fifty shades darker novel in Hindi
fifty shades darker novel in Hindi

fifty shades darker novel in Hindi: क्रिस्टियन से बिछुड़े आज तीसरा दिन है और मैं ज़िन्दा हूं। काम पर पहला दिन है। बेशक अपने ध्यान को दूसरी ओर लगाने के लिए इससे बेहतर विकल्प और क्या होता। नए चेहरों, नए काम और मि. जैक हाइड के साथ वक्त तेज़ी से कटा।

मि. जैक हाइड… । वह मेरी ओर देखकर मुस्कुराया, वह मेरी मेज़ पर झुका तो उसकी नीली आंखें गहराई से चमक रही थीं।

“एना! बहुत अच्छे…… लगता है कि हम एक बढ़िया टीम बना सकते हैं।”

मैंने किसी तरह अपने होठों को एक मुस्कान की मुद्रा में ऊपर की ओर मोड़ा।

“अगर अब कोई काम न हो तो मैं जाऊं क्या?” मैं हौले से बोली।

“हां, क्यों नहीं। साढ़े पांच हो गए। मैं कल मिलता हूं।”

“गुडनाइट जैक”

“गुडनाइट एना!”

मैंने बैग उठाकर जैकेट कंधे पर डाली और दरवाजे की ओर बढ़ी। बाहर आकर सिएटल की ताज़ी हवा को फेफड़ों में भरा पर इससे मेरे दिल का सूनापन नहीं भर सका, एक ऐसा खालीपन जो शनिवार सुबह से मेरे साथ है और मुझे लगातार मेरे नुकसान की याद दिला रहा है। मैं सिर झुकाए, अपने पैरों की ओर देखते हुए बस स्टॉप की ओर चल दी। अपनी वांडा की बेतरह याद आ रही थी। वांडा, मेरी प्यारी बीटल…या फिर ऑडी!

मैंने झट से इस सोच को परे झटक दिया। नहीं, उसके बारे में मत सोच। बेशक मैं अपने लिए एक कार ले सकती हूं… एक अच्छी नई कार। मुझे शक है कि उसने मुझे कार की कीमत के नाम पर ज्यादा पैसे दिए हैं और ये ख़याल आते ही मुंह में कड़वाहट घुल गई। मैंने इस सोच को भी परे किया और अपने दिलों दिमाग को पूरी तरह से शान्त रखने की कोशिश की। मैं उसके बारे में नहीं सोच सकती। मैं फिर से रोना नहीं चाहती- कम से कम सड़क पर तो कभी नहीं।

अपार्टमेंट खाली पड़ा है। मैं केट को याद कर रही हूं। मैंने कल्पना की कि वह बारबाडोज़ में किसी सागरतट पर लेटी ठंडी कॉकटेल का मज़ा ले रही होगी। मैंने चपटे स्क्रीन वाला टीवी. चालू किया ताकि किसी के साथ का एहसास मिल सके पर मैं न तो उसे देख रही थी और न ही सुन रही थी। मैं चुपचाप बैठी ईंटों से बनी दीवार को घूरती रही। दर्द के सिवा कुछ महसूस ही नहीं हो रहा। मैं इसे कब तक सह सकती हूं?

दरवाजे की घंटी से एकदम चौंकी। कौन हो सकता है? मैंने इंटरकॉम दबाया।

“मिस स्टील के लिए डिलीवरी है।” एक पकाऊ से सुर में कोई बोला। मैं मायूस हो गई। यूं ही बेजान सी निचले दरवाजे के पास पहुंची तो एक नौजवान दिखा जो लापरवाही से बबलगम चबाते हुए, हाथ में गत्ते का बड़ा-सा डिब्बा थामे खड़ा था। मैंने पैकेट लेने के लिए हस्ताक्षर किए और उसे ले कर ऊपर आ गई। बॉक्स काफी बड़ा लेकिन हल्का है। उसमें से दो दर्जन लंबी डंडियों वाले सफेद गुलाब और कार्ड निकले।

काम के पहले दिन की शुभकामनाएं!

उम्मीद करता हूं कि सब ठीक रहा होगा।

ग्लाईडर के लिए शुक्रिया। ये बड़ा अच्छा तोहफ़ा रहा।

इसे मेरे मेज पर रखे जाने का गौरव प्राप्त हुआ है।

क्रिस्टियन!

मैंने टाइप किए गए कार्ड को देखा और दिल का सूनापन और भी पसर गया। बेशक यह तो उसकी सहायिका ने टाइप किया होगा। इसका उससे कोई लेन-देन नहीं है। इस बारे में सोचने से भी दिल को चोट लगती है। मैंने गुलाब देखे, बहुत सुंदर हैं और मैं उन्हें कूड़ेदान में फेंकने की हिम्मत नहीं कर सकी। झट से कोई फूलदान खोजने के लिए रसोई की ओर चल दी।

और इस तरह एक शैली सी बन गयी: उठना, काम करना, रोना, सोना। खैर सोने की कोशिश करना। सपनों में भी वही छलता रहता। जलती हुई भूरी आंखें, खोई-खोई नज़रें और बिखरे बाल……। उसके आसपास गूंज रहा संगीत। मैं अब संगीत नहीं सुन सकती। मैं हर हाल में इसे अनसुना कर रही हूं। यहां तक कि विज्ञापनों की अर्जुनों से भी चिढ़ हो रही है।

मैंने किसी से बात नहीं की। मॉम या रे से भी नहीं! अब जैसे किसी से यहां-वहां की हांकने की हिम्मत ही नहीं रही। नहीं, मैं किसी को नहीं चाहती। मैं बहुत तन्हा हो गई हूं। एक ऐसी वीरान और सुनसान द्वीप; जहां कुछ नहीं उगता और दूर-दूर तक कोई नहीं दिखता। हां, ये मैं ही तो हूं। मैं ऑफिस में लोगों से औपचारिक बातचीत तो कर सकती हूं पर जानती हूं कि अगर मॉम से बात की तो और भी टूट जाऊंगी और अब इतना टूट गई हूं कि टूटने के नाम पर कुछ बचा ही नहीं है।

मेरे लिए कुछ भी खाना दूभर हो गया है। बुधवार दोपहर तक मैंने बमुश्किल एक कप दही लिया है और शुक्रवार के बाद आज पहली बार खाया है। तब से मैं लाते और डाइट कोक पर ही ज़िन्दा हूं। कैफीन ने ही मुझे संभाला हुआ था पर साथ ही यही बेचैनी भी बढ़ा रही थी।

जैक ने मेरे आसपास मंडराना शुरू कर दिया है। वह बार-बार निजी सवाल पूछ कर खिझाने लगा है। वह चाहता क्या है? मैंने पूरी विनम्रता के साथ एक हाथ की दूरी रखी हुई है पर थोड़ा और ध्यान रखना होगा।

मैं उसके नाम आई चिट्ठी-पत्री को देखने लगी और दिमाग दूसरी ओर लगने से थोड़ी शांति मिली। तभी ई-मेल आने का स्वर सुनाई दिया।

ओह! ये तो क्रिस्टियन का ई-मेल है। अरे नहीं……यहां कम से कम काम के वक्त तो नहीं।

फ्रॉम क्रिस्टियन ग्रे

सब्जेक्ट: आने वाला कल

डेट: 8 जून 2011 14:05

टू: एनेस्टेसिया स्टील

प्यारी एनेस्टेसिया

काम के समय तंग करने के लिए माफ़ी चाहूंगा। उम्मीद करता हूं कि सब ठीक चल रहा होगा। क्या तुम्हें फूल मिले?

