fifty shades freed novel in Hindi
fifty shades freed novel in Hindi

fifty shades freed novel in Hindi: “क्या तुम्हारे दिमाग में कुछ चल रहा है?” क्रिस्टियन ने मुझे ताका। मैं समझ नहीं पा रही कि आज मुझे हुआ क्या है पर मैं उसके साथ वह सब करना चाहती हूं, जो उसे बहुत प्रिय है। उसने मुझे प्यार से सहलाया, “क्या तुम मेरे तरीके से सेक्स का आनंद लेना चाहोगी?”

मैंने हामी भरी और महसूस किया कि मेरा चेहर सुलग उठा था। मैं इस चीज से इतना लजा क्यों रही हूं? मैं इस इंसान के साथ यह सब पहले भी कर चुकी हूं। वह मेरा पति है। दरअसल मेरी लज्जा का कारण यह है कि इस बार वह नहीं बल्कि मैं ऐसा चाहती हूं। मुझे यह कबूल करने में शर्म आ रही है। भीतर बैठी लड़की ने आंखें तरेरीं, ज्यादा सोचना बंद कर।

“क्या तुम घबरा रही हो?”

मैंने थूक निगला, “नहीं। आओ चलें।”

वह मुझे अपने प्लेरूम की ओर ले चला। सीढ़ियों के पास जा कर कमरे का ताला खोला। उसने उस की रिंग में चाभी लगा रखी है जो मैंने उसे शादी से पहले उपहार में दिया था।

“मिसेज ग्रे! पहले आप चलें।”

वहां से वही जानी-पहचानी चमड़े, लकड़ी और पॉलिश की गंध आ रही है। मैं लजा गई। बेशक इस कमरे को मिसेज जोंस साफ करती रही होंगी। हम अंदर गए तो क्रिस्टियन ने लाइट जला दी। चारों ओर हल्की लाल रोशनी फैल गई। मैं उस रोशनी के बीच अपने खूबसूरत पति को देखती ही रह गई। उसने दरवाजा बंद किया और मुझे देखते हुए हौले से कहा-

“एनेस्टेसिया! तुम क्या चाहती हो?”

“तुम!” मेरा जवाब तैयार था।

उसने बात बनाई, “जिस दिन तुमने ऑफिस में पहला कदम रखा था। मैं तो उसी दिन से तुम्हारा हो गया था।”

“तो मि. ग्रे! मुझे अपना कमाल दिखाएं।”

उसके चेहरे पर हास्य उभर आया, “आप जैसा चाहें मैडम! ”

“मेरे ख्याल से हमें आपको कपड़ों से जुदा करते हुए शुरूआत करनी चाहिए।” वह आगे आया और मेरी डेनिम जैकेट उतार दी। फिर उसने मेरे काले स्वेटर को हाथों में पकड़ा और बोला, “हाथ ऊपर करो।”

उसने मेरे सिर के ऊपर स्वेटर ले जाते हुए उसे उतार दिया। मेरी आंखों में प्यार और वासना के मिले-जुले भाव देखे जा सकते हैं।

मैंने कलाई से उतारकर छोटा सा बैंड उसके आगे कर दिया। उसने उसे ले लिया और बोला,

“घूम जाओ।”

मैं मुड़ी तो उसने झट से मेरे बालों की चोटी गूंथ कर उन्हें समेट दिया। उसने चोटी खींचते हुए मेरी गर्दन पीछे की।

“मिसेज ग्रे! आपका ख्याल बुरा नहीं था। अब घूम कर अपनी स्कर्ट उतारो और इसे जमीन पर ढेर होने दो।” मैंने उसकी आंखों में लगातार देखते हुए अपनी स्कर्ट खोली और उसे जमीन पर गिरने दिया।

“अब स्कर्ट से बाहर आ जाओ।” उसने आदेश दिया। मैं आगे आई तो वह घुटनों के बल बैठा और एक-एक कर जूते भी उतार दिए। इस बीच मुझे सहारा लेने के लिए दीवार के पास होना पड़ा और मैं वहां पड़ी छड़ी, कोड़े व चाबुक वगैरह देख कर सोचने लगी। क्या वह उनका प्रयोग भी करेगा?

