fifty shades of grey novel in Hindi
fifty shades of grey novel in Hindi

fifty shades of grey novel in Hindi: उस लिफाफे में बहुत सारे कागज़ थे। मैंने उन्हें निकाला और पढ़ने लगी।

अनुबंध

यह इस तिथि को बनाया गया———वर्ष 2011 (आंरभ करने की तिथि)

किन पक्षों के मध्य

मि. क्रिस्टियन ग्रे, 301 एस्काला, सिएटल, डब्लयू ए 98889

(डॉमीनेंट यानी मालिक)

मिस एनेस्टेसिया स्टील, 1114 एसडब्लयू ग्रीन स्ट्रीट, अपार्टमेंट-7, हैवन हाईट्स,

वैंकूवर, डब्लयू ए 98889

(द सबमिसिव, सेक्स गुलाम)

दोनों पक्षों ने निम्नलिखित मामलों में सहमति दी है:

  1. यहां मालिक व उसके सेक्स गुलाम के बीच तय की गई शर्तों का विवरण दिया जा रहा है

मूलभूत शर्तें

  1. इस अनुबंध का मूलभूत उद्देश्य यही है कि मालिक अपने सेक्स गुलाम की ज़रूरतों, सीमाओं और भलाई को ध्यान में रखते हुए पूरे आदर के साथ उसकी नारी संवेदनाओं व सीमाओं का सुरक्षापूर्वक अन्वेषण कर सके।
  2. मालिक व सेक्स गुलाम दोनों ही इस बात पर सहमत हैं तथा मानते हैं कि इस अनुबंध में तय की गई सभी बातें आपसी सहमति व गोपनीयता पर आधारित हैं तथा वे अनुबंध में दी गई सीमाओं व सुरक्षा प्रक्रियाओं के लिए अपनी हामी देते हैं। अतिरिक्त सीमाओं व सुरक्षा प्रक्रियाओं पर लिखित सहमति की जा सकती है।
  3. मालिक व सेक्स गुलाम दोनों ही इस बात का दावा करते हैं कि वे किसी भी प्रकार के काम संबंधी, गंभीर, संक्रामक या प्राणघातक रोग से पीड़ित नहीं हैं, जिनमें एचआईवी, हर्पीज़ व हेपेटाइटिस जैसे रोग भी शामिल हैं। यदि समय अवधि के दौरान किसी भी पक्ष को कोई ऐसा रोग होता है या उसे इस बारे में सूचना मिलती है तो वह दूसरे पक्ष को तत्काल इस बारे में बताएगा और इस अवस्था में शारीरिक संबंध नहीं रखे जाएंगे।
  4. यहां दिए गए आश्वासन, सहमतियां व मंजूरी आदि मूलभूत हैं तथा इनमें से किसी के भी तोड़े जाने पर यह अनुबंध समाप्त माना जाएगा तथा दोनों पक्ष इस अनुबंध के किसी भी प्रकार से टूटने पर पूरी तरह से एक-दूसरे के लिए उत्तरदायी होंगे।
  5. इस अनुबंध को मूलभूत उद्देश्य व शर्तों को ध्यान में रखते हुए पढ़ा जाना चाहिए।

भूमिकाएं

  1. मालिक अपने गुलाम की भलाई, प्रशिक्षण, मार्गदर्शन व अनुशासन की पूरी जिम्मेवारी लेता है। वह स्वयं तय करेगा कि किस प्रकार का प्रशिक्षण, अनुशासन व मार्गदर्शन देना है तथा उसके लिए कौन सा स्थान व समय चुना जाएगा। यह सब अनुबंध में दी गई शर्तों व मंजूरियों के अनुसार ही होगा।
  2. यदि मालिक किसी भी समय इन शर्तों, सीमाओं व सुरक्षा प्रक्रियाओं आदि को लागू करने में असफल रहता है तो सेक्स गुलाम कभी भी मालिक को नोटिस दिए बिना छोड़कर जा सकती है।
  3. सेक्स गुलाम को हर मामले में अपने मालिक की आज्ञा का पालन करना होगा। दी गई शर्तों, मंजूरियों व नियमों के अनुसार वह बिना किसी पूछताछ या हिचक के मालिक के आनंद के लिए तय की गई गतिविधियों में हिस्सा लेगी और अपने प्रशिक्षण, मार्गदर्शन व अनुशासन को बेहिचक स्वीकारेगी, भले ही वह किसी भी रूप में क्यों न हों।

आरंभ तथा अवधि

  1. मालिक व गुलाम इस अनुबंध को आरंभ करते समय इसके बारे में पूरी जानकारी रखते हैं तथा बिना किसी अपवाद के इसके लिखित नियमों पर सहमत हैं।
  2. यह अनुबंध आरंभ की गई तिथि से तीन माह के लिए प्रभावी होगा। समयावधि समाप्त होने पर दोनों पक्ष तय करेंगे कि यह अनुबंध व प्रबंध संतोषदायक है तथा दोनों पक्षों की आवश्यकताएं पूरी करता है। कोई भी पक्ष इसे बढ़ाने के विषय में प्रस्ताव रख सकता है। यदि ऐसा कुछ नहीं किया जाता तो अनुबंध को समाप्त माना जाएगा तथा दोनों पक्ष स्वतंत्रतापूर्वक अपना-अपना जीवनयापन कर सकते हैं।
  3. उपलब्धता : जैसा कि मालिक ने मुलाकात का समय तय किया है। गुलाम अपने मालिक के साथ प्रति सप्ताह शुक्रवार शाम से रविवार दोपहर तक का समय बिताएगी। यदि इसके अतिरिक्त कोई और समय भी तय करना है तो आपसी रज़ामंदी से तय किया जा सकता है।
  4. मालिक चाहे तो अकारण ही गुलाम को काम से निकाल सकता है। सेक्स गुलाम भी किसी भी समय अपनी रिहाई के लिए विनती कर सकती है। ऐसी विनती पर ध्यान देना मालिक की इच्छा व विवेक पर निर्भर होगा।