मुझे याद आया कि कल तो तुम्हारे दोस्त की गैलरी का मुहूर्त है और मुझे पक्का यकीन है कि तुम्हें अभी कार खरीदने का वक्त नहीं मिला होगा। बेशक रास्ता भी लंबा है। अगर तुम साथ चलना चाहो तो मुझे बहुत खुशी होगी।

मुझे बताओ।

क्रिस्टियन ग्रे, सीईओ,

ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मेरी आंखें छलक उठीं। झट से वहां से उठी और शौचालय की ओर चल दी ताकि अपना बचाव कर सकूं। जोंस का शो। मैं तो भूल ही गई थी, मैंने तो उससे वहां आने का वादा किया था। ओह, क्रिस्टियन ठीक कह रहा है, मैं जाउंगी कैसे?

मैंने अपना माथा जकड़ा। जोंस ने फोन क्यों नहीं किया? सोचने की बात है कि किसी ने भी फोन नहीं किया। मैंने भी ध्यान नहीं दिया कि इतने दिन से मेरा कोई फोन ही नहीं आया था।

ओह! मैं भी गृहणी हूं। मेरी सारी कॉल्स ब्लैकबेरी में जा रही हैं और वह क्रिस्टियन देख रहा होगा। अगर उसने ब्लैकबेरी को कहीं पटक न दिया हो तो…? उसे मेरा ई-मेल पता कहां से मिला?

उसे तो मेरे जूते का नंबर तक पता है। ये ई-मेल का पता क्या चीज़ है।

क्या मैं उससे दोबारा मिल सकती हूं? क्या मैं सह सकती हूं? क्या मैं उससे मिलना चाहती हूं? मैंने आंखें बंद कीं और सिर को दूसरी ओर झुकाया। मैं अपने दुख की ओर एक नज़र मारी…। बेशक मैं ऐसा कर सकती हूं।

शायद… शायद मैं उसे बता सकती हूं कि मैंने अपना मन बदल लिया है। …नहीं, नहीं, नहीं! मैं किसी ऐसे इंसान के साथ नहीं रह सकती जिसे मुझे तकलीफ़ पहुंचा कर खुशी मिलती हो, कोई ऐसा जो मुझसे प्यार नहीं कर सकता।

मेरे दिमाग में अचानक ही वे सारी दिल दुखाने वाली यादें मंडराने लगीं- ग्लाइडिंग, हाथ थामना, चूमना, बाथटब, उसकी कोमलता, उसका हंसोड़ स्वभाव, उसकी गहरी चाह से छलकती आंखें। मैं उसे याद करती हूं। पांच दिन हुए हैं और ऐसा लगता है जाने कितनी सदियों से नहीं मिली हूं। रातों को रोती हूं कि काश मैं उसे इस तरह से छोड़कर न आई होती, काश वह आम इंसान होता, काश हम एक हो पाते। मैं कब तक इस तरह के एहसासों से घिरी रहूंगी? मेरे लिए मुक्ति कहां है?

मैंने अपने शरीर के आसपास बांहों को कसा और खुद को कस कर थाम लिया। मैं उसे याद करती हूं… बहुुत… बहुत याद करती हूं। मैं उससे प्यार करती हूं। बस सीधी सी बात है।

एनेस्टेसिया स्टील! तुम इस समय काम पर हो। मुझे मजबूत बनना होगा पर मैं जोंस के शो में जाना चाहती हूं और अन्दर ही अन्दर मैं क्रिस्टियन से मिलने को भी तरस रही हूं। मैंने गहरी सांस ली और कमरे में आ गई।

फ्रॉम एनेस्टेसिया स्टील

सब्जेक्ट: आने वाला कल

डेट: 8 जून 2011 14:25

टू: क्रिस्टियन ग्रे

हाय क्रिस्टियन

फूलों के लिए शुक्रिया! वे सुंदर थे।

हां, मैं तुम्हारे साथ जाना चाहूंगी।

धन्यवाद!

एनेस्टेसिया स्टील

जैक हाइड की सहायिका

संपादक, एसआईपी

फोन देखा तो पता चला कि उसके सारे कॉल अब भी मेरे ब्लैकबेरी में ही जा रहे थे। जैक मीटिंग में था इसलिए मैंने जल्दी से ओसे को फोन लगाया।

“हाय जोंस! एना बोल रही हूं।”

“हैलो! अजनबी।” उसके प्यार की गरमाहट और अपनेपन से मेरा मन भर आया।

“मैं ज्यादा बात नहीं कर सकती। कल तुम्हारे शो में कितने बजे आना है?”

“तुम सच्ची आ रही हो?” उसकी आवाज़ में छिपी उमंग पता चल रही थी।

“हां, बेशक।” मैंने पांच दिनों में पहली बार अपनी निश्चल मुस्कान दी।

“साढ़े सात बजे।”

“ठीक है फिर मिलते हैं। गुड बाय जोंस!”

“बाय एना!”

फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जेेक्ट: आने वाला कल

डेट: 8 जून 2011 14:27

टू: एनेस्टेसिया स्टील

डियर एनेस्टेसिया

मैं तुम्हें किस वक्त लेने आऊं?

क्रिस्टियन ग्रे

ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

फ्रॉम: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जेक्ट: आने वाला कल

डेट: 8 जून 2011 14:32

टू: क्रिस्टियन ग्रे

ओसे का शो 7:33 शुरू होगा। हमें किस समय जाना चाहिए?

एनेस्टेसिया स्टील

जैक हाइड की सहायिका

संपादक, एसआईपी

फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जेक्ट: आने वाला कल

डेट: 8 जून 2011 14:32

टू: एनेस्टेसिया स्टील

डियर एनेस्टेसिया

पोर्टलैंड थोड़ी दूर है इसलिए मैं तुम्हें 5:45 पर लेने आऊंगा।

तुमसे मिलने के इंतज़ार में..

क्रिस्टियन ग्रे, सीईओ,

ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

फ्रॉम: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जेक्ट: आने वाला कल

डेट: 8 जून 2011 14:38 ईएसटी

टू: क्रिस्टियन ग्रे

ठीक है, कल मिलते हैं।

एनेस्टेसिया स्टील

जैक हाइड की सहायिका

संपादक, एसआईपी

ओह!! मैं क्रिस्टियन से मिलने वाली हूं और पांच दिन में पहली बार मेरा मन थोड़ा खुश हुआ और मैंने अपना ध्यान उसकी ओर लगाया।

क्या वह भी मुझे याद कर रहा है? शायद वैसे नहीं किया होगा, जैसे मैं कर रही हूं। क्या उसे कोई नई सेक्स गुलाम मिल गई? ये सोच ही इतनी बुरी थी कि मैंने उसे एकदम से ख़ारिज़ कर दिया। मैंने जैक के दिए काम पर नज़र मारी और उसे करने के लिए क्रिस्टियन को अपने दिमाग से हटाना ज़रूरी था।

उस रात, मैं पलंग पर करवटें बदलती रही। पूरे सप्ताह में शायद पहली बार मैं रोए बिना सोने जा रही थी।

मैं मन ही मन याद करने की कोशिश कर रही थी कि जब मैं क्रिस्टियन के घर से आई तो उसका चेहरा कैसा दिख रहा था? उसके तरसे हुए चेहरे की याद मुझे तड़पा रही है। मुझे याद है कि वह मुझे जाने नहीं देना चाहता था। यही बात अजीब थी। वहां के हालात ऐसे बन गए थे कि मेरी वहां रहने की तुक ही नहीं बनती थी। हम दोनों अपने-अपने मुद्दों से घिरे थे। मेरा सज़ा का डर और उसके लिए किसका डर… प्यार का?