अब मैं उसके सामने केवल अंतर्वस्त्रों में खड़ी थी। “वाह! क्या नजारा है, मिसेज ग्रे! तुम्हारे भीतर से सेक्स और मेरी गंध आ रही है। ये बड़ी ही नशीली है।” मैं तो ये सुनते ही पिघल गई। ये कितना नटखट है। अपने शब्दों से ही मुझे दीवाना बनाने की कला खूब जानता है।

“जाओ, मेज के पास जा कर खड़ी हो जाओ।” फिर वह अपने संग्रहालय जैसे दराज की ओर बढ़ गया।

“तुम दीवार की ओर मुंह कर लो। इस तरह तुम जान नहीं पाओगी कि मैंने तुम्हारे लिए क्या योजना बनाई है। मिसेज ग्रे! मुझे आपको सरप्राइज देना है।”

मैंने भी वही किया, जो कहा गया था पर मेरे कान छोटी से छोटी आवाज को सुनने के लिए खुले थे और मैंने उसका पूरा फायदा उठाया। उसे मेरे भीतर लगी आग को भड़काना आता है। उसे पता है कि इस इंतजार से मेरी बेकरारी और भी बढ़ जाएगी। मैंने महसूस किया कि उसने मेरे जूते और कपड़े उतारने के बाद अपने जूते उतारे हैं। मुझे नंगे पांव चलता क्रिस्टियन बहुत भाता है। एक पल के बाद दराज खुलने की आवाज आई।

खिलौने! अरे हां, मुझे इसके सेक्स खिलौने पसंद हैं। दराज बंद हुआ और मेरी सांसें उथली हो गईं। आज तो एक दराज की आवाज भी मेरे भीतर ऐंठन पैदा कर रही है। मेरी दीवानगी की भी हद है! उसने पियानो पर एक धुन लगा दी। एक आदमी का स्वर कमरे में गूंज उठा।

वह आराम से मेरी ओर मुड़ा और कान के पास आ कर बोला, “मिसेज ग्रे! आज आप अपने लिए कुछ रफ चाहती हैं?”

“हम्म”

“अगर तुम्हें कुछ ज्यादा लगे तो उसी समय रोकने के लिए कहना होगा। अगर तुम ऐसा कहोगी तो मैं तभी बंद कर दूंगा। क्या तुम समझ गईं?”

“हां”

“मुझे तुमसे वादा चाहिए ”

मैंने गहरी सांस ली। शिट! ये करने क्या जा रहा है? मुझे उसके शब्द याद आ गए।

“मुझे तुम्हें चोट पहुंचाना पसंद नहीं पर तुम्हारे साथ खेलने का मजा ही कुछ और होता है।”

“गुड गर्ल! आगे झुको।” उसने मेरे कंधे को चूमा और ब्रा के तनी के नीचे अंगुली फिराता चला गया। ये अपने एक ही स्पर्श से मुझे इतना मदहोश कैसे कर देता है।

“इसे उतार दो।”

मैंने उसे उतारकर फेंक दिया।

कुछ ही देर में मैं उसके सामने निर्वस्त्र थी और अब तक नहीं जानती थी कि वह मेरे साथ क्या करने वाला था।

उसने मेरी आंखों पर एक पट्टी बांध दी और पेट के बल मेज पर लेटने को कहा। मैंने बिना किसी झिझक के वही किया, जो उसने कहा था। मेज ठंडा था और उसमें से अजीब सी गंध आ रही थी।

“अपनी बांहें फैला कर, मेज का कोना पकड़ लो।”

इस तरह मेरी बांहें पूरी तरह फैल गईं

“अगर तुमने उसे छोड़ा तो तुम्हें मार खानी होगी। समझी?”

“हां”

“एनेस्टेसिया! क्या तुम चाहती हो कि मैं तुम्हें फटकारूं?”

