रिश्ते में कभी नहीं मिलेगा आपको धोखा, अगर आपने अपना लिया यह 'गुरुमंत्र': Relationship Mantra

Relationship Mantra: ‘इंसान को अपने दिल की आवाज को हमेशा सुनना चाहिए’, यह बात अक्सर आपने सुनी होगी और शायद कई बार महसूस भी की होगी। दरअसल, दिल की जिस आवाज की हम बात कर रहे हैं, वो वास्तव में होती है हमारे अंतर्मन की आवाज यानी ‘गट फीलिंग‘। यह गट फीलिंग कई बार हमें बड़ी मुसीबतों से बचा लेती है। अपने सिक्स सेंस के कारण आपका अंतर्मन सही समय पर आपको सचेत कर पाता है। ऐसे में इन चार परिस्थितियों में आपको हमेशा अपने अंदर की इस आवाज को सुनना चाहिए।

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Relationship Mantra
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जब बात खुद की सुरक्षा की हो तो आपको अपने अंतर्मन की आवाज पर जरूर ध्यान देना चाहिए। जब आप असुरक्षित महसूस करते हैं तो आपका शरीर खुद-ब-खुद अंदर से एक अलार्म देता है। आपको उस अलार्म की आवाज को न सिर्फ सुनना चाहिए, बल्कि उसे मानना भी चाहिए। चाहे आप किसी सुनसान रास्ते से गुजर रहे हों, किसी अपरिचित क्षेत्र में किसी के साथ पहुंच गए हो, किसी अजनबी से किसी बात को लेकर आपकी बहस हो गई हो या फिर आप कुछ गड़बड़ होने की आशंका महसूस कर रहे हैं तो ऐसी फीलिंग को कभी भी नजरअंदाज न करें। यदि आप खतरा महसूस कर रहे हैं तो इसे गंभीरता से लें और ​उचित कार्रवाई कर, सबसे पहले खुद को सुरक्षित करें।  

रिश्ता चाहे पर्सनल हो या फिर प्रोफेशनल, दोनों को ही निभाने के कुछ नियम कायदे हैं। अगर इनमें आप जरा भी गड़बड़ महसूस करते हैं तो आपको तुरंत निर्णय लेना चाहिए। अगर किसी रिश्ते में आप लगातार असहज, असुरक्षित और अपमानित महसूस कर रहे हैं। तो आपको इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। अगर आप अंदर से महसूस करते हैं कि इस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं है या यह लंबे समय तक नहीं चल पाएगा तो आपको समय रहते सही कदम उठा लेना चाहिए। क्योंकि इस स्थिति में देरी करना आपके लिए ही नुकसानदायक और पीड़ादायक होगा।  

कुछ लोग चुटकियों में बड़े फैसले ले लेते हैं, वहीं कुछ लोग छोटे-छोटे फैसलों को लेने में भी लंबा समय लेते हैं और कंफ्यूज हो जाते हैं। अगर आपके साथ ही ऐसा है तो आपके लिए जरूरी है आप अपने अंतर्मन की आवाज सुनें और यह जानने की पूरी कोशिश करें कि आखिर ऐसी सोच आपके मन में क्यों आ रही है। यकीन मानिए इसके बाद आप सही निर्णय ले पाएंगे। सही फैसले लेना आपके ज्ञान, अनुभव और भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर निर्भर करता है। ये सभी समय के साथ विकसित होते हैं। ऐसे में फैसला लेने की प्रवृत्ति अपनाएं। कुछ समय में आप खुद इसमें पारंगत हो जाएंगे।

Health Care Tips
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आपका शरीर अक्सर शारीरिक संवेदनाओं और अंतर्मन की भावनाओं के बीच अपनी जरूरतों के बारे में आपको बताता है। ऐसे में इसे आप कभी भी नजरअंदाज न करें। अगर आप अंदर से बीमार महसूस कर रहे हैं, कमजोर फील कर रहे हैं या फिर लगातार दर्द, परेशानी में हैं तो आपका शरीर आपको अंदर से इसके संकेत देगा। इस स्थिति में समय रहते आपको डॉक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिए।   

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...