Peaceful Places: खुले आसामान के नीचे अगर आप भी अपने साथी के साथ सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो समृद्ध प्राकृतिक नजारों से भरपूर हिल स्टेशन्स का रूख करना न भूलें। पक्षियों की चहचहाहट, हर ओर फैली हरियाली, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और पर्वत शृंखलाओं के बीच कुछ वक्त बिताने का आपने ख्वाब देखा है, तो नीचे दिए गए स्थलों पर जरूर जाएं और प्रकृति के अद्भुत नजारों का आनंद उठाएं।
बिनसर, उत्तराखंड

उत्तराखंड में स्थित बिनसर अपने आप में एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है क्योंकि यहां का बिनसर मंदिर लोगों की आस्था का महत्वपूर्ण केन्द्र है। घनी घाटियों और पर्वत शृंखलाओं से घिरे हिल स्टेशन पर हर ओर शांति और सुंदरता का ही निवास है। बिनसर से लगभग 31 किलोमीटर की दूरी पर बने प्राचीन शिव मंदिर को देखने के लिए शिव भक्तों का तांता लगा रहता है। पौराणिक कथाओं में भी इस मंदिर का जिक्र मिलता है।
इसके अलावा बिनसर वन्यजीव अभयारण्य यहां का बेहतरीन पर्यटन स्थल है, जो ऊंचे-ऊंचे विशाल पेड़ों से ढ़का हुआ है। यहां पर आपको कई प्रकार की प्रजातियों के पक्षी चहचहाते हुए नजर आ जाएंगे जो वातावरण को और भी सुखद बना देते हैं। इस अभयारण्य में पक्षियों की लगभग 200 प्रजातियां हैं। बिनसर पहुंचने के लिए हवाई यात्रा, रेल मार्ग या फिर सड़क मार्ग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप बिनसर पहुंचे तो जीरो पॉइंट देखना न भूलें। ये यहां की सबसे ऊंचाई वाली जगह है, जहां से हिमालय के अद्भुत नजारे देखने को मिलेंगे।
आभानेरी, जयपुर

रोशनी की नगरी यानी आभानगरी। जी हां जयपुर से करीब 45 किलोमीटर दूरी पर स्थित आभानेरी एक छोटा सा कस्बा है, जिसे आभानगरी कहकर भी पुकारा जाता है। 9वीं सदी में निर्मित हुई आभानेरी अपने दो स्मारकों यानी चांद बावड़ी जैसे सीढ़ीनुमा कुएं और हर्ष माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। चांद बावड़ी सैलानियों के लिए विशेष आर्कषण का केंन्द्र है। दरअसल, इसका निर्माण वर्षा के पानी को संग्रहित करके रखने के उद्देश्य से किया गया था। वहीं हर्ष माता मंदिर प्रसन्नता की देवी को समर्पित है। जिसका निर्माण 10वीं सदी में हुआ था। आभानेरी कालबेलिया एवं घूमर जैसे स्थानीय नृत्यों के लिए भी लोकप्रिय है। अगर आप भी अपने पार्टनर के साथ सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो यहां की खूबसूरती और आर्किटेकचर आपके सफर को और भी सुहाना बना देगा।
हाफलोंग, असम

दक्षिण असम में स्थित हॉफलोंग हिल स्टेशन मनमोहक वादियों और सांस्कृतिक विरासत को खुद में समेटे हुए है। समृद्ध वातावरण और हरी घाटियों से घिरे इस हिल स्टेशन पर अगर आप सुकून की तलाश में पहुंच रहे हैं, तो वाकई में आपकी यह तलाश यहां सफल होने वाली है। यहाँ की फैली हरियाली और नीला आसमान आपको असीम खुशी और ताजगी का एहसास कराता है। अगर आप प्रकृति को करीब से देखना और महसूस करना चाहते है तो यहां के मनमोहक दृश्य बेहद आनंददायक हैं। यहां मौजूद हॉफलोंग झील और 47 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मेबांग अपनी अनुपम संस्कृति और कला के लिए खास महत्व रखता है। इतना ही नहीं सिलचर शहर के भव्येश्वर मंदिर की हाथों से तैयार की गई सुंदर मूर्ति भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
हंपी, कर्नाटक

हंपी राज्य की गिनती कर्नाटक के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में की जाती है। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित हंपी एक पौराणिक स्मारक वाला शहर है जिसका नाम यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल है। अपने एतिहासिक महत्व और बेहतरीन कला के नमूने को पेश करने वाले इस स्थल पर सैलानियों की खासी भीड़ जुटती है। इसके अलावा कला प्रेमी इस जगह पर समय बिताना बेहद पसंद करते हैं। तुंगभद्रा नदी के दो किनारों पर बसा हंपी राज्य अपने खूबसूरत स्मारक और चट्टानों से लोगों को अपनी ओर खींचता है। दरअसल, हंपी प्राचीन भारतीय साम्राज्य विजयनगर का एक ही एक हिस्सा था। जहां के शासक का कलाकृतियों और नक्कशी की ओर खासा रूझान रहा, जिसकी बदौलत ये स्थल अपनी कलाओं के लिए मशहूर है। हंपी में विरुपाक्ष मंदिर, रानी का स्नानागार और विट्ठल मंदिर परिसर सबसे उल्लेखनीय स्थल हैं।
एलीफेंटा गुफाएं, मुंबई

मुंबई के गेट वे ऑफ इंडिया से 12 किलोमीटर की दूरी पर बनी एलिफेंटा की गुफाएं अपने रहस्यों और अपनी कलाकृतियों से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। 60 हजार वर्ग फुट में फैली इन गुफाओं को देखने बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते है और इन गफाओं के भीतर बनी मूर्तियों का दीदार करते हैं। अगर आप अपने सफर में सुकून और थोड़ा सा रोमांच चाहते हैं तो यहां अपने पार्टनर के साथ अवश्य आएं। यहां पर कला और संस्कृति के तालमेल के अलावा ट्रैकिंग जैसी एक्टिविटी भी उपलब्ध है। हजारों साल पुरानी एलीफेंटा की इन गुफाओं की संख्या कुल सात है। खास बात ये है कि इन गुफाओं को दो भागों में बांटा गया है। जहां एक तरफ पांच गुफाएं है जिनमें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं, तो दूसरे भाग में दो गुफाएं है, उन पर बौद्ध धर्म की छाप मिलती है। यूं तो इन गुफाओं में हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियां नजर आती हैं, मगर शिवजी की यहां पर अकेले 9 बड़ी मूर्तियां बनी हैं। एलीफेंटा की गुफाओं तक पहुंचने के लिए नाव के जरिये 30 मिनट का रास्ता तय करना पड़ता है।
