Chess Olympiad 2024
Chess Olympiad 2024

Chess Olympiad 2024: खेलों में भारतीय महिलाओं की भूमिका अब वैश्विक स्तर पर साफ देखी जा रही है। क्रिकेट, हॉकी, बॉक्सिंग के बाद अब शतरंज जैसे माइंड गेम में भारतीय महिलाओं ने अपना परचम लहराया है। शतरंज ओलंपियाड 2024 में पुरुष टीम के बाद महिला टीम ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हमारे समाज में आज भी लोग बात-बात में महिलाओं की बौद्धिकता पुरुषों से कम आंकते हैं। ऐसी धारणा के बीच शतरंज जैसे दिमागी खेल में महिलाओं का गोल्ड लेकर आना ऐतिहासिक ही है।

बात जब शतरंज की आती है तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम विश्वनाथन आनंद और दूसरा नाम प्रगानंनधा रमेशबाबू का आता है। लेकिन अब शतरंज का ये खेल सिर्फ इन दो नाम तक ही नहीं सीमित यह गया है। शतरंज ओलंपियाड टीम की महिला सदस्यों के नाम भी इसमें शामिल हो गए हैं। आइये जानते हैं उनके बारे में।

Also read: बच्चों की छुट्टियां: माइंड गेम्स, मानसिक स्वास्थ्य टॉनिक

जीत के सितारे

Chess Olympiad 2024
Chess Olympiad 2024

शतरंज ओलंपियाड टीम में तानिया सचदेव, वैशाली रमेशबाबू, वंतिका अग्रवाल, हरिका द्रोणावली और दिव्या देशमुख शामिल थीं।

तानिया सचदेव दिल्ली की रहने वाली हैं। उन्हें साल 2005 में महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब मिला। इस ख़िताब को हासिल करने वाले वे आठवीं भारतीय महिला बनी। इसके अलावा उन्होंने साल 2006 और 2007 में भारत की राष्ट्रीय महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप में जीत मिली।
दिव्या देशमुख साल 2021 में भारत की 21वीं महिला शतरंज ग्रैंडमास्टर बनीं। और उसके अगले साल यानी 2022 में उन्होंने महिला भारतीय शतरंज चैंपियनशिप जीती। इसके अलावा शतरंज ओलंपियाड में दिव्या ने व्यक्तिगत कांस्य पदक भी जीता।
विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर-14 कैटेगरी में कांस्य पदक हासिल करने वाली वंतिका अग्रवाल ने साल 2020 में FIDE ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड जीता। इसके अलावा उन्हें महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब भी मिल चुका है।
आंध्र प्रदेश की हरिका द्रोणावल्ली ने साल 2012, 2015 और 2017 में महिला विश्व शतरंज चैंपियनशिप में 3 कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा।
रमेशबाबू वैशाली साल 2022 में हुए ओलंपियाड में महिला टीम और व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम कर चुकी हैं। वैशाली को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

शतरंज के लिए बच्चों को कैसे करें प्रेरित

अगर आपके बच्चे को छोटी उम्र से ही शतरंज में दिलचस्पी है तो आप उसे उसके लिए प्रोत्साहित करें और इस खेल के नियमों की जानकारियां दें।
अगर आपको शतरंज की बेसिक जानकारी है तो बच्चे के साथ इस खेल में दिलचस्पी दिखाएं।
जब बच्चा बड़ा हो तो उसको शतरंज में प्रोफेशनल बनाने के लिए उनको क्लास ज्वाइन कराएं जिसमें वे खेल की बारीकियों और दाव को सीख सकें। हालांकि शतरंज क्लास की फीस अन्य खेल की क्लास के मुताबिक थोड़ी ज्यादा होती है।
आप चाहें तो बच्चे को इसकी ऑनलाइन क्लास भी दिला सकते हैं।
स्कूल में होने वाले शतरंज गेम्स के लिए बच्चे को प्रोत्साहित करें।

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...