स्थान

  1. सेक्स गुलाम दिए गए समय व स्थान पर मालिक के लिए उपलब्ध होगी। मालिक ध्यान रखेगा कि इस प्रक्रिया में सेक्स गुलाम द्वारा किए गए हर प्रकार के राह खर्च का भुगतान करे।

सेवा से जुड़े प्रावधान

  1. दिए गए समय के दौरान, दोनों पक्षों के द्वारा निम्नलिखित सेवा प्रावधानों की मंजूरी दी गई है। दोनों पक्ष सहमति देते हैं कि यदि कोई ऐसा मसला सामने आता है, जिसके बारे में यहां कुछ तय नहीं किया गया तो उस पर नए सिरे से चर्चा की जा सकती है। ऐसी परिस्थिति में संशोधन की व्यवस्था रहेगी। उसे दोनों पक्षों द्वारा लिखित व हस्ताक्षरित रूप में दिया जाएगा।

मालिक:

15.1 मालिक अपनी सेक्स गुलाम की सेहत व सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता देगा और उसे उन कामों के लिए कभी आग्रह, दबाव या विनती नहीं करेगा, जिन्हें परिशिष्ट 2 में शामिल किया गया है या कोई भी पक्ष असुरक्षित मानता हो। मालिक ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जिससे गुलाम को किसी तरह की चोट आने या उसके प्राण जाने का भय हो।

15.2 मालिक सेक्स गुलाम को दी गई अवधि के अनुसार अपने तरीके से अनुशासन में रखेगा। वह उसके शरीर को किसी भी समय प्रयोग में ला सकता लैंगिक रूप से फिट या किसी दूसरे रूप मेें शरीर का प्रयोग कर सकता है।

15.3 मालिक सेक्स गुलाम को पूरा प्रशिक्षण व मार्गदर्शन देगा कि उसे अपने मालिक की सेवा किस प्रकार करनी है।

15.4 मालिक एक स्थिर व सुरक्षित वातावरण तैयार करेगा ताकि सेक्स गुलाम मालिक के प्रति अपनी सेवाएं दे सके।

15.5 मालिक चाहे तो सेक्स गुलाम को अनुशासन में रखने के लिए सजा दे सकता है और उसके अवांछित बर्ताव को निरुत्साहित कर सकता है। मालिक अनुशासन के लिहाज़ से अपनी सेक्स गुलाम को अ लॉग, छड़ी, कोड़े या चाबुक आदि से सजा दे सकता है। वह अपने निजी आनंद या अन्य किसी कारण से भी ऐसा कर सकता है।

15.6 अनुशासन देने के दौरान मालिक इस बात को ध्यान में रखेगा कि सेक्स गुलाम के शरीर पर किसी प्रकार के स्थायी निशान न पड़ें और न ही उसे किसी तरह के घाव हों, जिनमें मेडिकल देखभाल की आवश्यकता पड़े।

15.7 प्रशिक्षण व अनुशासन के दौरान मालिक ध्यान देगा कि प्रयोग में लाए गए उपकरण पूरी तरह से सुरक्षित हों और इस तरह से प्रयोग में न लाए जाएं जिससे सेेक्स गुलाम को किसी प्रकार की हानि हो या फिर अनुबंध में दी गई सीमाओं की अवमानना होती हो।

15.8 बीमारी या चोट लगने की दशा में मालिक अपनी सेक्स गुलाम की देखरेख करेगा और यदि उसे लगेगा कि डॉक्टर को दिखाने की आवश्यकता है तो इसका प्रबंध भी करेगा।

15.9 मालिक स्वयं अपनी सेहत पर भी ध्यान देगा तथा ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टरी सलाह लेगा ताकि एक सुरक्षित वातावरण बनाया जा सके।

15.10 मालिक अपनी सेक्स गुलाम को किसी दूसरे मालिक को उधार नहीं देगा।

15.11 मालिक दिए गए समय के दौरान कभी भी अपनी सेक्स गुलाम को हथकड़ियों से या यूं ही बांध सकता है किंतु साथ ही उसकी सेहत व सुरक्षा को भी नज़रंदाज़ नहीं करेगा।

15.12 मालिक यह ध्यान रखेगा कि प्रशिक्षण व अनुशासन के काम आने वाले सभी उपकरण साफ, सुरक्षित तरीके से रखे जाएं।

सेेक्स गुलाम:

15.13 सेक्स गुलाम मालिक को अपना स्वामी कबूल करती है और इस तथ्य को समझती है कि अब वह अपने मालिक की संपदा है। मालिक, तय किए गए समय व अतिरिक्त समय के लिए उस पर अपना अधिकार जता सकता है।

15.14 सेेक्स गुलाम परिशिष्ट 1 में दिए गए सभी नियमों का पालन करेगी

15.15 वह मालिक की स्वेच्छा से उसे सेवा प्रदान करेगी और अपनी पूरी क्षमता के साथ मालिक को आनंद देने के लिए प्रस्तुत होगी।

