कहते हैं शादी एक अटूट बंधन होता है। इस बंधन में बंधने के बाद आप और आपका साथी एक-दूसरे के सुख-दुख के साथी हो जाते हैं। आज कल के युवा इस अटूट बंधन की शुरूआत करने से पहले अपनी पार्टनर की जन्म कुंडली नहीं बल्कि उनकी स्वास्थ्य कुंडली की जांच पर जोर देने लगे हैं, जिसकी सहायता से वह अपने साथी के स्वास्थ्य के बारे में पहले से ही सब कुछ जान लेना चाहते हैं। आज की पीढ़ी द्वारा यह कदम उठाना काफी हद तक सही भी है क्योंकि बदलती लाइफ स्टाइल से आजकल कई बीमारियां कम उम्र में ही शरीर को अपना घर बना लेती हैं या फिर इस तरह से कई आनुवांशिक बीमारियों से भी बचा जा सकता है। इन सभी बीमारियों का पता पहले चल जाए तो उनसे बचना या उनका इलाज करना बेहद आसान हो जाता है। क्योंकि कई बार बीमारी के जिन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं वो बाद में विकराल रूप धारण कर लेती हैं।
आखिर क्यों जरूरी हैं स्वास्थ्य जांच कराना
मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की आईवीएफ विशेषज्ञ डॉक्टर शोभा गुप्ता का कहना है मेडिकल टेस्ट जरूरी हैं ताकि बीमारियों की पहचान उनके उपचार के मौके खत्म होने से पहले कर ली जाए या कई बीमारियों की आशंका को जीवनशैली में बदलाव, खानपान पर नियंत्रण और हल्की एक्सरसाइज द्वारा ही खत्म किया जा सके। ज्यादातर चेकअप बहुत कम समय में, आसान और दर्द रहित होते हैं। शादी से पहले कुछ टेस्ट करवाना इसलिए भी जरूरी है कि गर्भावस्था के समय आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े और सेहतमंद बच्चा पैदा हो।
आज डायबिटीज और कैंसर पीडितों की एक बड़ी आबादी आनुवांशिक कारणों से प्रभावित है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर माता-पिता दोनों के वंशवृक्ष में ऐसी बीमारियों के जीन मौजूद है तो अगली पीढी को रोगों के होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
स्वास्थ्य जांच करवाने के कई फायदे हैं, इससे हमें यह जानकारी मिलेगी कि हम फिट हैं या नहीं, अगर आप पूरी तरह से फिट हैं तो आपको अपना नया जीवन शुरू करने से पहले पॉजिटिव ऊर्जा मिलेगी। बीमारी की जानकारी वक्त रहते मिल जाएगी जिसे खतरनाक होने से रोका जा सकेगा, साथ ही ऐसी बीमारी जो अनुवांश्कि है उसे रोकने के लिए वक्त रहते जरूरी कदम उठा पाएंगे।
कौन-कौन से टेस्ट है जरूरी
शादी से पहले कुछ टेस्ट कराना जरूरी होता है, लड़कियों के मामले में तो ऐसा कराना बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि अगर उन्हें शादी से पहले अपने स्वास्थ्य सम्बंधी समस्यओं का पता होगा तो वो समय से उन बीमारियों का इलाज करवाकर सुखद वैवाहिक जीवन का आनंद ले सकती हैं। आइए जानें कौन-कौन से टेस्ट करवा लेने चाहिए।
आरएच इनकमपैटिबिलिटी
(आरएच असंगति)
अधिकतर लोग आरएच पॉजीटिव होते हैं लेकिन जनसंख्या का एक छोटा हिस्सा (करीब 15 प्रतिशत) आरएच नेगेटिव होता है। आरएच फैक्टर हर लाल रक्त कणिकाओं पर एक प्रोटीन होता है। अगर आप में आरएच फैक्टर है तो आप आरएच पॉजिटिव हैं। अगर नहीं है, तो आप आरएच नेगेटिव हैं। वैसे आरएच
फैक्टर आपके सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है।लेकिन अगर मां और बच्चे का आरएच फैक्टर अलग-अलग होगा तो यह गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चा दोनों के लिए ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है और घातक भी हो सकता है। अलग-अलग आरएच फैक्टर वाले लोगों को आपस में शादी ना करने की सलाह दी जाती है।
ओवेरियन सिस्ट टेस्ट
लड़कियो को अगर पेट के निचले हिस्से में दर्द हो या अनियमित मासिक धर्म हो या मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग हो तो ओवेरियन सिस्ट का टेस्ट कराएं। अगर सामान्य पेल्विक परीक्षण के दौरान सिस्ट का पता चलता है तो इस बात की जांच करने के लिए एबडोमिनल अल्ट्रासाउंड किया जाता है। वैसे तो छोटे आकार के सिस्ट अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।अगर ओवेरियन ग्रोथ या सिस्ट का आकार 3 इंच से बड़ा होगा तो आपको ओवेरियन कैंसर
होने की आशंका है। इस स्थिति में डॉक्टर कुछ और टेस्ट कराने की सलाह देते हैं ताकि ओवेरियन सिस्ट के कारणों का पता लगाया जा सके और उचित निदान किया जा सके। अब तो पैरेंट्स भी स्वयं इसकी इजाजत देने लगे हैं। सांता आईवीएफ सेंटर की गाएनाकॉलेजिस्ट व आईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर अनुभा सिंह के अनुसार बनने वाला जोडा यदि ब्लड टेस्ट के साथ एचआईवी, आनुवांशिक बीमारियों, थैलसीमिया और हेमोफिलिया की जांच भी कराए तो बेहतर होगा। जागरूक लोग इसमें कोई बुराई नहीं समझते। हीमोग्लोबीन, कैल्शियम, मलेरिया, यूरिन टेस्ट, इलेक्ट्रोलाइट आदि की जांच भी बेहद मददगार साबित होती है। जो लोग फिजिकली एक्टिव नहीं हैं या ओवर वेट हैं, उन्हें कोलेस्ट्रॉल और लिपिड प्रोफाइल जरूर चेक करा लेना चाहिए।
ध्यान रखें
- अपनी मेडिकल फैमिली हिस्ट्री को जान लें, टेस्ट और उससे जुड़े सभी सवाल एक पेपर पर लिख लें।
- चेकअप करवाने जाते समय अपने साथ सभी पुराने टेस्ट की रिपोर्ट साथ लेकर जाएं।
- किसी बीमारी का इलाज चल रहा हो तो उसकी प्रिस्क्रिप्शन साथ लेकर जाएं।
- चेकअप से एक दिन पहले कोई दवा लेने से बचें, इसके लिए अपने डॉक्टर से जरूरी सलाह लें।
- टेस्ट में अगर कोई चीज असामान्य लगती है तो उसे नजरअंदाज न करें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
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