मैं करवट ले कर तकिए को अपने से चिपटा लिया… एक अजीब सी उदासी ने घेर लिया है। वह समझता है कि वह किसी का प्यार पाने के लायक नहीं है। वह ऐसा क्यों महसूस करता है? क्या यह उसकी पैदाईश और बचपन का असर है? उसे जन्म देने वाली मां… वह वेश्या? मैं कई घंटों तक ऐसे ही ख्यालों से जूझने के बाद थक कर सो गई।

दिन अपनी गति से चलता रहा पर आज जैक कुछ ज्यादा ही मुस्तैद दिख रहा है। शायद ये केट की पोशाक और जूतों का असर है पर मैंने ज्यादा परवाह नहीं की। मैंने अपने पहले वेतन के आते ही कपड़े खरीदने की सोच ली है। उसकी पोशाक काफी ढीली आई है पर मैं ऐसे ही दिखा रही हूं मानो मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता।

आखिरकार शाम का वक्त हुआ और मैं अपनी घबराहट पर काबू पाने की कोशिश करने लगी। उससे मिलने जा रही हूं..

“क्या आज रात किसी से मुलाकात है?” पास से निकलते जैक ने पूछा।

“हां, नहीं। ऐसा भी नहीं कह सकते।”

उसने एक भौं नचाई। “ब्वायफ्रेंड?”

मैं खिसिया गई। “नहीं एक फ्रेंड। एक्स ब्वायफ्रेंड…।”

“कल शाम को हमारे साथ ड्रिंक्स के लिए चलोगी? एना, तुम्हारा ये पहला सप्ताह काफी अच्छा रहा। हमें इसका जश्न मनाना चाहिए।” वह मुस्कुराया और उसके चेहरे पर एक अजीब-सा भाव दिख रहा था, जिसे देखकर मैं बेचैन हो उठी।

वह जेबों में दोनों हाथ डाले बाहर निकला और मैं मन ही मन भुनभुनाई- क्या बॉस के साथ ड्रिंक्स के लिए जाने का विचार ठीक होगा?

मैंने सिर झटका। अभी आज शाम तो क्रिस्टियन से मिलना है। कल की कल देखेंगे। मैं अपनी शक्ल संवारने के लिए खड़ी हो गई।

शौचालय में लगे बड़े शीशे में चेहरे को देखा तो बड़ी-सी आंखों के नीचे काले घेरे साफ दिखाई दिए। ऐसा लग रहा था कि कोई मनहूसियत छाई हो। काश! मुझे मेकअप इस्तेमाल करना आता। मैंने थोड़ा-सा मस्कारा और आईलाइनर लगाया और गालों पर चुटकी काटी ताकि शायद थोड़ा रंग आ जाए। बालों को सही तरह से बांध कर मैंने गहरी सांस ली। बस इसी से बात बन जाएगी।

मैं घबराहट के साथ बरामदे से निकली और रिसेप्शन पर बैठी क्लेयर को देखकर हाथ हिलाया। लगता है कि हममें दोस्ती हो सकती है। जैक, एलिजाबेथ से बात करता दिखा। वह एक चौड़ी सी मुस्कान के साथ मेरे लिए दरवाज़ा खोलने आगे आ गया।

“एना पहले तुम जाओ।” वह बोला।

“धन्यवाद!” मैं शर्मिंदगी के साथ मुस्कुराई।

वहीं बाहर टेलर इंतज़ार कर रहा है। उसने कार का पिछला दरवाज़ा खोल दिया। मैंने झट से पीछे आ रहे जैक पर नज़र मारी। वह बड़ी मायूसी से ऑडी एसयूवी को ताक रहा है।

मैंने पीछे सीट पर देखा तो अपने ग्रे सूट में क्रिस्टियन बैठा दिखा। आज गले में टाई नहीं है। उसकी भूरी आंखें चमक रही हैं।

मेरा गला सूख गया। वैसे तो वह गज़ब का दिख रहा है पर मुझे गुस्से से क्यों घूर रहा है?

“आखिरी खाना कब खाया था?” टेलर दरवाज़ा बंद करने लगा तो वह गुस्से से बोला।

ओह! हो गया कबाड़ा। “हैलो क्रिस्टियन। तुमसे मिलकर अच्छा लगा।”

“मैं अभी तुम्हारी बकवास नहीं सुनना चाहता। मेरी बात का जवाब दो।”

“ओह!! आज लंच में दही लिया था और एक केला भी खाया था।”

“आखिरी बार अपना पूरा खाना कब खाया था?” उसने तीखे सुर में पूछा।

टेलर गाड़ी में आया और उसे भीड़ के बीच ले जाने के लिए चालू किया।

मैंने झांका तो बाहर से जैसे जैक हाथ हिलाता दिखा। हालांकि पता नहीं मैं उसे इतने गहरे रंग के शीशे से नज़र कैसे आई होंगी। मैंने भी हाथ हिला दिया।

“कौन है?” क्रिस्टियन ने पूछा।

“मेरा बॉस।” मैंने अपने साथ बैठे खूबसूरत मर्द को देखा जिसके चेहरे पर इस समय गुस्से की गहरी रेखाएं दिख रही हैं।

“खैर! तुम्हारा आखिरी खाना?”

“तुम्हें उससे क्या?” मैंने बहादुरी दिखाई।

“तुम जो भी करती हो। मेरा हर बात से मतलब होता है।”

मैंने चिढ़ कर मुंह घुमाया और अचानक ही मेरा मन हंसने को करने लगा। मेरे लिए चेहरे से हंसी को छिपाना भारी हो गया और उसके चेहरे के कोने पर भी मुस्कान की हल्की-सी रेखा दिखी।

“हां बोलो।”

“पिछले शुक्रवार को पास्ता खाया था।”

उसने पल भर के लिए आंखें बंद कीं और उसके चेहरे पर जैसे पछतावा सा रेंग आया।

“ओह! ऐसा लगता है कि पांच पाउंड से भी ज्यादा वज़न कम हो गया हो। एनेस्टेसिया! प्लीज़ खाना मत छोड़ा करो।”

मैं गोद में गुंथी अंगुलियों को घूरती रही। वह हमेशा मेरे साथ ऐसे क्यों पेश आता है जैसे कोई बदमाश बच्चे से बात कर रहा हो। वह मेरी ओर मुड़ा।

“कैसी हो?” फिर उसने मुलायम सुर में पूछा।

“म……मैं……अगर कहूं कि ठीक हूं तो शायद गलत होगा।”

