Relationship Attachment Styles: हर व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से जुड़ने का तरीका अलग होता है। जैसे; कई लोग बहुत जल्दी किसी के भी दोस्त बन जाते हैं, कई नहीं। ऐसा ही रिलेशनशिप में भी होता है। हर व्यक्ति का अपने साथी के साथ जुड़ने का, प्यार दिखाने या समझने का तरीका अलग हो सकता है। कोई व्यक्ति किसी से कैसे जुड़ता है, यह उसके अटैचमेंट स्टाइल पर निर्भर करता है। अगर रिलेशनशिप में पार्टनर एक-दूसरे के अटैचमेंट स्टाइल को समझ ले तो वह अपने रिश्ते को और अधिक मजबूत बना सकते हैं।
क्या है अटैचमेंट स्टाइल
कोई व्यक्ति अपने साथी या फिर किसी भी करीबी रिश्ते के साथ किस तरह का व्यवहार करता है, किस तरह वह अपने साथी से भावनात्मक जुड़ाव चाहता है या फिर रखता है या परेशानी के समय वह कैसा बर्ताव करता है, यह उसका अटैचमेंट स्टाइल कहलाता है।
किसी भी व्यक्ति का अटैचमेंट स्टाइल एक दिन में विकसित नहीं होता, यह उसे जीवन के शुरुआत से लेकर जीवन भर तक के अनुभवों पर निर्भर करता है। जैसे; एक बच्चा अपने बचपन में अपने माता-पिता से सुरक्षा नहीं पा पाया है तो उसके अंदर असुरक्षा की भावना का विकास होता है और बड़े होने पर भी उसकी यह भावना बनी रहती है।
जानिए कितने तरह की होते हैं अटैचमेंट स्टाइल?

अटैचमेंट स्टाइल के चार तरह के होते हैं-
सुरक्षित– जिन व्यक्तियों का अटैचमेंट स्टाइल सुरक्षित है, वह अपने साथी पर पूरा भरोसा करते हैं। वह उसे खोने या फिर दूर जाने के डर में नहीं होते। इस प्रकार के व्यक्ति अपने रिश्तों में सहज होते हैं तथा अपने और अपने साथी के इमोशंस को अच्छे से समझते हैं।
बेचैन और चिंतित – इस तरह का व्यक्ति सदा डर में रहता है, कहीं उसका साथी उन्हें छोड़ ना दे। ऐसे व्यक्ति अपने इस डर के कारण अपने साथी का जरूरत से ज्यादा ध्यान चाहते हैं, ताकि वह भरोसा कर सके कि उनका साथी उनके साथ है।
टालने वाला – इस तरह के व्यक्ति रिश्तो में थोड़ी दूरी रखना पसंद करते हैं। ऐसे व्यक्ति को लगता है कि रिश्तों में ज्यादा नजदीकियां होने से उनका पर्सनल स्पेस कम हो जाएगा।
डरपोक या बंटा हुआ – इस तरह के व्यक्ति अपने बचपन में किसी न किसी प्रकार के ट्रॉमा से गुजर चुके होते हैं, जिसका डर अभी तक उनके अंदर होता है। इस तरह के लोग अपने साथी से प्यार चाहते हैं, पर नजदीकियों से भी डरते हैं।
रिश्ते को बेहतर बनाता है अटैचमेंट स्टाइल
अपने साथी के अटैचमेंट स्टाइल को समझे से पहले, अपने अटैचमेंट स्टाइल को समझें क्योंकि पहले अपने बारे में जानना ज्यादा आसान है।
जब आप अपने व्यवहार पर विचार करते हैं तो आप जान सकते हैं कि आपके इस व्यवहार के पीछे क्या कारण है। इसमें आप जर्नलिंग की मदद ले सकते हैं। जैसे कि आप अपने व्यवहार को लिखें, फिर खुद से सवाल करें, क्यों किया आपने ऐसा। फिर उसका जवाब लिखे। इस तरह से आप खुद को समझ सकते हैं।
आपका अपने व्यवहार के प्रति जागरूक होना रिश्ते में आपकी उग्रता को कम करता है और आप गुस्से में कोई भी फैसला लेने से या अपशब्द बोलने से बचते हैं।
जब आप अपने आप को समझना शुरू कर देते हैं तो आप अपने साथी के बर्ताव को व्यक्तिगत लेने की बजाय उसके पीछे के कारण को समझने की कोशिश करते हैं तथा समझदारी के साथ परिस्थिति का सामना करते हैं।
आपका अपने तथा अपने रिश्ते के प्रति जागरूक व्यवहार आपके रिश्ते की असली परेशानियों को सुलझाने में मददगार होते हैं तथा आप अपने रिश्ते में सहानुभूति तथा धैर्य से काम लेते हैं।
