premanand maharaj viral AI photo
premanand maharaj viral AI photo

Premanand Ji Maharaj Lesson: सोशल मीडिया पर कई तरह के कंटेंट देखने को मिलते हैं। कुछ योग पर होते हैं तो कुछ हास्य से भरपूर होते हैं तो कुछ हमें प्रेरणा देते हैं। प्रेरणादायक विषय पर सोशल मीडिया पर बहुत कुछ देखने सुनने को मिल जाता है। जैसे आजकल सोशल मीडिया पर संतों और गुरुओं के अच्छे विचार सुनने को मिलते हैं। ये विचार न केवल मन को शांत करते हैं बल्कि इनका पालन करने से हम अपने जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं। हम सोशल मीडिया पर कई गुरुओं को वचन देते हुए देखते हैं, जो हमारे मन को भा जाते हैं। इन्हें सुनने पर मन को सहस मिलता है और नकारात्मक मन सकारात्मकता की ओर बढ़ता है।

इन्हीं संतों में से एक हैं प्रेमानंद महाराज जिनको सुनना हर कोई पसंद करता है। प्रेमनंद जी के वचन को सुनते हुए और उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए आपने भी कई लोगों को देखा होगा। तो यूँ तो वो एक ऐसे संत हैं जो हमेशा ही ज्ञान की बातें करते हैं लेकिन उनके ये 5 वचन अगर हम अपने जीवन में अपना लें तो हमारा जीवन बदल जाएगा। तो चलिए जानते हैं इन 5 सीखों के बारे में।

Also read: राशि के अनुसार राखी के रंग से भाई की उम्र होगी लंबी,जानें इसके पीछे का ज्योतिषीय कारण: Raksha Bandhan 2024 Upay

YouTube video

प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि जीवन में कैसी भी परिस्थिति हो हारना नहीं चाहिए। व्यक्ति खुद में बहुत शक्तिशाली है उसे विपरीत परिस्थितियों में डरना नहीं है। वो अपने जीवन का एक किस्सा बताते हैं जिसमें उन्हें एक शराबी ने ये उपदेश दिया था कि टूटना नहीं है कभी। उस व्यक्ति ने संत से कहा कि ‘मंदिर की मूर्ति तिल तिल करके काटी गयी है लेकिन टूटी नहीं तो पूजी जा रही है और संगमर्मर टुकड़े टुकड़े हो गई और पैरों के नीचे बिछी हुई है। इसलिए टूटना नहीं कभी’ , ये सुनते ही प्रेमानंद जी ने उस व्यक्ति को प्रणाम किया।

संत प्रेमानंद की ये सीख हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। इस संसार में हर प्राणी ही दुःख से घबराता है और ऐसा सोच कर हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हमारा दुःख मिटा दिया जाए। ऐसे लोगों के लिए संत प्रेमानंद कहते हैं कि दुःख से ऊबना और घबराना नहीं चाहिए। ईश्वर से ये प्रार्थना न करें कि हमारा दुःख मिटा दो बल्कि भगवान से ये कहो कि जिसमें हमारा मंगल हो वो विधान करो यदि हमें दुःख दो तो हमें दुःख को सहने का सामर्थ्य दो। उनका ये विचार मन को सामर्थ्य से भर देता है। हम अपने दुखों से घबराते रहते हैं लेकिन इतनी सरल बात को समझ नहीं पाते हैं, ऐसे में प्रेमानंद महराज की ये सीख हमें अपने जीवन में ढालनी चाहिए।

संत प्रेमानंद अपने सुनने वालों को बलवान की एक ऐसी परिभाषा बताते हैं जो आपको साहस से भर देती है। प्रेमानंद जी के अनुसार बलवान वही है जो क्षमा करना जानता है, वो जो काम और लोभ को जीत ले, बलवान वो है। कोई बीमार पड़ा है और आप उसकी सेवा कर रहे हैं, कोई चाह नहीं है तो आप बलवान हैं। निर्बल वो हैं जो अपने सुख के लिए जीते हैं। बलवान कौन है इसे खूबसूरत तरीके से प्रेमानंद जी समझाते हैं।

YouTube video

हमारी सोच पर ही हमारे जीवन जीने का तरीका निर्भर करता है। हमारी सोच कैसी होनी चाहिए इसे बहुत सरल तरीके से संत प्रेमानंद जी ने समझाया है कि आपकी सोच अच्छी है तो आप थोड़ा कम पैसे वाले भी हैं ना गरीब भी हैं, मस्त रहें। सोच सही नहीं है तो चाहे आपके अरबों रुपया हो आपका जीवन नरक जैसा रहेगा क्योंकि आपकी सोच अशांति ,कलह , नाना प्रकार की वासनाओं में खेल में फंसाकर नष्ट कर देगी।

सृष्टि मिश्रा, फीचर राइटर हैं , यूं तो लगभग हर विषय पर लिखती हैं लेकिन बॉलीवुड फीचर लेखन उनका प्रिय विषय है। सृष्टि का जन्म उनके ननिहाल फैज़ाबाद में हुआ, पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। हिंदी और बांग्ला कहानी और उपन्यास में ख़ास रुचि रखती...