उसने गहरी सांस ली।

“मैं भी । मैंने तुम्हें बहुत याद किया।” उसने मेरा हाथ थामकर कहा।

ओह नहीं! उसके हाथों का स्पर्श।

“क्रिस्टियन मैं……”

“एना प्लीज़! हमें बात करनी होगी।”

“मैं रोने वाली हूं। नहीं! क्रिस्टियन मैं… प्लीज़… मैं पहले ही बहुत रो चुकी हूं।” मैं अपने भावों को काबू रखते हुए हौले से बोली।

“ओह बेबी, नहीं!” उसने मुझे एकदम से अपनी गोद में खींच लिया। उसकी बांह का घेरा मेरे आसपास था और उसकी नाक मेरे बालों को सहला रही थी।

“एनेस्टेसिया ! मैंने तुम्हें बहुत याद किया।”

मैं उससे कुछ दूरी बनाए रखने के लिए हाथ-पैर मार रही थी पर उसने मेरे आसपास बाजुओं के घेरा डाला हुआ था। वह मुझे अपनी छाती से चिपकाना चाहता है। मैं पिघल गई। ओह! मैं इसी जगह तो रहना चाहती हूं।

मैंने अपना सिर उसके कंधे पर टिका दिया और वह बार-बार मेरे बाल चूमने लगा। यही तो मेरा घर है। उसके लिनन, कपड़े को मुलायम करने वाले तरल पदार्थ, बॉडी वाश और मेरे मनपसंद क्रिस्टियन की गाउन का मेल! एक पल के लिए तो मैंने सब भुला कर अपने दिल को तसल्ली दे दी कि सब ठीक हो गया।

कुछ मिनट बाद अचानक टेलर ने गाड़ी रोक दी। वैसे अभी हम शहर में ही थे।

आओ! क्रिस्टियन ने मुझे गोद से हटाया-“हम आ गए।”

“क्या?”

“ इमारत के ऊपर हैलीपेड है।” क्रिस्टियन ने उस ओर इशारा करते हुए कहा

बेशक। चार्ली टैंगो। टेलर ने दरवाज़ा खोला और हम बाहर आ गए। उसकी मुस्कान ने मुझे एक तरह की सुरक्षा का एहसास दिया। मैं भी उसे देखकर मुस्कुराई।

“मुझे तुम्हारा रूमाल भी देना है।”

“ओह मिस स्टील! मेरी शुभकामनाओं के साथ रख लें।”

क्रिस्टियन ने कार से आकर मेरा हाथ थामा तो मैं शरमा गई।

उसने टेलर को सवालिया निगाहों से देखा पर वह कुछ नहीं बोला।

“नौ?” क्रिस्टियन ने उससे कहा

“जी सर?”

क्रिस्टियन ने हामी दी और दोहरे दरवाज़े की तरफ चल दिया। उसकी लंबी अंगुलियां मेरे हाथों को सहला रही हैं। मैं वही खिंचाव महसूस कर रही हूं। मानो इकारस सूरज की ओर बढ़ता जा रहा हो। मैं पहले जल चुकी हूं पर फिर भी आज उसके साथ हूं।

उसने लिफ्ट के पास पहुंच कर बटन दबाया। उसके चेहरे पर वही रहस्यमयी सी मुस्कान है। लिफ्ट कर दरवाजा बंद होते ही मैंने उसे दोबारा ताका। उसने भी मुझे देखा और हम दोनों के बीच जैसे फिर से कुछ पनपने लगा। वह हम दोनों को पास-पास खींच रहा था।

मैं उस आदिम आकर्षण में बंधी जा रही हूं। अन्दर ही अन्दर जैसे कोई चाह हिलोरे लेने लगी और वासना का ऐसा ही असर उस पर भी दिख रहा है। उसकी आंखें सब कुछ कह रही हैं। उसकी छुअन ने हमेशा की तरह मेरे पेट की मांसपेशियों में मीठी सी ऐंठन पैदा कर दी है।

वह अब भी मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकता है?

“प्लीज़ एनेस्टेसिया! अपना होंठ मत काटो।” वह हौले से बुदबुदाया।

ओह! मैं अब भी उस पर असर डाल सकती हूं। मेरे भीतर बैठी लड़की ने पूरे पांच दिन बाद करवट ली।

अचानक ही दरवाजा खुला और वह जादू टूट गया। हम छत पर हैं और मैं अपनी काली जैकेट के बावजूद ठंडक महसूस कर रही हूं। क्रिस्टियन ने मुझे अपनी बांह के घेरे में ले लिया और हम चार्ली टैंगो की तरफ चल दिए। उसके रोटर ब्लेड धीरे-धीरे घूम रहे हैं।

एक लंबे, लाल बालों और चौकोर जबड़े वाले आदमी ने चार्ली से छलांग लगाई और हमारे पास आ गया। फिर वह क्रिस्टियन से हाथ मिला कर बोला।

“सर! ये आपके साथ जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।”

“सारे चेक हो गए?”

“जी सर!”

“अच्छा! टेलर बाहर इंतज़ार कर रहा है। तुम इसे साढ़े आठ बजे ले लेना।”

“जी सर! धन्यवाद! मैम पोर्टलैंड की उड़ान सुरक्षित हो।” उसने मुझे सलामी दी। क्रिस्टियन ने गर्दन हिलाई और मुझे आगे ले चला।

उसने एक बार फिर से मुझे तनियों में कसा और बड़ी ही अर्थभरी मुस्कान दी।

“तुम्हें तो हमेशा यूं ही जकड़ कर रखना चाहिए। तुम ऐसे ज्यादा सुंदर दिखती हो।”

वह बोला।

मेरे चेहरे पर गुलाबी रंग छा गया और उसने मुझे हैडफोन देने से पहले गालों पर अपनी तर्जनी घुमाई। मैं भी तुम्हें छूना चाहती हूं पर तुम मुझे ऐसा करने नहीं दोगे। मैंने मुंह बनाया। वैसे भी उसने तनियां इतनी कस कर बांधी हैं कि मैं हिल भी नहीं पा रही।

उसने सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उड़ान भरी और मुझे हेडफोन में सुनाई दिया।

“बेबी! तैयार हो?”

“हां”

उसके चेहरे पर वही बचकानी सी मुस्कान आ गई। ओह! मैं तो उसका यह रूप देखने को तरस गई।

“सी-टैक टॉवर। ये चार्ली टैंगो है- गोल्फ ईको होटल…… पोर्टलैंड की उड़ान के लिए तैयार…।”

अचानक ही वायु यातायात नियंत्रक का स्वर सुनाई देने लगा

रॉजर, टॉवर, चार्ली टैंगो सेट, ओवर एंड आउट। क्रिस्टियन ने कुछ स्विच और स्टिक घुमाए और हेलीकॉप्टर शाम के अँधेरे में ऊपर उठने लगा।

“एनेस्टेसिया ! आज हम ढलती शाम का पीछा करेंगे।” हैडफोन से उसका सुर सुनाई दिया और मैंने उसे हैरानी से देखा।

इसका क्या मतलब है। वह इतनी रोमानी बातें कैसे कर लेता है? वह मुस्कुराया और मैं भी एक लजीली मुस्कान दिए बिना रह नहीं सकी।

“आज शाम का सूरज है इसलिए देखने को बहुत कुछ मिलेगा।”

पिछली बार हमने अँधेरे में उड़ान भरी थी पर आज का तो नज़ारा ही अद्भुत है। हम ऊंची-ऊंची इमारतों के ऊपर से होते हुए जा रहे हैं।

“वह रहा एस्काला। वह देखो। तुम स्पेस नीडल भी देख सकती हो।”

मैंने गर्दन उठाई।

“मैं वहां कभी नहीं गई।”

“मैं तुम्हें ले चलूंगा- हम वहां खा सकते हैं”

“क्रिस्टियन हमारा ब्रेकअप हो गया है।”

“मैं जानता हूं पर फिर भी तुम्हें वहां ले जा कर खिला सकता हूं।” उसने मुझे घूरा।

मैंने गर्दन हिलाई और मन ही मन तय किया कि उसका मूड खराब नहीं करूंगी।

“ओह! यहां से सब कितना सुंदर दिख रहा है। लाने के लिए मेहरबानी।”

“अच्छा है, है न?”

