healthy breakfast for kids
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Financial Lessons to Children: बच्चे बहुत मासूम होते हैं और इसलिए उन्हें जो चीज पसंद आती है, वे तुरंत उसकी डिमांड करने लगते हैं। पैरेंट्स भी बच्चों की खुशी के लिए उन्हें तुरंत वे चीजें दिलवा देते हैं। आज की डिजिटल युग में बच्चे आकर्षक विज्ञापनों से लेकर लगातार सोशल मीडिया प्रभावों से घिरे रहते हैं और इसलिए उनके मन में तरह-तरह के प्रलोभन आते हैं। जिसकी वजह से उनमें कभी-कभी फिजूलखर्ची की आदतें विकसित हो सकती हैं। ऐसे बच्चे अक्सर पैसों की वैल्यू नहीं करते हैं और जिससे आगे चलकर उन्हें अपने जीवन में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

लेकिन एक पैरेंट के रूप में बच्चों को कम उम्र से ही पैसे का मूल्य सिखाना और उन्हें जिम्मेदारी से खर्च करने की आदत विकसित करना बेहद जरूरी है। इसमें अच्छी बात यह है कि अपने बच्चे को फिजूलखर्ची की मानसिकता से दूर करने में मदद करना बहुत अधिक मुश्किल या उबाऊ नहीं है। यह उन्हें बजट बनाने, बचत करने और “चाहने” व “ज़रूरत” के बीच के अंतर को समझने के बारे में है। ऐसा करके आप न केवल उन्हें पैसे के बारे में सिखा रहे हैं, बल्कि उन्हें ऐसी आदतें बनाने में भी मदद कर रहे हैं जो उनके जीवन के बाकी हिस्सों में उनके लिए अच्छी साबित होंगी। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे को फिजूलखर्ची की आदत को बदलाव कर सकते हैं-

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बच्चे में फिजूलखर्ची की आदत को रोकने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप उन्हें पैसे की कीमत करना सिखाएं। आप उन्हें समझाएं कि पैसा कहां से आता है। यह बच्चों को यह समझने में मदद करेगा कि पैसा काम से कमाया जाता है, न कि आसानी से मिलने वाला। इसके लिए आप बचत से लेकर बजट बनाने तक करना सिखाएं। उदाहरणों का उपयोग करके उन्हें यह दिखाएं कि खिलौनों या कपड़ों करने के खर्च से लेकर किराने का सामान या बिल आदि में कितना खर्च होता है। इससे उन्हें अपने खर्चों की तुलना करने में मदद मिलेगी और इससे वे अधिक समझदारी से खर्च करना शुरू करेंगे।

बच्चे की फिजूलखर्ची की आदत को रोकने का एक तरीका यह भी है कि आप बच्चे के लिए बजट सेट करें। इसके लिए आप उन्हें सप्ताह या महीने में पॉकेटमनी दें। साथ ही साथ, आप उन्हें सिखाएं कि इसे सही तरह से किस तरह मैनेज करना चाहिए। शुरुआत में बच्चे शायद पैसों का मैनेजमेंट सही तरह से ना कर पाएं। लेकिन उनके लिए यह सीखना बेहद जरूरी है कि एक सप्ताह या महीने की पॉकेट मनी खत्म हो जाने के बाद उन्हें अगली बार तक इसका इंतजार करना होगा। अगर आप उन्हें फिजूलखर्ची की आदत से बचाना चाहते हैं तो ऐसे में आप उन्हें यह बताएं कि वे अपनी पॉकेटमनी का एक हिस्सा अलग से सेव करके रखें। साथ ही, वे अपने खर्च की पहले से ही प्लानिंग करें। इससे वे पैसों को सही जगह पर इनवेस्ट करना सीख जाते हैं।

household finance mein unhen karen shaamil
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पैसों की वैल्यू करना और उन्हें सही तरह से खर्च करने की आदत डालना बचपन से ही जरूरी है और इसका एक सबसे अच्छा तरीका है कि आप बच्चे की उम्र के अनुसार उनसे फैमिली फाइनेंस मैनेजमेंट पर चर्चा करें, जैसे बिलों का भुगतान करना और छुट्टियों के लिए बचत करना आदि। जब बच्चों से इस तरह की चर्चा की जाती है तो उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि पैसा सीमित है और इसे समझदारी से मैनेज किया जाना चाहिए। अगर बच्चा किसी महंगी आइटम की डिमांड करता है तो ऐसे में आप उसे प्रोत्साहित करें कि वह अपनी पॉकेट मनी या बचत का एक हिस्सा उसमें जरूर इनवेस्ट करे।

अगर आप बच्चे में फिजूलखर्ची या फिर किसी अन्य भी बुरी आदत को बदलना चाहते हैं तो ऐसे में आपको पहले खुद को बदलने की जरूरत है। आप बच्चे को चाहे कितना भी समझाएं, लेकिन वह आपकी बातों से ज्यादा आपके व्यवहार से प्रभावित होता है। बच्चे अक्सर अपने माता-पिता के व्यवहार की नकल करते हैं। इसलिए, अगर आप उनके सामने इंपल्सिव शॉपिंग करते हैं या फिर फाइनेंशियल डिसिजन स्मार्टली नहीं लेते हैं तो इससे आप बच्चे के व्यवहार को नहीं बदल पाएंगे। इसलिए, पहले आप खुद समझदारी से फाइनेंशियल डिसिजन लें, जिससे आप उनके व्यवहार को भी बदल पाएं।

यह भी एक तरीका है बच्चों की फिजूलखर्ची की आदत को बदलने का। बच्चों को खेलना बहुत अधिक पसंद होता है, लेकिन खेल-खेल में वे जीवन के बहुत महत्वपूर्ण पाठ सीख जाते हैं। आप चाहें तो बच्चे को मोनोपोली या बिजनेस गेम्स आदि दे सकते हैं। इसके अलावा, आजकल कई ऐप्स भी अवेलेबल है। ये गेम्स उन्हें व्यावहारिक तरीके से पैसे को मैनेज करना सिखा सकते हैं। इन गेम्स को खेलने में ना केवल बच्चों को मजा आएगा, बल्कि वे अनजाने में पैसों का मैनेजमेंट करना और अधिक समझदारी से फैसले लेना भी सीख जाएंगे। आप चाहें तो बच्चे के लिए फाइनेंशियल गोल चार्ट भी बना सकते हैं, जहां पर बच्चे अपने खर्च व बचत को ट्रैक कर सकते हैं। यह चार्ट एक रिमाइंडर की तरह काम करेगा और उन्हें फिजूलखर्च करने से रोकेगा।

मैं मिताली जैन, स्वतंत्र लेखिका हूं और मुझे 16 वर्षों से लेखन में सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया में 9 साल से अधिक का एक्सपीरियंस है। मैं हेल्थ,फिटनेस, ब्यूटी स्किन केयर, किचन, लाइफस्टाइल आदि विषयों पर लिखती हूं। मेरे लेख कई प्रतिष्ठित...