15.16 वह अपनी सेहत को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा सकती है और यदि उसे किसी भी तरह से डॉक्टरी सहायता की आवश्यकता हो तो वह मालिक से कह सकती है। वह मालिक को समय-समय पर अपनी सेहत के बारे में बताती रहेगी।

15.17 सेक्स गुलाम ध्यान रखेगी कि वह सही समय पर गर्भनिरोधक के लिए दवाएं लेती रहे।

15.18 वह मालिक द्वारा तय किए गए अनुशासन को बिना किसी सवाल के कबूल करेगी और मालिक के सामने अपनी भूमिका व स्थान को हमेशा याद रखेगी।

15.19 वह मालिक की आज्ञा के बिना स्वयं को किसी भी प्रकार से यौन सुख नहीं दे सकती।

15.20 वह मालिक द्वारा मांगी गई किसी भी यौन गतिविधि में लिप्त होते समय कोई भी आपत्ति या बहस नहीं करेगी

15.21 वह मालिक द्वारा छड़ी, कोड़े, चाबुक आदि की मार को अनुशासन के लिए बिना किसी जिज्ञासा, पूछताछ या शिकायत के स्वीकारेगी।

15.22 उसे जब तक कहा न जाए, वह मालिक की आंखों में सीधा नहीं देख सकती। वह अपनी आंखें नीची रखेगी और मालिक की उपस्थिति में शांत व सम्मानजनक तरीके से पेश आएगी।

15.23 वह मालिक के प्रति आदर से पेश आते हुए सर, मि. ग्रे या मालिक द्वारा दिए गए किसी दूसरे नाम से संबोधित करेगी।

15.24 वह मालिक को उसकी आज्ञा के बिना स्पर्श नहीं करेगी।

गतिविधियां

  1. सेक्स गुलाम किसी भी तरह की शारीरिक संबंध रखने वाली गतिविधियों या ऐसे कामों में लिप्त नहीं होगी, जिन्हें दूसरा पक्ष असुरक्षित माने या फिर वे परिशिष्ट 2 में वर्णित गतिविधियां हों।
  2. मालिक और सेक्स गुलाम ने परिशिष्ट 3 की गतिविधियों पर भी चर्चा कर ली है और उसे लिखित रूप में भी ले लिया है।

परिशिष्ट 3 से जुड़े सेफवर्ल्डस

  1. मालिक और सेक्स गुलाम दोनों ही जानते हैं कि मालिक अपनी गुलाम से कुछ इस तरह की मांगें रख सकता है जिसमें शारीरिक, मानसिक, भावानात्मक, आध्यात्मिक या अन्य किसी प्रकार की हानि होने की संभावना है। ऐसी परिस्थितियों में सेक्स गुलाम द्वारा सेफवर्ल्डस का प्रयोग किया जा सकता है। यहां ऐसे दो शब्द दिए जा रहे हैं जो मांग की गंभीरता के अनुसार प्रयोग में लाए जा सकते हैं।
  2. ‘पीला’ शब्द कह कर मालिक को यह याद दिलाया जा सकता है कि सेक्स गुलाम की सहनशक्ति समाप्त होने को है।
  3. ‘लाल’ शब्द के माध्यम से मालिक को यह बताया जा सकता है कि सेक्स गुलाम उस मांग को पूरा करने की दशा में नहीं रही। जब ये शब्द कहा जाएगा तो मालिक तुरंत प्रभाव के साथ उस गतिविधि को वहीं रोक देगा।

निष्कर्ष:

  1. हम यह दावा करते हैं कि हमने अनुबंध को अच्छी तरह पढ़ लिया है और इसमें दिए गए नियमों और शर्तों को मानने के लिए सहमत हैं। हम अपने हस्ताक्षरों द्वारा अपनी सहमति प्रकट कर रहे हैं:

मालिक: क्रिस्टियन ग्रे

तिथि


सेक्स गुलाम: एनेस्टेसिया स्टील

तिथि


परिशिष्ट 1

नियम

आज्ञाकारिता:

सेक्स गुलाम को बिना किसी हिचक या संकोच के अपने मालिक का हुक्म मानना होगा। सेक्स गुलाम मालिक के आनंद के लिए तय की गई किसी भी तरह की काम संबंधी गतिविधियों के लिए हामी देगी। यहां वे गतिविधियां अपवाद हैं, जो परिशिष्ट 2 में कठोर सीमाओं के रूप में वर्णित हैं। वह पूरी खुशी और उत्साह से मालिक का कहा मानेगी।

नींद

सेक्स गुलाम जब अपने मालिक के साथ नहीं होगी तो वह ध्यान रखेगी कि उसे रात को कम से कम सात घंटे की भरपूर नींद मिले।

भोजन:

सेक्स गुलाम चुनी गई भोजन सूची (परिशिष्ट 4) से नियमित रूप से भोजन करेगी ताकि उसकी सेहत व ताकत बनी रहे। वह दो समय के भोजन के दौरान फलों के अतिरिक्त कुछ नहीं खाएगी।

वस्त्र:

सत्र के दौरान वह मालिक द्वारा दिए गए कपड़े ही पहनेगी। मालिक उसके लिए कपड़ों का बजट तय करेगा, जिसे वह प्रयोग में लाएगी। मालिक कभी-कभी उसे अपने साथ कपड़े खरीदवाने भी ले जा सकता है। यदि मालिक चाहेगा तो उसे उसके साथ के दौरान आभूषण भी पहनने होंगे।

