Sex and Emotional Attachment: हमारा जीवन बहुत सारे रिश्तों के साथ बंधा है। हमें ज्यादातर रिश्ते जन्म के साथ ही मिलते हैं, तथा उनकी समझ भी हमें जन्म से ही मिलने लगती है। जैसे; माता-पिता, भाई-बहन तथा सभी पारिवारिक रिश्ते। लेकिन कुछ रिश्ते हम समझ होने के बाद बनाते हैं, जैसे; दोस्ती या पति-पत्नी का। पारिवारिक रिश्तों को कैसे संभालना है, इसकी समझ हमें बचपन से ही दी जाती है। दोस्ती का रिश्ता हम लड़ते-झगड़ते संभालना सीख लेते हैं। लेकिन पति-पत्नी का रिश्ता दो लोगों के बीच प्यार, विश्वास और आपसी समझ के साथ सीखा जाता है। पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और विश्वास के साथ जो बहुत बड़ा रोल निभाता है, वह है पार्टनर्स का एक दूसरे से भावनात्मक जुड़ाव तथा शारीरिक जुड़ाव (सेक्स) किसी भी रिलेशनशिप के हैप्पी होने के लिए प्रेम के दोनों रूपों भावनात्मक प्रेम तथा शारीरिक प्रेम (सेक्स) का बैलेंस होना जरूरी है।
भावनात्मक प्रेम

भावनात्मक प्रेम किसी भी रिश्ते को जोड़ने की वह अनमोल कड़ी है, जो कपल्स को एक दूसरे के साथ मानसिक तथा आत्मिक रूप से जोड़ता है। भावनात्मक प्रेम, कपल्स का एक दूसरे के प्रति आकर्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक दूसरे को समझना, एक दूसरे का सम्मान करना तथा एक दूसरे के साथ रिश्ता गहरा करने में शामिल है।
भावनात्मक जुड़ाव आपके रिश्ते में विश्वास को बढ़ाता है। भावनात्मक जुड़ाव होने पर आप एक दूसरे के साथ अपनी परेशानी, डर, खुशी, सपना, चिंताएं सभी प्रकार की भावनाओं को एक दूसरे के साथ खुले भाव से साझा कर पाते हैं तथा उसे समझ पाते हैं।
जब आपके साथी के साथ आपका भावनात्मक जुड़ाव अच्छा होता है तो आप ज्यादा सुरक्षित, संतुलित तथा पॉजिटिव महसूस करते हैं। आपके अंदर हर परेशानी में एक दूसरे का साथ निभाने की भावना प्रबल होती है। भावनात्मक जुड़ाव के कारण आप तनाव तथा चिंता मुक्त महसूस करते हैं।
शारीरिक जुड़ाव (सेक्स)
सेक्स पति-पत्नी के रिलेशनशिप में बहुत महत्वपूर्ण है। सेक्स के जरिए न केवल आपकी शारीरिक ज़रूरतें पूरी होती है, बल्कि आपको मानसिक शांति भी मिलता है। सेक्स आपके रिश्ते को मानसिक तथा आत्मिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सेक्स के समय शरीर ऐसे हार्मोंस का स्राव करता है जो तनाव और चिंता को कम करने में मददगार होते हैं। शारीरिक संबंध रिश्तो में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
जब आप या आपका साथी मानसिक और शारीरिक रूप से संतुष्ट होते हैं, तो आप आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करते हैं। जिसका आपके बाकी कार्यों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सेक्स या भावनात्मक जुड़ाव, क्या जरूरी
अगर आपके रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव अच्छा है, लेकिन सेक्स की कमी है तो धीरे-धीरे साथी के अंदर एक दूसरे के प्रति असंतुष्टि की भावना बढ़ जाती है जो कि रिश्तो में अलगाव का कारण बनता है।
दूसरी तरफ अगर आपका शारीरिक संबंध अच्छा है और भावनात्मक जुड़ाव अच्छा नहीं है तो भी आपका रिश्ता लंबा नहीं टिकता है।
सेक्स हो या भावनात्मक जुड़ाव दोनों ही समान रूप से सफल रिश्ते के लिए आवश्यक है। से आपको शारीरिक तथा मानसिक सुख प्राप्त होता है तथा दूसरे से आप मानसिक रूप से मजबूत तथा विश्वास से भरा हुआ महसूस करते हैं।
