभी आती है। ऐसे में बेटी को लगने लगता है कि अब उसकी माँ उसे प्यार करने के बजाए भाभी की खुशियों का ध्यान ज्यादा रखने लगी है। बेटी के मन में छोटी-छोटी बातों को लेकर खटास आने लगता है, लेकिन आपको नकारात्मक बातें मन में लाने के बजाए अपने रिश्ते को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए।
भाभी को अपना दुश्मन ना समझें

भले ही भाई की शादी से पहले आपकी माँ आपसे छोटी-छोटी बात पर सलाह लेना पसंद करती होंगी और यह भाभी के आने के बाद बंद हो गया होगा। इसका यह मतलब नहीं है कि घर में भाभी ने आपकी जगह ले ली है। आपको यह बात समझनी होगी कि घर में आपकी अपनी खुद की जगह है, जिसे कोई भी नहीं ले सकता है, इसलिए इतनी छोटी बात को लेकर भाभी को अपना दुश्मन ना समझें।
माँ से बात करें, भाभी की शिकायत नहीं

आप चाहती हैं कि भाभी के आने के बाद भी आपकी माँ आपको पहले की तरह ही प्यार करें तो आप उनसे बात करें, उनका ध्यान रखें ना कि हर समय उनके सामने भाभी की शिकायतें ही लेकर बैठ जाएँ। अगर आप ऐसा करती हैं तो एक समय के बाद आप अपनी माँ की नजरों में गलत लगने लगेंगी और उन्हें ऐसा भी लग सकता है कि आप उन्हें उनकी बहु से दूर करने की कोशिश करती हैं। आप एक बार खुद को अच्छी तरह से समझाएं कि आपकी माँ को आपकी भाभी के साथ ही रहना है और भाभी ही माँ का ध्यान रखेंगी, इसलिए उनके बीच दूरियां बढ़ाने की कोशिश ना करें।
माँ को कभी भी भाभी से संबंधित ताने ना मारें

जब भाभी के आने के बाद भी आपकी माँ आपको काम करने के लिए कहें तो आप उन्हें इस तरह के ताने ना मारे कि भाभी के आने के बाद भी आप मुझसे काम करवा रही हैं। अब तो अपनी बहु को कहिए, अगर आप ऐसा कुछ माँ को कहती हैं तो आपकी बातें आपकी माँ को बुरी लग सकती हैं और ऐसा भी हो सकता है कि वह नाराज हो जाएँ।
धैर्य के साथ काम लें

परिवार में धैर्य से काम लेना बहुत जरूरी होता है। अगर आप छोटी-छोटी बात पर मुंह फुला कर बैठ जाएँगी या नाराज हो होने लगेगी तो एक समय के बाद लोग आपके ऊपर ध्यान देना ही छोड़ देंगे। उन्हें ऐसा लगने लगेगा कि आपकी तो यह आदत बन गई है, छोड़ो जाने दो कौन इसे समझाएं और परिवार के सदस्य आपसे बात करने के बजाए आपसे दूर ही रहना पसंद करेंगे।