कसरत:

मालिक अपनी सेक्स गुलाम को सप्ताह में चार बार निजी प्रशिक्षक की सुविधा प्रदान करेगा। ये सत्र एक-एक घंटे के होंगे तथा ये समय आपसी रजामंदी से तय किया जा सकता है। निजी प्रशिक्षक सेक्स गुलाम की प्रगति के बारे में मालिक को सूचित करेगा।

व्यक्तिगत साफ-सफाई व सौंदर्य

सेक्स गुलाम खुद को साफ-सुथरा रखेगी और हमेशा शरीर के अंगों की वैक्सिंग या शेव करवाती रहेगी। वह मालिक की मर्जी से उसके द्वारा चुने गए ब्यूटी सैलून में जाएगी और मालिक जो भी उपचार करवाना चाहे, उन्हें बेहिचक करवाएगी।

व्यक्तिगत सुरक्षा:

सेक्स गुलाम आवश्यकता से अधिक शराब व धूम्रपान का सेवन नहीं करेगी और नशे की दवाएं नहीं लेगी। खुद को किसी भी तरह के अनावश्यक खतरे से दूर रखेगी।

व्यक्तिगत विशेषताएं:

सेक्स गुलाम अपने मालिक के सिवा किसी भी दूसरे व्यक्ति से शारीरिक संबंध नहीं रखेगी। वह सदैव मालिक से आदर से पेश आएगी। उसे एहसास होना चाहिए कि उसके इस बर्ताव का मालिक पर सीधा असर होगा। उसे मालिक की अनुपस्थिति में किसी भी तरह के गलत काम या बर्ताव के लिए दोषी ठहराया जाएगा।

यदि इनमें से कोई भी नियम तोड़ा गया तो मालिक के द्वारा तत्काल सजा दी जाएगी। जो कि वह स्वयं तय करेगा।

परिशिष्ट 2

कठोर सीमाएं

आग से जुड़ा कोई काम नहीं होगा।

मल या मूत्र विसर्जन या उससे जुड़े उत्पाद शामिल नहीं होंगे।

सुईयों, चाकू, त्वचा को छेदने या खून निकालने जैसे कोई काम नहीं होंगे।

ऐसे काम नहीं होंगे जिनमें महिलारोग संबंधी उपकरणों का प्रयोग किया जाए।

ऐसे काम नहीं होंगे जिनमें बच्चे या जानवर शामिल हों।

ऐसे काम नहीं होंगे जिनसे त्वचा पर कोई स्थायी दाग या निशान पड़ जाए।

ऐसी कोई गतिविधि शामिल नहीं होगी जिसमें बिजली का झटका दिया जाए या शरीर को आग व लपटों से जलाया जाए।

परिशिष्ट 3

स्वीकार की गई सीमाएं

दोनों पक्षों की आपसी रज़ामंदी द्वारा तय की गईं:

क्या सेक्स गुलाम निम्नलिखित के लिए सहमति देती है:

हस्तमैथुन योनि संभोग

स्त्री के लिए मुख मैथुन योनि में मुट्ठी का प्रयोग

पुरुष के लिए मुख मैथुन गुदा संभोग

वीर्य को निगलना गुदा में मुट्ठी का प्रयोग

क्या सेक्स गुलाम निम्नलिखित के प्रयोग की सहमति देती है:

वाईब्रेटस डिल्डो

बट प्लग्स योनि व गुदा से संबंधित अन्य खिलौने व उपकरण

क्या सेक्स गुलाम निम्नलिखित के प्रयोग की सहमति देती है:

रस्सी से बांधना टेप से बांधना

चमड़े की हथकड़ियों से बांधना अन्य वस्तुओं से बांधना

हथकड़ियों/ बेड़ियों आदि से जकड़ना

क्या सेक्स गुलाम निम्नलिखित रूप से नियंत्रित होने की सहमति देती है:

आगे की ओर हाथ बांधना कलाईंयां व टखने बांधना

टखने बांधना कुछ खास वस्तुओं व फर्नीचर आदि से बांधना

कोहनियां बांधना स्प्रेडरबार से बांधना

हाथ पीछे की ओर बांधना घुटने बांधना

टांगना

क्या सेक्स गुलाम आंखों पर पट्टी बांधने की सहमति देती है?

क्या सेक्स गुलाम मुंह में कपड़ा ठूंसने या मुंह बंद करने के लिए किसी वस्तु के प्रयोग की सहमति देती है?

वह किस सीमा तक पीड़ा को सहन करने के लिए प्रस्तुत है?

यहां 1 का अर्थ होगा कि बहुत पसंद करती है तथा 5 का अर्थ होगा कि गहराई से नापसंद करती है।

1-2-3-4-5

क्या सेक्स गुलाम पीड़ा/ सज़ा/ अनुशासन के इन रूपों पर अपनी सहमति देती है:

नितंबों पर वार पैडलिंग

कोड़े से मार छड़ी से पिटाई

काटना निप्पलों पर लगने वाला

गुप्तांगों पर लगने वाली चिमटियां बर्फ

गर्म वैक्स पीड़ा देने के अन्य उपाय/प्रकार

ये सब क्या है! मेरी तो फूड लिस्ट को भी देखने की इच्छा नहीं बची। थूक निगला तो जैसे पूरे मुंह में कड़वाहट सी फैल गई।

