TB Day Importance: हर साल मार्च माह की 24 तारीख को विश्व भर में वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे के रूप में मनाया जाता है। ट्यूबरक्लोसिस दिवस मनाने के पीछे मुख्य रूप से यही उद्देश्य है, कि जन साधारण के बीच ट्यूबरक्लोसिस और इसकी रोकथाम के लिए उचित रूप से जागरूकता लाई जा सके। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं, कि क्यों मार्च की 24 तारीख को ट्यूबरक्लोसिस डे के रूप में मनाया जाता है। साल 2023 में ट्यूबरक्लोसिस डे की थीम “ Yes! We Can End TB!” है। आज हम आपके लिए टीबी और वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे से संबंधित जानकारी लेकर आए हैं। आइए जानते हैं,
TB Day Importance: 24 मार्च को क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड टीबी दिवस?
हर साल 24 मार्च को ही विश्व टीबी दिवस इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि साल 1882 के मार्च की 24 तारीख को डॉ. रॉबर्ट कोच ने ट्यूबरक्लोसिस का कारण बनने वाले बेसिलस माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस की खोज की घोषणा की थी। उनकी इस खोज ने आगे चलकर टीबी से पीड़ित मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके लिए डॉक्टर रॉबर्ट को 1905 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया. बता दें, टीबी की खोज के पूरे 100 वर्ष बाद 1982 में पहली बार वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने विश्व टीबी दिवस मनाया था।विश्व टीबी दिवस दुनिया भर में टीबी के प्रभाव के बारे में जनता को शिक्षित करने का दिन है।
वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस दिवस का महत्व

ट्यूबरक्लोसिस का सबसे अधिक प्रभाव फेफड़ों पर होता है, जिससे फेफड़े कमज़ोर हो जाते हैं। जिस कारण से जब भी टीबी से संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो बीमारी हवा के माध्यम से फैलती है और उस संक्रमित हवा से एक स्वस्थ व्यक्ति भी टीबी का शिकार हो सकता है। डब्ल्यू एच ओ के आंकड़ों के अनुसार, यह अनुमान है कि हर दिन, दुनिया भर में लगभग 4,000 से भी ज्यादा लोग टीबी से मरते हैं और अन्य 28,000 संक्रमित होते हैं। ये आंकड़ा चिंताजनक है, क्योंकि टीबी एक काफी जानलेवा बीमारी है। यदि देखा जाए तो साल 2000 से टीबी की रोकथाम और उपचार के अभियान ने 63 मिलियन से भी ज्यादा लोगों के जीवन में सुधार किया है। टीबी का इलाज और उसके प्रति जागरूकता अत्यंत आवश्यक है।
क्या है टीबी
ट्यूबरक्लोसिस एक बेहद खतरनाक बैक्टिरियल बीमारी है, जो किसी की जान भी ले सकती है। ट्यूबरव्लोसिस बेसिलस माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के इन्फेक्शन से होने वाली एक समस्या है, जिससे साल 2021 में लगभग 10.6 मिलियन लोग ट्यूबरक्लोसिस यानिकि क्षय रोग (टीबी) से बीमार हुए, जबकि 2021 में ही टीबी ने लगभग 16 लाख लोगों की जान ले ली थी।
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ट्यूबरक्लोसिस के लक्षण

बता दें टीबी के समय पर साधारण तौर पर मरीज को छाती में दर्द का अनुभव होता है साथ ही लगातार खांसी और जुकाम भी टीबी में परेशान करता है। कई बार खांसी के दौरान मरीज को खून भी आ जाता है, जो जानलेवा सिद्ध हो सकता है। अत्यधिक पसीना आना, बुखार, लंबे समय तक कमजोरी बने रहना भी टीबी के लक्षण ही हैं। ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द बिना देरी किए डायग्नोज टेस्ट्स करवाकर अच्छे डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। हालांकि टीबी एक जानलेवा बीमारी है, पर दवाइयों से इसका पूर्ण उपचार संभव है।
टीबी से संक्रमित लोगों के लिए आहार

ट्यूबरक्लोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें संक्रमित व्यक्ति काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में मरीज को अपने खान-पान और डाइट का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है। डाइट में कोई भी चूक खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में टीबी के मरीज को अपनी डाइट में भरपूर फल और सब्जियां शामिल करते हुए सभी न्यूट्रिएंट और विटामिन का प्रचुर मात्रा में सेवन करना चाहिए।
टीबी से संक्रमित व्यक्ति को अपने शरीर में होने वाली कमजोरी से बचने के लिए विशेष रूप से अपनी डाइट का ख्याल रखना चाहिए। आपकी डाइट आपको आसानी से इस बीमारी के चंगुल से आजाद कराती है। ब्रोकोली, गाजर, शकरगंद, टमाटर आदि खाने से टीबी के इलाज में काफी सहायता होती है।