“हां, क्योंकि तुम ऐसा कर सकते हो।”

“मिस स्टील! चापलूसी कर रही हो। वैसे मैं एक हुनरमंद इंसान हूं।”

“मि. ग्रे! मैं अच्छी तरह जानती हूं।”

वह मुड़ा और दबी सी मुस्कान दी और इन पांच दिनों में पहली बार दिल को सुकून सा मिला। शायद यह इतना बुरा भी न हो।

“नई नौकरी कैसी चल रही है?”

“बढ़िया! धन्यवाद। दिलचस्प है।”

“नया बॉस कैसा है?”

ठीक है। मैं क्रिस्टियन को कैसे बता सकती हूं कि उस इंसान के बर्ताव से मुझे उलझन हो रही है?

“कुछ गड़बड़ है क्या?”

“नहीं, कुछ ख़ास नहीं।”

“कुछ तो है?”

“नहीं, कह दिया न ।”

“ओह मिस स्टील! मैं तुम्हारे बड़बोलेपन को बहुत याद कर रहा था।”

मैंने गहरी सांस ली और मैं चिल्लाना चाहती थी-

मैंने सिर्फ तुम्हारी बातों को नहीं बल्कि तुम्हें याद किया पर मैं चुपचाप शीशे के बाहर देखती रही। सूरज का गोला धीरे-धीरे डूब रहा है और मैं इकारस की तरह सूरज की ओर खिंचती जा रही हूं।

आकाश में नीले और गुलाबी रंग का तालमेल बहुत ही प्यारे रंग भर रहा है और कुदरत नए रंगों में निखरी हुई है। सुंदर, निखरी और खिली हुई शाम के बीच पोर्टलैंड की बूटियां दमक रही हैं। क्रिस्टियन ने हेलीकॉप्टर नीचे उतारा तो उन्होंने टिमटिमा कर हमारा स्वागत किया। हम पोर्टलैंड में भूरी ईंटों की अजीब सी इमारत की छत पर हैं। अभी तीन हफ्ते पहले ही तो मैं यहां थी।

अभी समय ही कितना हुआ है पर लगता है कि क्रिस्टियन को कितनी सदियों से जानती हूं। उसने कई स्विच दबा कर हेलीकॉप्टर रोका और अब हेडफोन में मुझे अपनी सांसों के सिवा कुछ सुनाई नहीं दे रहा।

उसने अपनी तनियां खोलीं और मुझे आजाद करते हुए बोला

“मिस स्टील! कैसा रहा सफ़र?”

“मि. ग्रे! यह बढ़िया था। धन्यवाद।”

“चलो उस छोकरे की तस्वीरें देखें।” उसने मेरा हाथ थामा और मैं चार्ली से बाहर आ गई। सफेद बाल और दाढ़ी वाला व्यक्ति चौड़ी सी मुस्कान के साथ हमारी ओर आया तो मैं उसे पहचान गई। पिछली बार भी तो यहां वही था।

“जो।” क्रिस्टियन ने एक मुस्कान के साथ उससे हाथ मिलाया।

“उसे स्टीफन के लिए सुरक्षित रखो। वह आठ या नौ के करीब लेने आएगा।”

“अच्छा! मि. ग्रे।” फिर उसने मुझे देखकर गर्दन हिलाई।

“सर! कार नीचे इंतज़ार कर रही है। लिफ्ट खराब है इसलिए आपको सीढ़ियों से जाना होगा।”

“धन्यवाद जो।”

क्रिस्टियन ने मेरा हाथ थामा और हम आपातकालीन सीढ़ियों की ओर चल दिए।

“शुक्र है कि यहां तीन ही मंजिलें हैं।”

उसने मेरी हील देखते हुए कहा “क्या तुम्हें हील पसंद नहीं?”

“पसंद तो हैं पर मैं यह नहीं चाहता कि तुम यहां से गिर कर अपनी हड्डी-पसली तुड़ा लो इसलिए हम धीरे चलेंगे।”

गैलरी की ओर जाते समय कार में चुप्पी छाई रही। मेरी बेचैनी फिर से लौट आई थी। पता नहीं हमारा सहज व हल्का मूड कहां चला गया था। मैं कितना कुछ कहना चाहती हूं पर रास्ता कितना कम है। क्रिस्टियन चुपचाप खिड़की से बाहर ताक रहा है।

“ओसे एक दोस्त है।” मैं बुदबुदाई। क्रिस्टियन ने मुड़कर मुझे बड़ी सतर्क नज़रों से देखा और कुछ नहीं बोला। ओह! उसका मुह… मैं अपने शरीर के रोम-रोम पर उसकी वह छुअन चाहती हूं।

“एनेस्टेसिया ! तुम्हारे प्यारे से चेहरे पर ये आंखें बहुत बड़ी दिखती हैं। प्लीज़ वादा करो कि तुम खाने पर ध्यान दोगी।”

“हां क्रिस्टियन, मैं खाऊंगी।” मेरे मुंह से अपने-आप ही निकल गया।

“मैं सच कह रही हूं।”

“क्या अभी खाना चाहोगे?” मैंने मायूसी से पूछा। मैं इस आदमी के बर्ताव से दंग हूं। यह वही इंसान है जिसने पिछले कुछ दिनों से मेरी हालत खराब कर रखी है। नहीं, यह गलत है। वह सब मैंने ही किया था। इसने कुछ नहीं किया। मैंने उलझन के बीच अपना सिर हिलाया।

“एनेस्टेसिया! मैं तुमसे लड़ना नहीं चाहता। मैं यही चाहता हूं कि तुम वापिस आ जाओ और स्वस्थ रहो।”

“पर कुछ भी तो नहीं बदला। तुम आज भी वही फिफ्टी शेड्स हो।

“हम वापसी में बात करेंगे। अब तो पहुंच गए हैं।”

कार एक गैलरी के सामने आकर रुकी और क्रिस्टियन ने नीचे उतर कर मेरे लिए कार का दरवाजा खोल कर मुझे हैरत में डाल दिया।

“तुमने ऐसा क्यों किया?” मैंने कुछ ज्यादा ही तेज़ सुर में पूछ लिया।

“क्या किया?” वह भी हैरान था।

“कुछ कहते-कहते अचानक ही चुप लगा गए?”