मेरा सिर चकरा रहा है। मैं इन बातों के लिए हामी दे भी कैसे सकती हूं? और बेशक यह सब तो वह मेरे फायदे के लिए, मेरी नारी संवेदना और सीमाओं के अन्वेषण के लिए करेगा-सुरक्षित रूप से-ओह, मुझे माफ करो! मैं गुस्से के मारे आग हो रही थी। सभी बातों को मानेगी और सेवाएं देगी। सभी बातें। अविश्वास से दिमाग घूमने लगा। दरअसल क्या शादी की कसमों में इस शब्द का प्रयोग नहीं करते… आज्ञा मानना ? क्या जोड़े अब भी ऐसे ही कहते हैं? बस तीन महीने-क्या यही वजह है कि इतनी सेक्स गुलाम साथ रह चुकी हैं? वह उन्हें लंबे समय तक साथ नहीं रख सका? या तीन महीनों में ही वे इस आदमी से उकता गईं? हर सप्ताहांत? ये भी हद है। अगर इसके चक्कर में आई तो शायद केट और नौकरी के दौरान बने नए दोस्तों से मिलने का मौका भी नहीं मिल पाएगा। शायद महीने में एक वीकएंड तो मुझे अपने लिए भी चाहिए। शायद तब…जब मुझे पीरियड्स हो रहे हों-या ये सही लगता है..व्यावहारिक भी है। वह मेरा मालिक है! मुझे उसकी रजामंदी से ही चलना होगा। भाड़ में जाए सब!

मैंने किसी अ लॉगर या चाबुक से मारे जाने की संभावना का ध्यान आते ही कंधे झटक दिए। बेशक नितंबों पर मारने से इतनी चोट नहीं आएगी पर अपमानजनक तो है ही और बांधना? वैसे उसने एक बार टाई से मेरे हाथ बांधे थे और वह इतना बुरा भी नहीं लगा था। वह मुझे किसी दूसरे मालिक को उधार नहीं देगा-बिल्कुल सही, वह कभी नहीं देगा। ये बात तो मैं कभी नहीं मानने वाली। मैं इन बातों के बारे में सोच भी क्यों रही हूं?

मैं उसकी आंखों में नहीं देख सकती। ये भी कितनी अजीब बात है? यही तो एक ज़रिया है, जिससे उसके मन की बात का कुछ अदांज़ा हो पाता है। दरअसल, मैं किससे मज़ाक कर रही हूं? मैं कभी नहीं जान पाती कि वह सोच क्या रहा है पर मुझे उसकी खूबसूरत, मोहक, बुद्धिमान, गहरी और किसी सेक्स मालिक के रहस्यों से भरी काली आंखें देखना पसंद है। मैंने उसकी जलती हुई निगाहों को याद किया और अपने-आप ही शरीर में एक सिरहन सी दौड़ गई।

और मैं उसे छू नहीं सकती। वैसे इसमें तो हैरानी की कोई बात नहीं है। और ये बेहूदे कायदे-कानून……नहीं, नहीं! मैं यह सब नहीं कर सकती। मैंने दोनों हाथों में अपना सिर थाम लिया। इस रिश्ते की कोई तुक ही नहीं बनती। मुझे थोड़ी नींद चाहिए। मैं पूरी तरह से बिखरी पड़ी हूं। पिछले चौबीस घंटों के दौरान, मैं जितने भी मिले-जुले हालात से गुज़री हूं, उन्होंने शरीर को पूरी तरह से निचोड़ कर रख दिया है। और मानसिक तनाव……ओह! इसे तो संभालना भी भारी हो रहा है। जोस ने सही कहा था कि ये आदमी दिमाग पर हावी हो जाता है। हो सकता है कि सुबह के समय ये सब किसी भद्दे मज़ाक जैसा न दिखे।

मैंने हिम्मत बटोरी और कपड़े बदले। शायद मुझे आज केट का मुलायम पजामा उधार ले लेना चाहिए था। आज मुझे अपने आस-पास एक सुरक्षा और कोमल एहसास की आवश्यकता थी, जो दुलार कर सुला देता। मैंने जल्दी से ब्रश किया और खुद को बाथरूम के शीशे में घूरने लगी। तुम सचमुच ऐसी बातों पर…गंभीरता से विचार नहीं कर सकतीं …। मेरे भीतर बैठी सयानी लड़की ने आंखें तरेरीं पर मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया और भीतर बैठी लड़की तो किसी पांच साल के बच्चे की तरह उछल-उछल कर तालियां बजा रही है- चल न, करते हैं…बड़ा मज़ा आएगा…वरना आखिर में हम तेरे क्लासिक उपन्यासों और बिल्लियों के साथ अकेले ही रह जाएंगे।

आज तक जिंदगी में मैं पहली बार किसी मर्द के सम्मोहन में फंसी थी और वह ऐसे कमीने अनुबंध, कोड़े, चाबुक और जाने क्या-क्या चीजें लेकर सामने आ गया। वैसे इस सप्ताह में जो भी हुआ, वह जिंदगी का पहला अनुभव था। मैं अपने शरीर पर उसके हाथों की छुअन की याद से ही शरमा गई। आंखें बंद करते ही मांसपेशियों की उस अजीब-सी मीठी ऐंठन को फिर से महसूस किया जा सकता था। मैं वह सब फिर से करना चाहती हूं। हो सकता है कि वह केवल यही सब करने के लिए मान जाए पर ऐसा लगता नहीं..

