World Chocolate Day: जंक फूड मानी जाने वाली चॉकलेट को खाने से भले ही लोग कतराते हों, लेकिन छोटे-बड़े सभी को इसका क्रेज रहता है। मेडिकल साइंस ने भी दुनिया भर में किए शोधों के बाद कोको बीन्स से बनी डार्क चॉकलेट को सुपरफूड का दर्जा दिया है। 70-80 प्रतिशत के अनुपात वाली डार्क चॉकलेट विभिन्न पौष्टिक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर है। भले ही यह क्रीमी और अधिक मीठी नहीं होती लेकिन हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है। नियमित रूप से सीमित मात्रा में इसका सेवन कई बीमारियों से बचाने में कारगर है।
तनाव कम कर मूड को बनाए बेहतर

हाल ही में अमेरिका की लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में साबित हुआ है कि रोजाना 70 प्रतिशत कोको और 30 प्रतिशत केन शूगर से बनी डार्क चॉकलेट का सेवन फायदेमंद है। यह तनाव कम करने, सूजन दूर करने, मूड ठीक रखने, मेमोरी और इम्यूनिटी बढ़ाने का बेहतरीन स्रोत है, इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड्स, पोलिफिनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। दो सप्ताह तक नियमित रूप से 1.4 औंस चॉकलेट का सेवन करने से तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कम हो जाते हैं। खासकर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में होने वाले मूड स्विंग में चॉकलेट का सेवन काफी असरदार है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल करे कंट्रोल
डार्क चॉकलेट में मौजूद कोको धमनियों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है और ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर को बढ़ने से रोकती है। ये हृदय रोगों के जोखिम को कम करती है।
स्ट्रोक जोखिम को करे कम

डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनॉयड जैसे एंटीऑक्सीडेंट गुण स्ट्रोक से लड़ने में मददगार हैं। स्वीडिश अध्ययन से साबित हो गया है कि कम से कम 45 ग्राम चॉकलेट सप्ताह भर में खाने वालों को स्ट्रोक के जोखिम का खतरा 20 प्रतिशत कम हो जाता है।
हेल्दी रखे हार्ट
डार्क चॉकलेट में मौजूद पोटेशियम, कॉपर फ्लेवोनॉयड जैसे एंटी ऑक्सीडेंट रक्त प्रवाह में सुधार करके रक्त के थक्के बनने से बचाता है और दिल का दौरा पड़ने की संभावना को कम करता है। अध्ययनों से साबित हो गया है कि डार्क चॉकलेट की छोटी-सी राशि दो-तीन बार खााने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।
कैंसर की रोकथाम में है मददगार

कोको में पेंटामेरिक प्रोसियानिडिन या पेंटामेर यौगिक पाए जाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन में साबित हुआ है कि ये यौगिक कैंसर के विकास के लिए आवश्यक प्रोटीन को दबा देते हैं और कोशिकाओं के फैलाव को रोक देते हैं। इसमें मौजूद आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक और सेलेनियम जैसे खनिज कैंसर पैदा करने वाले मुक्त कणों से शरीर की रक्षा करते हैं।
एनर्जी बूस्टर
कैलोरी जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स, एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर डार्क चॉकलेट एनर्जी बूस्टर का काम करती है। जिन लोगों को चक्कर आते है, लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें अपने पास हमेशा चॉकलेट रखनी चाहिए। ताकि जब भी उन्हें कमजोरी महसूस हो, तो थोड़ी-सी चॉकलेट का सेवन कर लें।
एथलीटों का स्टेमिना बढ़ाने में सहायक

इंटरनेशल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रीशियन की रिसर्च से साबित हुआ है कि डार्क चॉकलेट फिटनेस ट्रेनिंग के दौरान एथलीटों के शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में सहायक है। थोड़ी-सी चॉकलेट के नियमित सेवन से उनका स्टेमिना बढ़ता है और परफोर्मेंस में सुधार आता है।
खांसी करे दूर
खांसी कम करने के लिए डार्क चॉकलेट का सेवन अच्छा तरीका है। इसमें मौजूद थियोब्रोमाइन रासायन गले की वेगस तंत्रिका को शांत करता है और खांसी की दवा का काम करता है। खांसी ज्यादा होने पर एक टुकड़ा खाने से आराम मिलता है।
ब्रेन पॉवर बूस्टर