“एनेस्टेसिया! हम वहां आ गए हैं। जहां तुम आना चाहती थीं। पहले यह काम करें और बाद में बात करेंगे। मैं सड़क पर कोई तमाशा नहीं चाहता।”

मैंने उसे ताका। वह सही कह रहा है। यह एक सार्वजनिक जगह है। मैंने अपने होंठ भींच लिए।

“अच्छा।” हम हाथों में हाथ दिए इमारत की ओर बढ़े।

हम एक गोदाम जैसी दिखने वाली जगह में पहुंचे जिसे एक गैलरी में बदला गया। वह हवादार जगह है और आसपास कई लोग मंडरा रहे हैं। वे वाइन पीते हुए जोंस के काम को सराह रहे हैं। मेरा दिल पिघल उठा। जोंस ने अपनी मंजिल पा ही ली। उसके लिए मन भींग गया।

“गुड ईवनिंग! जोंस रोद्रिगेज के शो में आपका स्वागत है।” काली पोशाक और, छोटे भूरे बाल और लाल लिपस्टिक वाली एक युवती ने हमारा स्वागत किया जिसके कानों में लंबी गोल बालियां झूम रही थीं। उसने पहले मुझे और फिर कुछ ज्यादा देर तक क्रिस्टियन को देखा और फिर मेरी ओर देखते हुए शर्मीली सी मुस्कुराहट दी।

मेरी भवें तिरछी हो आईं। वह मेरा है- या था। मैंने पूरी कोशिश की कि उसे देखकर मुंह न चढ़ाएं। उसने खुद को संभाल कर पलकें झपकाईं।

“ओह एना! ये तुम हो। हम चाहेंगे कि आप लोग कुछ लें।” उसने मेरे हाथ में ब्रोशर देने के बाद वाइन और खाने-पीने के सामान की ओर संकेत किया।

“तुम उसे जानती हो?” क्रिस्टियन ने हैरानी से पूछा।

मैंने इंकार किया।

उसने कंधे झटके- “क्या लेना चाहोगी?”

“मैं सफेद वाइन ले लूंगी। धन्यवाद।”

“वह बार की ओर चला गया।”

“एना!”

अचानक ही लोगों के रेले में से निकल कर जोंस सामने आ गया।

ओह! उसने सूट पहन रखा है। वह कितना प्यारा लग रहा है और मुझे देखकर कैसे दमक उठा। उसने मुझे बांहों में भरा और कस कर गले से लगाया। मेरे लिए आंसू रोकना मुश्किल हो गया। मेरा दोस्त। केट यहां नहीं है और उसके सिवा मेरा कोई और दोस्त नहीं है। आंखें छलक ही उठीं।

“एना! मुझे तुम्हारे आने से बहुत खुशी हुई।” वह मेरे कान में बोला और मुझे अपने से थोड़ा दूर करते हुए ताकने लगा।

“क्या?”

“तुम ठीक तो हो? तुम कितनी अजीब यानी कमजोर दिख रही हो।”

मैं आंसू संभाले।

“ओह नहीं, जोंस! मैं ठीक हूं। इस शो के लिए बधाई।” उसके चेहरे पर मेरे लिए चिंता है पर मुझे खुद को संभालना ही होगा।

“तुम यहां कैसे आईं?”

“मैं क्रिस्टियन के साथ आई हूं।”

मेरे इतना कहते ही जोंस दो कदम पीछे हो गया।

“कहां है?” उसका चेहरा स्याह हो गया था।

“वहां है। ड्रिंक्स लेने गया है।” मैंने क्रिस्टियन की ओर इशारा किया तो देखा कि वह वहां लाइन में खड़े कुछ लोगों को अभिवादन कर रहा था। अचानक हमारी नज़रें मिलीं और मैं यही सोचकर सन्न रह गई कि यह खूबसूरत इंसान मुझे चाहता है। हम कुछ पलों तक एक-दूसरे को यूं देखते रहे।

“एना! मुझे तुम्हारे आने से खुशी हुई पर मैं तुम्हें चेताना चाहता था..

अचानक ही वह लाल लिपस्टिक वाली टपकी- “ओसे! पोर्टलैंड प्रिंट्ज़ के पत्रकार मिलने आए हैं। आ जाओ।” उसने मुझे विनीत सी मुस्कान दी।

“ये सब नाम-वाम कमाना कितना अच्छा लगता है।” वह मुस्कुराया और मैं भी उसके लिए खुश हुई।

“एना! बाद में मिलते हैं।” उसने मेरा गाल चूमा और एक ओर बढ़ गया।

जोंस की तस्वीरें हर ओर दिख रही हैं। कुछ तो बहुत बड़े कैनवस पर लगाई गई हैं। वे काली-सफ़ेद और रंगीन दोनों तरह की हैं। इन लैंडस्केप की सुदंरता भी अपने-आप में अनूठी और दिव्य होती है। एक तो वैंकूवर के पास झील की तस्वीर है। गुलाबी बादल झील के ठहरे पानी में कितने प्यारे दिख रहे हैं। मैं कुछ पल के लिए उसकी शांति और सहजता के बीच खोई रह गई। ये तो अद्भुत हैं।

क्रिस्टियन भी आ गया और मेरे हाथ में सफेद वाइन थमा दी।

“कैसी लगी?”

“वाइन”

“नहीं, ये तस्वीर”

“हां, लड़के में दम तो है।” क्रिस्टियन भी तस्वीर की सुदंरता को निहारने लगा।

“तभी तो मैंने तुम्हारी तस्वीरों के लिए इसे चुना था।” मेरी आवाज़ में गर्व झलक उठा। उसकी आंखें अचानक ही तस्वीर से हट कर मुझ पर आ जमीं।

“क्रिस्टियन ग्रे? पोर्टलैंड प्रिंट्ज़ का पत्रकार एकदम सामने आ गया। सर! क्या मैं एक तस्वीर ले सकता हूं?”

“क्यों नहीं?” क्रिस्टियन ने अपनी खीझ छिपाते हुए कहा। मैंने कदम पीछे हटाया तो उसने मुझे हाथ से पकड़कर अपनी ओर खींच लिया। फोटोग्राफर ने हम दोनों की तस्वीर ली पर अपनी हैरानी नहीं छिपा सका।

“मि. ग्रे! धन्यवाद! उसने एक और तस्वीर ली। मिस…?” उसने पूछा।

“एना स्टील!” मैंने जवाब दिया।

“धन्यवाद मिस स्टील!” उसने अन्दर की बात निकाल ली थी।

“मैंने इंटरनेट पर तुम्हारी तस्वीरें देखी थीं। तुम किसी लड़की के साथ नहीं दिखे। तभी तो केट को लगा था कि तुम समलैंगिक हो।”

क्रिस्टियन के चेहरे पर मुस्कान खेल गई। तभी तुमने ऐसा बेतुका सवाल पूछा था। “नहीं, एनेस्टेसिया! मैं किसी लड़की के साथ डेट पर नहीं जाता। बस तुम्हारे साथ ही गया हूं। और तुम यह बात जानती हो।” उसने पूरी सच्चाई से कहा।

“तो तुम कभी अपनी. ……बांदियों को बाहर नहीं ले गए?” मैंने आसपास झांका कि किसी ने सुन तो नहीं लिया।

“कभी-कभी। पर इसे डेट नहीं कह सकते। मैं उन्हें खरीदारी के लिए ले जाता था।” उसने कंधे झटके। आंखें लगातार मुझ पर ही जमी हैं।