क्या मैं कोई सेक्स गुलाम हूं? हो सकता है कि मैंने उसे ऐसा कोई आभास दिया हो। हो सकता है कि इंटरव्यू के दौरान उसे ऐसा कुछ लगा हो। माना मैं शरमीली हूं पर किसी की सेक्स गुलाम? और उसकी वह कठोर और कोमल सीमाएं!!!! हाय! दिमाग चकराने लगा पर उम्मीद करती हूं कि उन पर एक बार चर्चा हो सकती है।

मैं अपने सोने के कमरे में लौट आई। ये सब तो सोचना भी भारी पड़ रहा है। कल सुबह यह सब सोचने के लिए दिमाग तरोताज़ा हो जाएगा। मैंने वे कागज़ात बैग में डाले। कल…कल एक और दिन होगा। मैंने पलंग पर जाते ही बत्ती बुझा दी और लेटकर छत को घूरने लगी। ओह! काश हम मिले ही न होते। मेरे भीतर बैठी लड़की ने आंखें तरेरीं। वह और मैं, हम दोनों ही जानते हैं कि यह एक झूठ है। मैंने खुद को आज से पहले इतना जीवंत कभी महसूस नहीं किया।

मैंने आंखें बंद कर लीं और उसके कमरे के पलंग और गहरी आंखों के सपने देखते-देखते सो गई।

केट ने ही अगले दिन जगाया।

“एना! कब से उठा रही हूं। तू तो बेसुध पड़ी है। “

मैंने बेमन से आंखें खोलीं। वह तो जल्दबाजी में दिख रही है। सुबह के आठ बजे हैं। अरे! मैं पूरे नौ घंटे सोती रही।

“क्या है? “मैं नींद में ही बुड़बुड़ाई।

“एक आदमी तेरे लिए कुछ लाया है। तुझे साइन करने होंगे। “

“क्या? “

“आ तो सही। बड़ा-सा बॉक्स है। दिखने में दिलचस्प है”। वह उछलती हुई कमरे की ओर भागी। मैंने दरवाजे के पीछे टंगा गाउन पहना और बाहर आई तो देखा कि पोनीटेल वाला स्मार्ट सा युवक कमरे में एक बड़ा सा बॉक्स लिए खड़ा था।

“हाय!”

“मैं तेरे लिए चाय बना देती हूं। “केट रसोई में चल दी।

“मिस स्टील? “

और मैं जान गई कि पैकेट कहां से आया था।

“हां!” मैंने सावधानी से कहा

“मेरे पास आपके लिए ये पैकेज है। पर मुझे इसे सैट करके आपको ये भी दिखाना है कि ये कैसे काम करता है। “

“अच्छा! अभी? “

“मैम! मैं तो हुक्म बजा रहा हूं। “वह व्यावसायिक तरीके से मुस्कुराया।

“क्या उसने मुझे मैम कहा? “क्या मैं रातों-रात दस साल बड़ी हो गई। अगर ऐसा है तो ये सब उस अनुबंध का ही असर है। मैंने मायूसी में मुंह बिचकाया।

“ओ.के! ये क्या है? “

“ये मैकबुक प्रो है। “

“बेशक!” मैंने आंखें नचाईं

“मैम! ये अभी दुकानों में नहीं आए। एप्पल की नई तकनीक है। “

ऐसा कैसे हो सकता है कि वह अपनी हरकतों से मुझे हैरानी में न डाले। मैंने आह भरी

“इसे वहां डाईनिंगटेबल पर लगा दें। “

मैं रसोई में केट के पास चली गई।

“क्या है? “उसने पूछा। बिखरे बाल और लाल आंखें…लगता है कि उसने भी गहरी नींद ली है।

“क्रिस्टियन ने लैपटॉप भेजा है “

“उसने क्यों भेजा? तू जानती है कि तू मेरा इस्तेमाल कर सकती है। “उसने गुस्सा दिखाया।

वह जो चाहता है, उसके लिए तेरा लैप सही नहीं रहेगा।

“ये तो उधार लिया है। वह चाहता है कि मैं इसे इस्तेमाल करके देखूं। “मैंने कमजोर सा बहाना बनाया पर केट मान गई। ओह! आज तो मैंने कैथरीन कैवेना को गच्चा दे दिया। पहली बार। उसने मुझे चाय पकड़ा दी।

मेरा मैक लैपटॉप पतला, सिल्वर और सुंदर है। इसका स्क्रीन काफी बड़ा है। मैंने ग्रे के लिविंग एरिया और पूरे अपार्टमेंट के बारे में सोचा, बेशक उसकी पसंद ही ऐसी है।

इसमें नई तकनीक के ओएस के साथ सभी प्रोग्राम दिए गए हैं। साथ ही 1.5 टैराबाइट की हार्ड ड्राइव भी है ताकि काफी सामग्री आ सके। 32 गिग्स की रैम है-आप इसे किसी रूप में प्रयोग में लाना चाहेंगीं। “

“ओह………ई-मेल “

“ई-मेल? “उसके गले में कुछ अटक-सा गया। उसने हैरानी से भवें नचाई।

“और शायद इंटरनेट रिसर्च भी करूंगी। “मैंने कंधे झटके।

उसने आह भरी।

“वैसे ये पूरी तरह से वायरलैस है और मैंने इसमें मी एकांउट का ब्यौरा भी डाल दिया है। अब ये बेबी इस दुनिया के किसी भी कोने में जाने के लिए तैयार है। “उसने उसे लगाव से देखा।

