Study Tips: पढ़ाई की अच्छी आदतें विकसित करने से स्कूल-कॉलेज के कॅरियर में भी लाभ होगा। सबसे पहले तो आपको अपने कामों का जिम्मेदार होना होगा। केवल आप ही तय कर सकते हैं कि आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी, आप अपने समय व संसाधनों का कैसे उपयोग करेंगे। अपने दोस्तों या छात्रों के बहकावे में आकर समय बरबाद न करें। ‘बिग पिक्चर’ को दिमाग में रखें। आपको पता होना चाहिए कि कब और क्या करना है। अपने लक्ष्य दिमाग में रखें। लोगों को अपने काम पर हावी न होने दें। अपने दिन के उत्पादक समय का पता लगाएं। अगर सुबह के समय पढ़ाई अच्छी होती हो तो कठिन विषय उसी समय लें। यदि एकाग्रता में कमी आ रही हो तो उस समय कोई आसान विषय पढ़ें।
यदि कुछ समझ न आए तो पढ़ने के नए-नए तरीके खोजें। बार-बार उस सामग्री को पढ़ने से कोई फायदा नहीं होगा। किसी से मदद लें या ग्रुप स्टडी करें।
जितनी मेहनत करेंगे, उतनी ही सफलता मिलेगी। जब आपको अपने काम से पूरी संतुष्टि होगी तो, ग्रेड बढ़ियां ही आएगा। कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करें। इस तरह आप जानेंगे कि आपकी कोशिश का क्या परिणाम रहा। सबसे पहले तो पढ़ने की अच्छी सी जगह तलाशें। यदि सही जगह नहीं मिल पाई तो आप ढंग से पढ़ाई नहीं कर पाएंगे।
पढ़ने की सही जगह
● आप आसानी से पढ़ने की बढ़िया जगह का चुनाव कर सकते हैं अगर वहां पहले से ही कोई और बैठता है तो कोई दूसरी जगह चुनें।
● इस तरह आप अनावश्यक शोरगुल से बचे रहेंगे। अच्छी पढ़ाई के लिए माहौल शांत होना चाहिए।
● आसपास से आती आवाजें भी ध्यान भंग करती हैं।
● आपके पास एक अच्छा डेस्क होना चाहिए जिस पर पढ़ाई का सारा सामान आ सके। अगर बार-बार सामान लेने के लिए उठना पड़ा तो काफी समय बरबाद हो जाएगा। अपने पैन, पैंसिल, कॉपी, रबड़ व कम्प्यूटर आदि वहीं रखें।
● आपके पास ऐसी कुर्सी होनी चाहिए जिस पर आप लंबे समय तक आराम से बैठ सकें। अगर कुर्सी आरामदेह नहीं हुई तो पढ़ने में मन नहीं रमेगा।
● आपके आसपास का तापमान भी ज्यादा गर्म या ज्यादा सर्द न हो कर, सामान्य होना चाहिए।
● पढ़ने के स्थान पर सही प्रकाश व्यवस्था हो ताकि आंखों पर जोर न पड़े। कम रोशनी में पढ़ने से सिर-दर्द होगा और पढ़ाई भी ढंग से नहीं हो पाएगी।
पढ़ने के समय का प्रबंधन

अच्छी पढ़ाई के लिए टाइम मैनेजमेंट होना चाहिए। याद रखें कि आपके पास सीमित समय है, आपने उसी का बेहतर सदुपयोग करना है। इसके लिए आप निम्नलिखित रणनीतियां अपना सकते हैं-
पहला चरण– सत्र के आरंभ में एक कैलेंडर बनाएं। कैलेंडर बनाने के लिए
● असाइनमेंट व टेस्ट की डेट लिखें।
● स्कूल की गतिविधियां लिखें।
● पाठ्येतर गतिविधियां लिखें।
दूसरा चरण– साप्ताहिक शेड्ïयूल बनाएं व इसे समय-समय पर अपडेट करते रहें। इसे बनाने के लिए-
● अपनी रोजमर्रा की कक्षाओं की सूची बनाएं।
● इसके लिए अपने कैलेंडर की मदद लें।
● पिछले शेड्ïयूल का बचा हुआ काम भी शामिल करें।
● इसमें पाठ्ïयेतर गतिविधियां शामिल करें
● इस सप्ताह आने वाले टेस्ट व असाइनमेंट के बारे में लिखें।
तीसरा चरण– हर रोज अगले दिन का प्लानर बनाएं। इसे बनाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें।
● पिछले दिन के प्लानर का बचा हुआ काम शामिल करें।
● अपने साप्ताहिक शेड्ïयूल से देखें।
● स्कूल गतिविधि शामिल करें।
● पाठ्येतर गतिविधि शामिल करें।
यह सब करने का एक ही उद्ïदेश्य है ‘बेहतर समय प्रबंधन।
यहां कुछ शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार के तरीके बता रहे हैं। ये कोई जादुई मंत्र नहीं, आपको लगातार परिश्रम व लगन से अपनी मंजिल तक जाना है, ये तो बस सहायक हो सकते हैं। इनसे मनीबैक की गारंटी तो नहीं मिलेगी पर आप बेहतर ग्रेड व अंक तो पा ही सकते हैं।
- कक्षा में सक्रिय रूप से हिस्सा लें
● कक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों का काफी नुकसान होता है।