अरे नहीं, उसके प्लेरूम में या फिर अपार्टमेंट में? समझ नहीं आ रहा कि मुझे यह सुनकर क्या महसूस होना चाहिए।

“एनेस्टेसिया! बस तुम।”

मैं शरमा कर अपनी अंगुलियां देखने लगी। वह अपने ही तरीके से, मेरी परवाह और कद्र करता है।

“लगता है कि तुम्हारा दोस्त लैंडस्केप ज्यादा खींचता है। पोट ग्रेट नहीं दिख रहे। चलो उस ओर देखें।”

हम यहां-वहां घूमे और देखा कि एक जोड़ा मुझे देखकर मुस्कुरा रहा था मानो मुझे पहचानता हो। शायद मैं क्रिस्टियन के साथ हूं इसलिए… पर वे लोग अजीब तरीके से घूर रहे थे।

हम कोने में मुड़े तो कुछ और लोगों की ऐसी ही निगाहों का सामना करना पड़ा। वहीं दीवार पर मुझे अपने सात पोट्रेट दिखाई दिए।

मैं हैरानी से उन्हें ही घूरती रही। ये क्या है! चेहरे का सारा खून जैसे सूख गया था।

मैं… (मेरी तस्वीरें) होंठ फुलाते हुए, हंसते हुए, मुंह बनाते हुए, गंभीर, चकित, उत्सुक..। सभी क्लोज़अप ब्लैक एंड व्हाइट में थे।

हाय! याद आया कि एकाध बार ओसे कैमरा घर लाया था और मैंने व केट ने यूं ही मस्ती में पोज़ दिए थे। मुझे तो लगा कि वह स्नैप शॉट ले रहा था। इतने सुंदर फोटो!

क्रिस्टियन हर तस्वीर को हैरानी से घूर रहा है।

“ऐसा लगता है कि मैं ही तुम्हारा दीवाना नहीं हूं।” वह बोला।

“मुझे लगता है कि वह गुस्से में है।”

“एक्सक्यूज़ मी!” वह मुझे वहीं छोड़कर रिसेप्शन की ओर चला गया।

अब क्या हो गया? वह छोटे बाल और लाल लिपिस्टक वाली से कुछ बात कर रहा है। फिर उसने पर्स से अपना कार्ड निकाला।

ओह! लगता है कि वह उनमें से एक खरीद लेगा।

“हे। तुम्हारी तस्वीरें तो गजब की हैं।” मैं अचानक एक लाल बालों वाले की बातें सुनकर चौंकी। तभी अपनी कोहनी पर क्रिस्टियन का स्पर्श महसूस हुआ।

“तुम किस्मत वाले हो।” उसने क्रिस्टियन से कहा और क्रिस्टियन ने उसे ठंडी निगाहों से घूरा।

“हां मैं हूं!” उसने कहा और मुझे एक ओर खींच ले गया।

“क्या तुमने एक तस्वीर खरीद ली?”

“इनमें से एक।” वह मुझ पर से नज़रें नहीं हटा पा रहा।

“तुमने एक से ज्यादा तस्वीरें लीं?”

उसने आंखें नचाईं।

“एनेस्टेसिया ! मैंने सारी ले लीं। मैं नहीं चाहता कि कोई अपने घर के एकांत में तुम्हारी तस्वीरों को घूरता रहे।”

पहले तो दिल चाहा कि मैं हंस दूं।

“तो तुम ऐसा करना चाहते हो?”

उसने मेरी छिपी हंसी को भांप कर कहा

“हां, सच मैं यही करना चाहता हूं।”

“बिगड़ैल कहीं के!” मैंने मुंह बनाया और अपनी मुस्कान रोकने के लिए होंठ काट लिया। उसने कुछ सोचते हुए अपनी चिबुक पर हाथ फिराया।

“एनेस्टेसिया! मैं तुमसे इस बहस में नहीं जीत सकता।”

“वैसे मैं आगे जा कर इस बारे में बात करूंगी पर मैंने कुछ कागजात पर साइन किए हुए हैं इसलिए…”

“ओह! मैं तुम्हारे इस बड़ बोले पन का क्या करूं?”

मैंने आह भरी और मैं जानती हूं कि उसके कहने का मतलब क्या है? तुम बड़े ही रूखे हो। वह तो कोई सीमाएं ही नहीं जानता।

वह दबी हंसी हंसा, खुश हुआ और फिर त्यौरी चढ़ा ली।

“एनेस्टेसिया! तुम इन तस्वीरों में कितनी सहज और शांत दिख रही हो। तुम अक्सर ऐसी क्यों नहीं लगतीं?”

क्या? ओह? एकदम से बात बदल दी- एकदम गंभीर हो गया।

मैंने घबरा कर अपनी अंगुलियां देखीं। उसने अपनी गर्दन तिरछी कर मेरी अंगुलियां थाम लीं और मैं चहक उठी।

“मैं चाहता हूं कि तुम मेरे साथ भी इतनी ही सहज रहो।” वह हौले से बोला। उसके चेहरे से सारी हंसी गायब हो चुकी थी।

अन्दर ही अन्दर वह खुशी उमगने लगी है पर ऐसा हो भी कैसे सकता है। हम अपने ही मुद्दों से उलझ रहे हैं।

“अगर ऐसा चाहते हो तो मुझे धमकाना-डराना बंद करना होगा।” मैंने झट से कहा।

“तुम्हें भी अपने मन की बात कहना सीखना होगा ताकि मैं जान सकूं कि तुम क्या महसूस करती हो।” वह भी उसी अंदाज में बोला

मैंने गहरी सांस ली। “क्रिस्टियन तुम मुझे एक सेक्स गुलाम के तौर पर चाहते हो। यही तो सबसे बड़ी मुश्किल है। तुमने ही तो सेक्स गुलाम की परिभाषा देते हुए कहा था कि वह अपने मालिक के आगे मुुंह नहीं खोलती, विनम्र भाव से हर बात मानती है। मुझे तो तुम्हारी ओर देखने की भी मनाही है। तुम्हारी मर्जी के बिना तुमसे बात तक नहीं कर सकती। तुम क्या उम्मीद रख सकते हो?”

उसकी त्यौरियां और भी गहरा गईं।

“तुम्हारे साथ रहना किसी उलझन से कम नहीं है। तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारे सामने बढ़-चढ़ कर न आऊं और साथ ही मेेरे बड़बोलेपन को भी चाहते हो। तुम मुझसे अपने हुक्म का पालन भी करवाना चाहते हो और न करने पर सज़ा भी देना चाहते हो। मैं समझ नहीं पा रही कि किस रूप में तुम्हारे साथ रहूं?”