“मी एकांउट? “

“हां! आपका नया ई-मेल आई डी।

मेरा एक ई-मेल पता भी है

उसने स्क्रीन पर बने एक आइकन पर संकेत किया और बात करने लगा पर मुझे उसका एक भी शब्द पल्ले नहीं पड़ा। मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। बस इसे खोलना और बंद करना बता दे-बाकी तो खुद ही देख लूंगी। भई पिछले चार साल से केट का लैप तो इस्तेमाल कर ही रही हूं। केट ने इसे देखते ही प्रभावित होकर सीटी बजाई।

“ये नई पीढ़ी की तकनीक है। तकरीबन औरतों को तो गहने या फूल मिलते हैं!!! उसने” मुस्कान दबाते हुए कहा

मैंने उसे आंख दिखाई पर अपनी हंसी नहीं रोक पाई और हम दोनों की खिलखिलाहट ने कंप्यूटर वाले को हैरानी में डाल दिया। उसने अपना काम खत्म किया और डिलीवरी नोट पर हस्ताक्षर करवाए।

केट उसे छोड़ने गई तो मैंने चाय का प्याला हाथ में लेकर ई-मेल प्रोग्राम खोल लिया। जिसमें क्रिस्टियन ग्रे का ई-मेल मेरे इंतज़ार में था। मेरा कलेजा उछलकर मुंह को आ गया। मुझे क्रिस्टियन ग्रे ने मेल भेजा था। बड़ी घबराहट के साथ उसे खोला।

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: तुम्हारा नया कंप्यूटर

डेट: मई 22 2011 23:15

टू: एनेस्टेसिया स्टील

प्रिय मिस स्टील!

मैं मान लेता हूं कि तुमने भरपूर नींद ली होगी

और उम्मीद करता हूं कि तुम इस लैपटॉप का सही इस्तेमाल करोगी,

जैसा कि हमने चर्चा की थी।

मैं बुधवार के डिनर के इंतज़ार में हूं।

यदि उससे पहले किसी भी तरह के सवाल का जवाब चाहो

तो मुझे ई-मेल के माधयम से जवाब देने में खुशी होगी।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने ‘रिप्लाई’ बटन दबाया।

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: तुम्हारा नया कंप्यूटर (उधार)

डेट: मई 22 2011 8:20

यटू: क्रिस्टियन ग्रे

मैंने अच्छी नींद ली। धन्यवाद-किसी खास कारण से सर

मैंने समझा था कि ये कंप्यूटर आप मुझे उधार ही दे रहे हैं। ये मेरा नहीं है।

एना

और तत्काल ही जवाब भी आ गया।

फॉर्म: ए क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: तुम्हारा नया कंप्यूटर (उधार)

डेट: मई 23 2011 8:22

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मिस स्टील,कंप्यूटर अनिश्चित तौर पर उधार ही है।

मैंने तुम्हारी टोन से अंदाज़ा लगा लिया है कि तुमने मेरे दिए कागज़ात पढ़ लिए हैं।

क्या अभी तक तुम्हारे पास कोई सवाल हैं?

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैं चाहकर भी अपनी हंसी रोक नहीं पाई।

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: कुछ जानने को उत्सुक मन

डेट: मई 22 2011 8:25

टू: क्रिस्टियन ग्रे

मेरे पास बहुत से सवाल हैं पर वे ई-मेल के लिए उपयुक्त नहीं हैं और हममें से कुछ लोगों को रोज़ी-रोटी के लिए काम भी करना होता है।

वैसे अनिश्चितकाल के लिए मुझे कंप्यूटर की भी कोई आवश्यकता नहीं है।

तब तक के लिए गुड डे सर!

एना

उसने झट से जवाब दिया, जिसने मेरे चेहरे पर मुस्कान ली दी।

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: तुम्हारा नया कंप्यूटर (फिर से उधार)

डेट: मई 23 2011 8:26

टू: एनेस्टेसिया स्टील

बाद में बेबी!

कृपया ध्यान दें: मुझे भी आजीविका के लिए काम करना होता है।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने बेवकूफों की तरह खीसें निपोरते हुए कंप्यूटर बंद कर दिया। मैं इतने खिलंदड़े स्वभाव के क्रिस्टियन के असर से अछूती कैसे रह सकती हूं? मैं काम के लिए लेट होने वाली हूं। वैसे तो ये मेरा काम का आखिरी सप्ताह है। शायद मि. और मिसेज क्लेटन थोड़ी रियायत दे दें। मैं झट से नहाई और एक पल के लिए भी चेहरे से मुस्कान को ओझल नहीं कर सकी। उसने मुझे ई-मेल किया। मैं एक छोटे बच्चे की तरह हुलस रही हूं। और उस अनुबंध की सारी कड़वाहट धुल-पुंछ गई। मैंने अपने बाल धोते समय यह सोचने की कोशिश की कि मैं उससे ई-मेल के ज़रिए क्या-क्या पूछ सकती हूं। बेशक इन बातों पर विस्तार से चर्चा करना ही सही रहेगा। मान लो कि अगर किसी ने उसके एकांउट को हैक कर लिया तो? मैं सोचते ही सिहर गई। जल्दी से कपड़े पहने, केट को तुरत-फुरत में बाय कहा और क्लेटन चल दी।

जोस ने ग्यारह के करीब फोन किया

“हे, क्या हम एक साथ कॉफी ले रहे हैं? “ऐसा लगा कि पुराना जोस लौट आया हो। जोस मेरा दोस्त, वो नहीं, जैसा कि क्रिस्टियन ने उसके लिए कहा था-आशिक!!