मुझे अचानक ही एहसास हुआ कि मैं एक लंबे अर्से से ऐसा करना चाह रही थी।

“हां।” मैंने गला साफ करते हुए कहा

“क्यों?”

“क्या कारण भी देना होगा?”

“बताओ”

“उम्म”

अचानक उसने मुझे जोर से लताड़ा।

“ओह!” मैं चिल्लाई।

“चुप करो।”

उसने धीरे से उस हिस्से को सहलाया। जहां मारा था। फिर मेरी पीठ पर लेट गया और कंधे चूमने लगा। उसने कमीज उतार दी थी इसलिए उसके छाती के बाल मेरी पीठ को चूम रहे थे। उसकी जींस के उभार को भी महसूस किया जा सकता था।

“अपनी टांगें खोलो।”

मैंने टांगें खोल दीं।

“और चौड़ी”

मैंने और चौड़ी टांगें खोल दीं

“गुड गर्ल”

उसने मेरे नितंबों पर गुदा मार्ग के पास अंगुली फिराई तो पूरा शरीर सिहर उठा।

“हम आज यहां से कुछ मजा लेने वाले हैं।” उसने कहा।

हाय!!!

उसने अपनी अंगुली धीरे से भीतर सरका दी।

वह धीरे-धीरे अपना काम करता रहा।

“एना! पता नहीं क्यों मुझे लगता है कि तुम्हें भी यह बहुत पसंद आएगा।”

“हां-हां!”

तभी उसने अंगुली निकाली और मुझे जोर से लताड़ दिया।

“बोलो”

“हां-हां”

उसने एक बार और लताड़ा और दो अंगुलियां अंदर डाल कर, उसी समय बाहर निकाल लीं।

“तुम क्या करने जा रहे हो।” ओह जीसस!!!

“बेबी! ऐसा कुछ नहीं है। जो तुम सोच रही हो। मैंने कहा था न कि हम एक बार में एक ही कदम चलेंगे।” एक ट्यूब से कुछ निकलने का स्वर सुनाई दिया और उसने उसे वहां लगा दिया।

मेरा कलेजा मुंह को आ गया था। सांस तेजी से चल रही थी। ऐसा लग रहा था कि शरीर में सुलगी हुई वासना मुझे कहीं का नहीं छोड़ेगी।

“मेरे पास तुम्हारे लिए एक उपहार है।” अचानक ही मुझे एक चीज का आभास हुआ। ओह! ये तो बट प्लग है।

“मैं इसे तुम्हारे भीतर उतारने जा रहा हूं।”

मैं उत्तेजना से हांफने लगी।

“क्या इससे दर्द होगा?”

“नहीं बेबी! ये बहुत छोटा है। जब एक बार ये भीतर चला जाएगा तो हम शारीरिक संबंध बनाएंगे।”

मैं सिहर गई और उसने मेरे कंधों को फिर से चूम लिया।

“तैयार?”

तैयार? क्या मैं तैयार हूं?

“हां।” मैंने सूखे मुंह से कहा। उसने एक अंगुली नहीं-नहीं अपना अंगूठा मेरे भीतर सरका दिया। उसका एक हाथ बदन के आगे वाले हिस्से को सहला रहा है। यह कितना अच्छा लग रहा है। फिर उसने वह ठंडा प्लग मेरे भीतर डाल दिया।

ओह! मेरे भीतर वही जानी-पहचानी ऐंठन होने लगी। ये एक अजब-सा एहसास है। बट प्लग अपने-आप में एक नया अनुभव था। मुझे अच्छा लगा।

मैंने किसी तरह खुद को संभाला और मुंह से निकला, “क्रिस्टियन! ”

अब उसने अपने-आप को भी तैयार किया और मुझे आगाह किया मैं मेज़ न छोड़ूं और अगर कुछ ज्यादा कठोर लगे तो उसे उसी समय बता दूं

“हां।” मैंने हौले से कहा और वह अपनी बाजी खेलने लगा।

उसकी सांसें उथली होने लगीं और मेरा तो कहना ही क्या था। जैसे किसी दूसरी दुनिया में जा चुकी थी। उसने प्लग निकाल दिया और पूछा

“दोबारा?”