उसने आंखें सिकोड़ीं- “मिस स्टील! हमेशा की तरह पते की बात कही। चलो, कुछ खाने चलें।”

“हमें यहां आए आधा घंटा ही हुआ है।”

“तुमने फोटो देख लिए और उस लड़के से बात भी कर ली।”

“उसका नाम जोंस है।”

“तुमने जोंस से बात भी कर ली। वही इंसान, जिससे मैं पिछली बार मिला तो वह वह तुम्हारी मर्जी के बिना तुम्हें चूमने की कोशिश कर रहा था जबकि तुम नशे में और बीमार थीं।” वह तीखे शब्दों में बोला।

“उसने कभी मुझ पर हाथ नहीं उठाया।” मैंने भी ज़हर उगला।

क्रिस्टियन का पोर-पोर सुलग उठा- “एनेस्टेसिया…”

वह गुस्से से पगला कर बालों में हाथ फिराने लगा और मैंने उसे घूरा।

“मैं तुमसे खाने के लिए चलने को कह रहा हूं और तुम जाने क्या-क्या बक रही हो। उस लड़के से मिलो और अलविदा कह कर आओ।”

“प्लीज़, क्या हम कुछ देर और नहीं ठहर सकते?”

“नहीं। जाओ। उसे बाय कह कर आओ।”

मैंने भी उसे घूरा और मेरा खून खौलने लगा। बड़ा आया सबको अपने काबू में रखने वाला सनकी। बेशक गुस्सा होना अच्छी बात है। रुआंसे होने से तो कहीं बेहतर है।

मैंने उससे नज़रें हटाईं और कमरे में ओसे को यहां-वहां ताका। वह युवतियों के एक समूह से बात कर रहा है। मैं सीधा वहीं चल दी। वह मुझे यहां लाया है इसलिए उसके कहे पर ही चलना होगा। वह अपने-आप को कौन सा फन्ने खां समझता है?

लड़कियां जैसे ओसे के एक-एक शब्द को पी रही हैं। मेरे जाते ही उनमें से एक पीछे हट गई। शायद वह मुझे तस्वीर के कारण पहचानती है।

“जोंस”

“एना! एक्सक्यूज़ मी गर्ल्स।” जोंस उन्हें देखकर मुस्कुराया और मेरे गले में बांह डाल दी। मैं खुश हूं, वह लड़कियों पर असर डालने में कामयाब रहा।

“तुम नाराज़ दिख रही हो।” वह बोला।

“मुझे जाना होगा।” मैंने किसी तरह हिम्मत बटोर कर कहा।

“तुम अभी तो आई हो।”

“पता है पर क्रिस्टियन को वापिस जाना है। तस्वीरें तो गजब की हैं। उस तुम कमाल हो।”

वह दमका-“तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।”

जोंस ने मुझे बांहों पकड़कर गोल घुमाया तो मुझे गैलरी में खड़ा क्रिस्टियन

दिख गया। बेशक उसे मुझे जोंस की बांहों में देखकर बुरा लग रहा था। मैंने झट से जोंस के गले में बांहें डाल दीं और देखकर लगा कि क्रिस्टियन की जान ही निकलने वाली है। वह धीरे-धीरे हमारी ओर आने लगा।

“मुझे तुमने मेरी उन तस्वीरों के बारे में पहले ही बता दिया था। उसके लिए मेहरबानी।”

“ओह! हाय मुझे तुम्हें पहले बता देना चाहिए था। दिमाग से ही निकल गया। क्या तुम्हें पसंद आईं?”

“उम्म…पता नहीं।” मैंने ईमानदारी से कहा।

“वैसे सारी बिक गईं इसका मतलब है कि किसी को तो पसंद आईं हैं। कितनी अच्छी बात है। तुम एक पोस्टर गर्ल हो।” उसने मुझे कस कर गले से लगा लिया। क्रिस्टियन उसी ओर आ गया और शुक्र है कि ओसे2/13/2017 की नज़र उस पर नहीं पड़ी थी।

जोंस ने मुझे छोड़ दिया।

“एना! अजनबी मत बनो। ओह मि. ग्रे, गुड इवनिंग।”

“मि. जोंस, बहुत अच्छे।” क्रिस्टियन ने ठंडे पर विनीत स्वर में कहा।

“सॉरी हम ज्यादा देर नहीं रुक सकते। हमें सिएटल वापिस जाना है। चलें एनेस्टेसिया।”

उसने ‘हमें’ शब्द पर जोर दिया और मेरा हाथ थाम लिया।

“बाय जोंस! एक बार फिर से बधाई हो।” मैंने उसे गाल पर चूमा और इससे पहले कि मैं कुछ जान पाती। क्रिस्टियन मुझे खींचते हुए इमारत के बाहर तक ले आया था। मैं जानती हूं कि वह क्या चाहता है पर मैं भी तो वही चाहती हूं।

वह अचानक ही मुझे एक सुनसान कोने में खींच ले गया और दीवार के साथ सटा दिया।उसने मेरा चेहरा दोनों हाथों में थामकर मुझे ऊपर देखने को मजबूर कर दिया। मैंने आह भरी और उसका मुंह मेरे मुंह से आ मिला। वह मुझे दीवानों की तरह चूमने लगा। कुछ ही पलों में उसकी जीभ मेरे मुंह में थी।

मेरे पूरे शरीर में वासना और चाह की लहर दौड़ गई। मैं भी उसी उमंग और जोश से उसे चूमने लगी। मेरे हाथ उसके बालों में थे और उन्हें जोरों से खींच रहे थे। उसके गले से एक धीमा सेक्सी सुर निकला, जिसमें मेरा सुर भी शामिल हो गया। उसके हाथ मेरी देह पर रेंगते हुए जांघों तक आ गए और अंगुलियां मेरे मांस में गड़ने लगीं। वह बोला-एना.

तुम मेरी… हो।

मैंने अपने इस चुंबन में पिछले कुछ दिनों का सारा गुस्सा, दुख और बचैनी निकाल कर रख दिए, और उसी पल में मुझे एहसास हुआ कि वह भी यही कर रहा था। उसे भी पिछले दिनों वही एहसास हुआ था, जो मैंने महसूस किया था।

उसने हांफते हुए चूमना बंद किया। उसकी आंखें वासना से चमक रही हैं और वह घुटनों पर हाथ रख कर खड़ा हो गया मानो कहीं से मैराथन छोड़कर आया हो।

मैं भी दीवार के साथ सट कर अपने शरीर का संतुलन साध रही हूं। अपनी खोई सांसें लौटाने की कोशिश कर रही हूं।

“सॉरी!” मैंने अपने-आपको संभालते ही कहा।

“तुम्हें अफ़सोस होना ही चाहिए। मैं जानता हूं कि तुम क्या कर रही थीं। एनेस्टेसिया! क्या तुम फोटोग्राफर को चाहती हो? उसके मन में भी तुम्हारे लिए कुछ है?”

मैंने अपनी गर्दन हिलाई। “नहीं, वह तो एक दोस्त है।”

“मैंने अपना पूरी किशोरावस्था इस तरह के भावों से बचते हुए बिताई है… तुम मेरे मन में ऐसे भावों को पैदा कर रही हो… एना, मेरे लिए ये भावनाएं बिल्कुल अनजानी हैं। ये सब..ये सब मुझे बुरी तरह से बेचैन कर रहा है।”

“एना! मुझे हर चीज़ को अपने काबू में रखना पसंद है और पता नहीं क्यों……तुम सामने आती हो तो वह नियंत्रण मेरे हाथ से कहीं फिसल जाता है।” उसने हवा में हाथ लहराते हुए बालों में घुमाए और गहरी सांस ली। उसने मेरे हाथ जकड़ लिए।

“आओ, हमें बात करनी है और उससे भी पहले तुम्हारा कुछ खाना ज़रूरी है।