Summary: दिव्या देशमुख ने दुनिया की नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी होउ यिफान को हराया, पीएम मोदी ने दी बधाई
लंदन में हुए वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चेस चैंपियनशिप 2025 आयोजित हुआ। इसमें भारत की युवा शतरंज सनसनी दिव्या देशमुख ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी होउ यिफान को ब्लिट्ज सेमीफाइनल में पराजित कर इतिहास रच दिया।
Divya Deshmukh Blitz Semifinal: लंदन में हुए वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चेस चैंपियनशिप 2025 आयोजित हुआ। इसमें भारत की युवा शतरंज सनसनी दिव्या देशमुख ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी होउ यिफान को ब्लिट्ज सेमीफाइनल में पराजित कर इतिहास रच दिया। दिव्या देशमुख की इस ऐतिहासिक और शानदार जीत पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया समेत पूरे देश से बधाइयाँ मिल रही हैं।
पीएम मोदी ने दी दिव्या को जीत की बधाई
Congratulations to Divya Deshmukh on defeating the World No. 1, Hou Yifan in the 2nd leg of Blitz semifinal at the World Team Blitz Championships, London. Her success highlights her grit and determination. It also inspires many upcoming chess players. Best wishes for her future… pic.twitter.com/mjdWO0llFT
— Narendra Modi (@narendramodi) June 19, 2025
दरअसल, दिव्या देशमुख ने 10 से 16 जून को लंदन में आयोजित फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में चीन की यिफान को हराया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, “लंदन में वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी होउ यिफान को हराने पर दिव्या देशमुख को बधाई। उनकी सफलता उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। यह कई उभरते शतरंज खिलाड़ियों को भी प्रेरित करती है। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।”
दिव्या देशमुख ने पीएम मोदी के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, “धन्यवाद, आदरणीय प्रधानमंत्री का मुझे सम्मानित करना, मेरे लिए बहुत सम्मान और प्रोत्साहन की बात है।” दिव्या की जीत के बाद केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भी विश्व की नंबर एक खिलाड़ी पर उनकी शानदार जीत की सराहना की है।
कौन हैं चेस चैंपियन दिव्या देशमुख?

बता दें, 9 दिसंबर 2005 को दिव्या देशमुख का जन्म नागपुर में हुआ था। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं। उनके पिता का नाम जितेंद्र और माता का नाम नम्रता है। दिव्या ने पांच साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था। दिव्या ने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती। दिव्या ने बहुत कम उम्र में ही वुमन FIDE मास्टर का खिताब हासिल कर लिया था। अक्टूबर 2021 तक उन्होंने वुमन ग्रैंडमास्टर का टाइटल भी अपने नाम कर लिया। वह विदर्भ की पहली और भारत की 22वीं खिलाड़ी बनीं, जिन्होंने यह मुकाम हासिल किया। 2023 में उन्होंने इंटरनेशनल मास्टर का टाइटल भी जीता।
दिव्या को वर्ल्ड जूनियर नंबर 1 के नाम से भी जाना जाता है। वह यहीं नहीं रुकी, उन्होंने 2024 में वर्ल्ड जूनियर गर्ल्स U-20 चैंपियनशिप जीती थी। उन्होंने 11 में से 10 अंक हासिल किए थे। दिव्या ने 45वें चेस ओलंपियाड में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने वर्ल्ड टीम रैपिड एंड ब्लिट्ज चैंपियनशिप के ब्लिट्ज सेगमेंट में 2600 से ज्यादा की परफॉर्मेंस रेटिंग हासिल की थी। अब तक वह कई पदक जीत चुकी हैं, जिनमें ओलंपियाड में तीन स्वर्ण, कई एशियाई और विश्व युवा खिताब जीते हैं
दिव्या ने इस खिलाड़ी को दी शतरंज में मात

होउ यिफान दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी हैं। उन्होंने सेमीफाइनल के पहले मुकाबले में दिव्या को हराया था, लेकिन 19 साल की दिव्या ने दूसरे मुकाबले में शानदार वापसी की। सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने शुरुआत से ही दबाव बनाया। उन्होंने ब्लिट्ज चेस में समय का सही इस्तेमाल किया। इस वजह से वह गेम जीतने में सफल रहीं। दिव्या की इस जीत की खूब चर्चा हो रही है।