“हां-हां”

उसने बहुत हौले से उसे अंदर डाला और निकाल लिया। वह बार-बार इसे दोहराने लगा और मैं इसके आनंद में मग्न हो गई।

“ओ एना!… ”क्रिस्टियन दोनों भूमिकाएं अच्छे से निभा रहा था और मेरे लिए ये एक बिल्कुल नया अनुभव था। मैंने अपनी सारी लाज शर्म छोड़ कर उसका आनंद लिया और वह भी एक कराह के साथ चरम सुख तक जा पहुंचा।

वह औरत अब भी गा रही है। क्रिस्टियन यहां आकर हमेशा गाने दोहराव के साथ लगाता है। मैं उसकी गोद में लेटी हूं और हमारी टांगें आपस में गुंथी हैं। मेरा सिर उसकी छाती पर टिका है। हम प्लेरूम के फर्श पर हैं।

“स्वागत है। उसने कहा और मेरी आंखों की पट्टी उतार दी।। मेरी चिबुक पीछे करते हुए, होठों पर मीठा सा चुंबन अंकित कर दिया। उसकी आंखें बड़ी ही बेताबी से मेरी आंखों को ताक रही हैं। मैंने आगे जाकर उसका चेहरा सहला दिया। वह मुस्कराने लगा।

“क्या मैं उम्मीद पर खरा रहा?”

“कैसी उम्मीद?”

“तुम इसे रफ चाहती थीं।”

मैं खिसिया गई और हंस कर कहा, “हां! तुम उम्मीद पर खरे उतरे।”

“सुन कर खुशी हुई। तुम्हारे चेहरे का रंग बता रहा है कि तुम कहां हो कर आई हो।” उसने अपनी लंबी अंगुलियों से मेरा गाल सहलाए।

“मैं इसे महसूस कर सकती हूं।” मैंने कहा

“कैसा लग रहा है?” उसके सुर में बड़ा प्यार झलक रहा था।

“जी हां, पूरी तरह से निचुड़ गई हूं”

“छि: मिसेज ग्रे! आप भी कैसी बातें करती हैं।” उसने मुझसे ठिठोली की।

“क्योंकि मैं एक गंदे से लड़के से ब्याही गई हूं। मि. ग्रे! ”

उसके चेहरे पर मुस्कान खिली तो मैं भी चुप नहीं रह सकी। “मुझे खुशी है मिसेज ग्रे कि आप उससे ब्याही गई हैं।” उसने हौले से मेरी चोटी उठाई और प्यार से चूम ली।

ओह माई…क्या मैं इससे कभी अघा सकूंगी?

मैंने उसके हाथ में डाली हुई अंगूठी चूम ली। “तुम मेरे हो। हां, मैं तुम्हारा हूं।”

“क्या मैं तुम्हें नहला दूं?”

“बेशक, पर तुम्हें भी साथ देना होगा।”

“अच्छा।” उसने मुझे एक ओर खड़ा कर दिया। वह अब भी जींस में है।

“क्या तुम यहां दूसरी जींस नहीं पहनते?”

“दूसरी जींस?”

“हां, जो यहां पहनते थे। उनमें तुम बहुत हॉट दिखते हो।”

“अच्छा जी”

“सचमुच बहुत हॉट! ”

“मिसेज ग्रे! आपके लिए वह भी करूंगा।।” उसने एक छोटे से डोंगे में बट प्लग, लुब्रीकेंट की ट्यूब, पट्टी और मेरे अंतर्वस्त्र रख दिए।

“इन सेक्स खिलौनों को कौन धोता है?” मैं उससे पूछते हुए दराज तक गई।

उसने भौं नचाई और हंस कर बोला, “मैं! मिसेज जोंस! ”

“क्या?”

