पाइनएप्पल जूस विटामिन सी से होता है भरपूर, रोजाना पीने से मिलेंगे ये 4 लाभ: Pineapple Juice Benefits
Pineapple Juice Benefits

पाइनएप्पल जूस विटामिन सी से होता है भरपूर, रोजाना पीने से मिलेंगे ये 4 लाभ

Pineapple Juice Benefits : पाइनएप्पल का जूस पीने से शरीर को कई लाभ हो सकते हैं। य कमजोर इम्यूनिटी को बूस्ट करने से लेकर कई परेशानियां घटा सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में-

Pineapple Juice Benefits : अनानास यानि पाइनएप्पल का जूस कई तरह के पोषक तत्वों का भंडार होता है। यह विटामिन सी का काफी अच्छा सोर्स है, जो आपकी कमजोर इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकता है। इसके अलावा इसमें ब्रोमेलैन भी शामिल है, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा दे सकता है और पाचन में सुधार कर सकता है। पाइनएप्पल के जूस में अन्य कई तरह के पोषक तत्व जैसे- फाइबर, फैट, कार्ब्स, जिंक, कॉपर इत्यादि होते हैं, जो आपके शरीर की परेशानियों को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं पाइनएप्पल के जूस पीने से सेहत को क्या फायदे हो सकते हैं?

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Pineapple Juice Benefits
Pineapple Juice Benefits for Swelling

पाइनएप्पल का जूस पीने से आपकी कमजोर इम्यूनिटी बूस्ट होती है। साथ ही यह रस सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जोसे कई पुरानी बीमारियों का मूल कारण माना जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो सूजन को कम करके क्रोनिक डिजीज के खतरों को कम कर सकती है।

पाइनएप्पल का जूस पीने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलती है। इसमें ब्रोमेलैन पाया जाता है, जो निमोनिया, साइनसाइटिस और ब्रोंकाइटिस जैसे संक्रमणों से उबरने में भी मदद कर सकता है। खासकर जब एंटीबायोटिक दवाओं के साथ अगर आप इसका सेवन करते हैं, तो इससे आपको काफी जल्दी रिकवरी होती है।

अनानास के जूस में मौजूद एंजाइम प्रोटीज के रूप में काम करते हैं। प्रोटीज प्रोटीन को छोटे सबयूनिट्स, जैसे कि अमीनो एसिड और छोटे पेप्टाइड्स में तोड़ने में मदद करते हैं, जिन्हें तब आपके पेट में आसानी से अवशोषित किया जा सकता है। ऐसे में पाचन तंत्र को बूस्ट करने के लिए आप पाइनएप्पल का जूस पी सकते हैं। इससे काफी हद तक लाभ मिलता है।

Digestion
Digestion

पाइनएप्पल जूस पीने से आपके हार्ट हेल्थ को बेहतर किया जा सकता है। इसमें मौजूद ब्रोमेलैन हाई ब्लड प्रेशर को कम करने से लेकर ब्लड के थक्कों के निर्माण को रोकने में मदद करता है। यह एनजाइना पेक्टोरिस और क्षणिक इस्केमिक हमलों की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकता है। इससे काफी हद तक हार्ट डिजीज को कम किया जा सकता है।

निक्की मिश्रा पिछले 8 सालों से हेल्थ और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लिख रही हैं। उन्होंने ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में एमए और भारतीय विद्या भवन से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। लिखना उनके लिए सिर्फ एक प्रोफेशन...