नॉटिंघम यूनिवर्सिटी में किए अध्ययन से साबित हो गया है कि डार्क चॉकलेट खाने से मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा मिलता है जिससे अल्पकालिक मेमोरी और सतर्कता में सुधार होता है। चॉकलेट में मौजूद ग्लाइसेमिक सूचकांक एकाग्रता, रिस्पांस देने और याद रखने की क्षमता में सुधार करता है। इसमें मौजूद थियोब्रोपाइन नामक कैफीन हमें एक्टिव रखने में मददगार है। एक अन्य अध्ययन से साबित हुआ है कि 70 प्रतिशत युक्त डार्क चॉकलेट का सेवन करने से ब्रेन हेल्थ में गामा फ्रीक्वैंसी (25-40 हर्ट्ज) बढ़ती है जिससे ईईजी पावर स्पेट्रल डेंसिटी का विकास होता है। मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को सुचारू बना कर मस्तिष्क को स्वस्थ रखने, संज्ञानात्मक विकास या याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है।
रक्त प्रवाह में करे सुधार
हावर्ड के वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि डार्क चॉकलेट का सेवन आपके दिमाग के लिए अच्छा है। दो सप्ताह तक नियमित सेवन से मस्तिष्क की धमनियों में रक्त प्रवाह तेज होता है जिससे शरीर में रक्त संचार सुचारू हाता है। इससे संज्ञानात्मक कार्यों या मानसिक रोगों में सुधार होता है।
भूख करे नियंत्रित

चाकलेट में मौजूद कैनाबिनोइड और हाइपोथैलेमस यौगिक भूख को नियंत्रित कर वजन बढ़ने नहीं देता। न्यूरोसाइंटिस्ट मानते हैं कि खाने से 20 मिनट पहले 1 ओंस चॉकलेट खाने से टमी फुलर का अहसास रहता है। इससे बॉडी मास इंडेक्स को कम करने में मदद मिलती है।
त्वचा बनाए स्वस्थ
अध्ययनों ने साबित कर दिया है कि चॉकलेट मुंहासों का कारण नहीं, बल्कि उसका रक्षक है। जर्मन वैज्ञानिकों ने यह साबित कर दिया है कि चॉकलेट हमारी त्वचा के लिए सनस्क्रीन का काम करती है। चॉकलेट में मौजूद फ्लेवोनॉयड एंटीऑक्सीडेंट सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। चॉकलेट पैक लगाने से स्किन की सफाई होती है और ग्लो आता है। यह नेचुरल मॉयश्चराइजर का काम करती है और में नम त्वचा की बनाए रखती है जिससे बढ़ती उम्र में पड़़ने वाली झुर्रियों की आशंका कम हो जाती है।
दे लंबी उम्र

हावर्ड के वैज्ञानिकों ने यह भी साबित किया है किे डार्क चॉकलेट खाने से आयु लंबी होती है। लुईस कॉलमेंट के 122 साल की उम्र तक जिंदा रहने के पीछे भी वैज्ञानिकों ने चॉकलेट का हाथ माना है। वह साप्ताह में दो बार आधा पाउंड चॉकलेट खाते थे।
डार्क चॉकलेट का सेवन करते हुए बरतें सावधानियां
अध्ययनों से साबित हो चुका है कि पोषक तत्वों के लिहाज से मिल्क चॉकलेट के बजाय 70-80 प्रतिशत कोको से भरपूर डार्क चॉकलेट को ज्यादा खाना चाहिए। ये हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की आपूर्ति करते हैं और स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन इसमें मौजूद कैफीन सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। एक सप्ताह में 40-45 ग्राम या 1-1.5 औंस डार्क चॉकलेट का सेवन करना चाहिए।
मिल्क चॉकलेट का सवाल है, सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना उचित है क्योकि इसमें चीनी और फैट की मात्रा अधिक होती है जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके ज्यादा सेवन से ब्लड शूगर लेवल बढ़ने, डायबिटीज और मोटापे का खतरा रहता है। अधिक मात्रा में चॉकलेट का सेवन दंत क्षय का कारण हो सकता है।
(डॉ शालिनी सिंघल, आहार विशेषज्ञ, डाइट एंड वैलनेस क्लीनिक, दिल्ली)