उसने थोड़ी हिचक व संकोच के साथ हामी भर दी।

“तुम्हारी सेक्स गुलाम ऐसा करती थीं?” उसने माफी मांगने के अंदाज में कंधे झटक दिए।

“ये लो।” उसने मुझे शर्ट दी और मैंने उसे पहन लिया। उसमें से अब भी उसकी गंध आ रही है। उसने बाकी सामान वहीं छोड़ा और मेरे साथ प्लेरूम से निकलकर नीचे की ओर चल दिया।

काम की उत्तेजना, खराब मूड, रोमांच, भय…सब हवा हो गए थे। मैंने अंगड़ाई लेते हुए जंभाई ली।

“ये क्या है?”

उसने पानी में थोड़ा सुगंधित तेल मिलाते हुए पूछा। चारों ओर मीठी गंध फैल गई।

“कुछ नहीं, बस पहले से बेहतर महसूस कर रही हूं।”

“हां, आज तो तुम निराले ही मूड में दिखी। मुझे पता है कि तुम हाल ही में घटी इन घटनाओं से परेशान हो। मैं भी समझ नहीं पा रहा कि ये ऑफिस के ही किसी आदमी का काम है या बाहर के किसी आदमी की साजिश है। मुझे यही डर है कि कहीं मेरी वजह से तुम्हें कुछ…” उसकी आवाज में छिपे भय के साए लहरा उठे और मैंने उसे बांहों में भर लिया।

“क्रिस्टियन! अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं क्या करूंगी?” मेरा भय सामने आ गया।

वह मुझे घूरने लगा। “हम इसका पता लगा लेंगे। चलो अब पहले नहा लेते हैं।”

“तुम्हें स्वेयर से बात नहीं करनी चाहिए? ”

“वह इंतजार कर सकता है।” मुझे अचानक ही स्वेयर पर तरस आने लगा। उसने ऐसा क्या किया कि क्रिस्टियन नाराज है।

उसने मेरी शर्ट उतारी तो अब भी छाती पर बने वे निशान हल्के-हल्के दिख रहे थे। पर मैंने तय कर लिया है कि अब उनके बारे में उसे और परेशान नहीं करूंगी।

“हो सकता है कि रेयान ने पीछा करने वाले को पकड़ लिया हो।”

“नहाने के बाद देखेंगे।” वह मुझे ले कर गुनगुने व सुगंधित पानी में बैठ गया।

ओह! मेरे नितंबों को उस हल्के से गर्म पानी से भी जलन-सी हुई पर कुछ ही देर में सामान्य लगने लगा।

क्रिस्टियन मेरे बालों से खेलता रहा और मैं अपने हाथों उसका बदन सहलाती रही। हम बहुत देर तक इसी तरह पानी में पड़े रहे।

“हमें अपने नए घर के लिए योजनाएं बनानी होंगी। आज शाम को ही मीटिंग है।”

अच्छा! वह औरत वापिस आ गई। भीतर बैठी लड़की ने उसे याद करके आंखें तरेरीं।

मैंने आह भरी। बदकिस्मती यह भी है कि उसके बनाए डिजाइन बड़े जानदार होते हैं।

“मैं काम पर जाने की तैयारी कर लूं।” मैंने कहा

“नहीं, तुम्हें काम पर जाने की जरूरत नहीं है।” उसने कहा

“अरे नहीं…वह सब मत दोहराओ। क्रिस्टियन! इस बहस को दोबारा चालू मत करो।”

“अच्छा! मैं तो यूं ही कह रहा था।”

मैंने अपनी पैंट और स्वेटर पहनी और तय किया कि प्लेरूम से अपने कपड़े ले आऊं। जब उस ओर जाने लगी तो स्टडी से क्रिस्टियन का तेज स्वर सुनाई दिया।

“आखिर तुम कौन से भाड़ में थे?”