“पक्का! मैं काम पर हूं। क्या यहां बारह बजे तक आ सकते हो? “

“फिर मिलते हैं। “

उसने फोन रख दिया और मैं पेंटब्रशों को संभालने के काम में जुट गई। इसी दौरान क्रिस्टियन और उसके अनुबंध के बारे में भी सोचती रही।

जोस समय का पाबंद है। वह गहरी आंखों वाले छोटे से पिल्ले की तरह चुपचाप दुकान में आ गया।

“एना!” उसने अपने चमकदार दांतों की प्यारी-सी मुस्कान दी और अब मैं उससे और नाराज़ नहीं रह सकती।

“हाय जोस! मैंने उसे गले से लगाया। मैं भूख से मर रही हूं। ज़रा मिसेज क्लेटन को कह दूं कि लंच के लिए जा रही हूं। “

हम स्थानीय कॉफी शॉप की ओर चले तो मैंने अपनी बांह उसकी बांह में डाल दी। मैं उसके आम या सामान्य होने के लिए…उसकी आभारी हूं। कोई ऐसा, जिसे मैं जानती और समझती हूं।

“हे, एना! क्या तुमने मुझे सचमुच माफ कर दिया? “वह हौले से बोला

“जोस! तुम्हें पता है कि मैं तुमसे ज्यादा देर तक नाराज़ रह ही नहीं सकती। “

उसने खीसें निपोर दीं

मैं घर पहुंच कर क्रिस्टियन को ई-मेल करने का लालच रोक नहीं पा रही थी और हो सकता है कि मैं अपना खोजबीन वाला काम भी शुरू कर सकूं। केट कहीं बाहर है इसलिए मैंने लैप ऑन करते ही ई-मेल खोल लिया। बेशक इनबॉक्स में उसका एक मेल इंतज़ार करता मिला। मैं तो खुशी के मारे अपनी सीट से उछल ही पड़ी।

फ्राम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: आजीविका के लिए काम

डेट: मई 23 2011 17:24

टू: एनेस्टेसिया स्टील

प्रिय मिस स्टील

उम्मीद करता हूं कि आज काम पर आपका दिन अच्छा रहा होगा।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने झट से ‘रिप्लाई’ बटन दबा दिया।

फ्राम: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: आजीविका के लिए काम

डेट: मई 23 2011 17:48

टू: क्रिस्टियन ग्रे

सर……आज काम पर दिन अच्छा रहा।

धन्यवाद

एना

फ्राम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: काम करो

डेट: मई 23 2011 17:50

टू: एनेस्टेसिया स्टील

प्रिय मिस स्टील

खुशी हुई कि आपका दिन अच्छा रहा।

आप ई-मेल कर रही हैं इसलिए रिसर्च का काम नहीं कर रहीं।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

फ्राम: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: उपद्रव

डेट: मई 23 2011 17:53

टू: क्रिस्टियन ग्रे

मि. ग्रे! मुझे ई-मेल करना बंद करें। तभी मैं अपने काम पर ध्यान दे सकूंगी।

मैं एक और ‘ए’ लेना चाहूंगी।

एना

मैंने खुद को गले से लगा लिया।

फ्राम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: अधीर

डेट: मई 23 2011 17:55

टू: एनेस्टेसिया स्टील

प्रिय मिस स्टील

मुझे ई-मेल करना बंद करें और अपना काम करें।

मैं एक और ‘ए’ देना पसंद करूंगा।

पहला तो सचमुच गजब का था।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

क्रिस्टियन ग्रे ने मुझे अभी-अभी आंख मारने वाली स्माइली बना कर भेजी…ओह वाह! मैंने गूगल ऑन कर दिया।

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: इंटरनेट रिसर्च

डेट: मई 23 2011 17:59

टू: क्रिस्टियन ग्रे

मि. ग्रे! आपके हिसाब से मुझे सर्च इंजन में क्या लिखना चाहिए?

एना

फॉर्म: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जैक्ट: इंटरनेट रिसर्च

डेट: मई 23 2011 18:02

टू: एनेस्टेसिया स्टील

प्रिय मिस स्टील

हमेशा विकीपीडिया से शुरूआत करें।

जब तक कोई सवाल न हो। ई-मेल मत भेजना।

समझीं?

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: तानाशाही रवैया!

डेट: मई 23 2011 18:04

टू: क्रिस्टियन ग्रे

जी सर!

आप तो बड़े तानाशाह हैं।

एना

फॉर्म: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जैक्ट: नियंत्रण में रखना

डेट: मई 23 2011 18:06

टू: एनेस्टेसिया स्टील

एना तुम्हें कोई अंदाज़ा नहीं है। हो सकता है कि कोई संकेत मिल जाए।

काम करो।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने विकीपीडिया पर ‘सेक्स गुलाम’ टाइप किया

आधे घंटे बाद ही सिर घूमने लगा और मैंने खुद से पूछा कि क्या मैं अपने लिए यह सब चाहती हूं? हे भगवान!!! उसके उस लाल कमरे में ऐसा सामान भरा हुआ है? मैं वहीं बैठी स्क्रीन को घूरती रही। हां, मानती हूं कि वे सब वस्तुएं काफी हद तक उत्तेजक थीं पर क्या वह सब मेरे लिए था? ओह……क्या मैं ऐसा कर सकूंगी? मुझे सोचने के लिए वक्त चाहिए। इन बातों पर गंभीरता से विचार करना होगा।