मैं चुपके से आगे बढ़ गई। मैं सुनना नहीं चाहती थी कि वह स्वेयर पर कैसे बरस रहा था। बेचारा स्वेयर! उसे सब सहना पड़ता है। कम से कम मैं उल्टा चिल्ला तो लेती हूं।

मैंने कमरे से अपने कपड़े और अपने पति के जूते लिए तो वहीं पड़ा बट प्लग और सामान दिखाई दिया। क्या मुझे इन्हें धो देना चाहिए? मैंने उन्हें उठाया और अपने कमरे में चल दी।

टेलर कल आ जाएगा। उसके आने के बाद क्रिस्टियन अपने-आप को बहुत सहज पाता है। टेलर दो दिन से अपनी बेटी के साथ था। काश! मैं भी उससे मिल पाती।

मिसेज जोंस अचानक एक कमरे से निकलीं और मुझे देख कर ठिठक गई।

“सॉरी मिस ग्रे! मैंने आपको देखा नहीं।”

ओह! अब मैं मिसेज ग्रे हूं।

“हैलो मिसेज जोंस! ”

“घर में आपका स्वागत और बधाई है।”

“आप मुझे एना कहें।”

“नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकती।”

“आप मेरे लिए मिसेज ग्रे ही हैं।”

एक अंगूठी ने मेरी जिंदगी कितनी बदल दी है।

“क्या आप एक सप्ताह के लिए मेन्यू पर नजर मारना चाहेंगीं?”

“मेन्यू?”

वे मुस्कुराईं। “पहले मैं हर संडे ऐसा मेन्यू बनाती थी और मि. ग्रे के किसी भी जरूरी सामान की लिस्ट बना लेती थी ताकि उनके लिए उसे मंगाया जा सके।”

अच्छा

“क्या मैं ये ले लूं।”

उन्होंने कपड़ों की ओर हाथ बढ़ाया।

“नहीं। दरअसल मैं अभी….” उसे क्या कहती कि उन कपड़ों के भीतर बट प्लग वाला डोंगा भी था। मेरा चेहरा लाल हो गया।

वैसे उन्हें सब पता है। कमरे की सफाई वहीं करती हैं। जीसस! यहां कोई गोपनीयता तो हो ही नहीं सकती।

“मिसेज ग्रे आप तैयार हो जाएं। मैं फिर आती हूं।”

तभी वहां से स्वेयर निकला। उसने हमें देखे बिना ही गर्दन हिलाई और टेलर के कमरे में चला गया। शुक्र है कि वह आ गया वरना अभी मिसेज जोंस से क्या-क्या बात करनी पड़ती। मैं उन्हें एक मुस्कान दे कर अपने कमरे में चली गई। क्या मैं अपने घरेलू स्टाफ की आदी हो सकूंगी? मैंने अपना सिर हिलाया……शायद एक दिन।

मैंने सामान को कमरे में फेंका और बट प्लग लेकर बाथरूम में चली गई। मैंने उन्हें देखा। साबुन व पानी से साफ कर दिया। क्या यही काफी होगा। मुझे सेक्स विशेषज्ञ से पूछना होगा कि उन्हें कीटाणुरहित रखने के लिए और क्या किया जाना चाहिए।

मुझे अच्छा लगा कि क्रिस्टियन ने लाइब्रेरी को मेरे लिए तैयार कर दिया था। अब उसमें सफेद मेज था। जहां मैं बैठ सकती थी। मैंने अपना लैपी लिया और हनीमून के दौरान पढ़ी गई पांचों पांडुलिपियों पर नोट्स लिखे।

हां, मेरे पास अब सब कुछ है। हालांकि काम पर जाने में थोड़ा डर भी लग रहा है पर मैंने ये बात अपने पति को नहीं बताई। वह मुझे काम छोड़ने पर मजबूर कर देगा। मुझे याद है कि वहां के लोगों ने बॉस से मेरी शादी की बात सुनकर कैसी प्रतिक्रिया दी थी अब मैं वहां की सहायक संपादिका नहीं बल्कि संपादिका, एनेस्टेसिया स्टील हूं।

अभी अपने पति को यह भी कहने का साहस नहीं संजो सकी थी कि मैं अपने काम के दौरान, अपना नाम नहीं बदलना चाहती थी। मेरे हिसाब से तो मेरे पास वाजिब कारण हैं। मैं उससे कुछ दूरी चाहती हूं पर ये भी पता है कि यह बात जानते ही वह लड़ाई जरूर करेगा। शायद आज रात हम इस बारे में बात करें।

मैं अपना काम करती रही। शाम के सात बज गए पर वह अभी स्टडी से नहीं निकला इसलिए मेरे पास अपना वक्त है। मैंने निकॉन के फोटो लैपी में डाले और सोचने लगी कि रेयान पोर्टलैंड से आ गया या अभी वहीं है। क्या उसने रहस्यमयी औरत को पकड़ लिया। क्या उसने मेरे पति को कुछ बताया? मैं कुछ जवाब चाहती हूं। मुझे इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि वह काम में व्यस्त है। मैं जानना चाहती हूं कि ये हो क्या रहा है? मुझे अचानक ही ताव आने लगा कि वह मुझे अंधेरे में क्यों रख रहा है। पर तभी स्क्रीन पर हमारे हनीमून के फोटो आ गए।

हो गया कबाड़ा!

ये क्या! मेरी इतनी तस्वीरें। मैं इनमें सो रही हूं। कहीं चेहरे पर बाल हैं तो कहीं तकिए पर बिखरे हैं। जीसस! मैंने मुंह में अंगूठा ले रखा है। ये तो मैं जाने कब से करना छोड़ चुकी थी। एक तस्वीर में मैं यॉट की रेलिंग पर झुकी, कहीं देख रही हूं। ये उसने कब ली? एक तस्वीर में हम केबिन के पलंग पर बांहों में बांहें डाले पड़े हैं। मैं अहमकों की तरह मुस्करा रही हूं पर जवान और बेपरवाह दिख रहे? क्रिस्टियन से तो नजरें नहीं हट रहीं। मेरा प्यारा पति। जो गुदगुदी नहीं सह सकता। जो किसी की छुअन नहीं सह सकता। हालांकि अब वह मेरा स्पर्श सहने लगा है। मुझे उससे पूछना होगा कि क्या उसे ऐसा करना पसंद है या वह केवल मेरे आनंद के लिए इसे सहन करता है।

अचानक ही उसके लिए मन भर आया। कोई उसे नुकसान पहुंचाना चाहता है। पहले चार्ली टैंगो, आग और फिर कार का पीछा!

अचानक ही मेरी सुबकी निकल गई। मैं वहां से निकली ताकि उसे देख सकूं। अब उससे लड़ने नहीं बल्कि यही देखने जा रही थी कि वह ठीक-ठाक है या नहीं?

मैं दनदनाते हुए स्टडी में चली गई। वह फोन पर बात कर रहा है। उसने मुझे हैरानी से देखा।

“तो क्या तुम इसे बढ़ा नहीं सकते। थोड़ा सा निखार दो।” उसने कान से फोन हटा कर मुझसे सवालिया निगाहों से पूछा पर मैं उसकी गोद में जा बैठी और उसके कान से चोगा लगा कर इशारा किया कि वह अपनी बात जारी रखे। उसने एक बांह से मुझे घेरा और फिर किसी से बात करने लगा। शायद फोन पर बार्नी था।

“हाँ बार्नी बोलो।”

उसने लैपी पर एक बटन दबाया और वहां एक व्यक्ति की आकृति उभरी। शायद बार्नी उसे उस कक्ष की तस्वीरें भेज रहा था जहाँ आग लगी थी।

“अच्छा बार्नी! इसे और आगे लाओ ।”

“क्या वहां से बार्नी तस्वीर को आगे-पीछे ले जा रहा है?”

“हां। बार्नी तस्वीर को थोड़ा उजला कर दो।”

मैंने भी तस्वीर को देखा। उसका चेहरा पहचाना-सा लगा। वह तस्वीर में कैमरे से मुंह छिपाता दिखा। ये क्या, उसके कान की बाली तो कहीं देखी है।

अरे!!! मैं जानती हूं कि ये कौन है।

मैंने हौले से कहा, “क्रिस्टियन! ये तो जैक हाइड है।”