● वे कक्षा में पढ़ाए गए विषय समझ नहीं पाते।
● कक्षा में अक्सर विषय पढ़ाने के बाद भी उस पर चर्चा होती है व उसे विस्तार से समझाया जाता है।
● विषय सामग्री पर पूरा ध्यान दें।
● नोट्ïस लें।
● कुछ समझ न आने पर प्रश्न पूछें।
● अगर कक्षा में न जा सकें तो किसी मित्र से नोट्ïस उधार लें या ऑनलाइन कक्षा में मदद लें। - पाठ्य सामग्री व हैंडआउट्ïस ध्यान से पढ़े
● सामग्री पर सिर्फ नजर दौड़ाने की बजाए, उसे अच्छी तरह समझ लें ताकि उसे अपने शब्दों में लिख सकें, समझा सकें।
● पढ़ने की नई तकनीकें इस्तेमाल करें।
● कक्षा में पाठ पढ़ाने के कुछ समय बाद ही उसे दोहराएं ताकि वह स्मृति में सुरक्षित हो जाए। - गृहकार्य मन लगाकर करें (खानापूर्ति न करें)
● कक्षा में पढ़ाए पाठ व गृहकार्य के बीच संबंध बनाएं।
● सिर्फ सही उत्तर जानकर संतुष्टï होने की बजाए उसके पीछे छिपा तर्क भी पहचानें।
● सही समय पर असाइनमेंट पूरी कर दें वरना आपके अंक काटे जा सकते हैं। - परीक्षा के स्टडी गाइड का उपयोग
● पेपरों की तैयारी पहले ही शुरू कर दें। इससे बड़़ी अक्लमंदी हो ही नहीं सकती।
● हड़बड़ाहट में उत्तर तलाशने की बजाए उसे ध्यान से पढ़ें।
● इसे कक्षा की उपस्थिति या पाठ्ïयपुस्तक का विकल्प न बनाएं।
● परीक्षा स्टडी गाइड का उपयोग करने से पहले अपने नोट्ïस दोहराएं व पाठ्ïय पुस्तक पढ़ें। - सहपाठियों व शिक्षक से मेलजोल
● अपने सहपाठियों के साथ दिए गए विषय व असाइनमेंट पर चर्चा करें।
● किसी कॉमन रूप में या पुस्तकालय में बैठकर गु्रप स्टडी करें।
● बारी-बारी से अपने विचार प्रकट करें। किसी को कुछ सिखाने का मौका मिला तो आप स्वयं ही सीख जाएंगे।
● आप शिक्षक से भी प्रश्न पूछ सकते हैं। कोई विषय समझ न आने पर शिक्षक की सलाह भी ले सकते हैं।
कठिन परीक्षा की पढ़ाई
- किसी भी पाठ का पहले थोड़ा सा ही अंश लें।
- उसके शीर्षक, उपशीर्षक, ग्राफ चार्ट, चित्र व सारांश पर ध्यान दें। खास प्रश्नों व अभ्यास के लिए पाठ के आरंभ व अंत पर ध्यान दें।
- सबसे पहले पढ़कर पता लगाएं कि कहां मुश्किल आ रही है। उस पर निशान लगा लें।
- प्रश्न को सकारात्मक रूप से पढ़ने के बाद प्रतिक्रिया दें। कनेक्शन बनाएं लेकिन इसे याद न करें। सिर्फ समझने के लिए इस्तेमाल करें।
- शब्द देखें। वे खास शब्द नोट करें, जो पाठ्ïय सामग्री का हिस्सा होने के बावजूद आपको समझ नहीं आ रहे।
- आखिर तक पाठ पढ़ें। बीच में ही हिम्मत न हारें। पढ़ने से धीरे-धीरे सब समझ आने लगेगा। पूरा पढ़ने के बाद, उस हिस्से पर ध्यान दें, जो अच्छी तरह समझ नहीं आया।
- केवल शब्दों के जाल में उलझने की बजाए, सीखने की दूसरी तकनीकें भी इस्तेमाल करें। इसे अगले दिन फिर से पढ़ें ताकि दिमाग में इसकी साफ तस्वीर बनी रहे और रिवीजन चलता रहे।
- मोटे-मोटे खाके को बार-बार समझने की कोशिश करें। अगर फिर भी रीडिंग से फायदा न हो तो अपने अध्यापक, सलाहकार या किसी विशेषज्ञ की मदद लें।
छात्र क्या करें
- अपना एकाग्रता चक्र पहचानें, ब्रेक में पढ़ाई करें।
- पूर्ण एकाग्रता के समय काम करें।
- मुश्किल विषयों पर ग्रुप स्टडी करें।
- पिछले नतीजों से परेशान या निराश होने की बजाय, पिछली कमियां सुधारने की कोशिश करें।
- सभी विषयों के लिए समय प्रबंधन योजना बनाएं।
- ऐसी जगह पढ़ें जहां कोई ध्यान न तोड़े।
- परीक्षा में दिए गए समय के हिसाब से तैयारी करें।
- औसत प्राप्तकर्ता हैं, तो जो आता है, बस उसी को अच्छा दोहराएं।
- कम अंक पाने वाले हैं, तो सबसे पहली जरूरी जानकारी दोहराएं।
- काम के बोझ की प्राथमिकता तय करें। मुश्किल विषय को तब पढ़ें, जब एकाग्रता में कोई बाधा न हो।
- याद किया हुआ काम दोहराएं ताकि पेपरों में याद आने में परेशानी न हो। अगर दोहराया नहीं तो आसानी से भूल जाएंगे।
- टाइम टेबल के हिसाब से चलें। अपनी मौज-मस्ती के लिए भी थोड़ा समय बचा कर रखें।
- रिवीजन करने के बाद अच्छा संगीत सुनें, बढ़िया स्नान करें या किसी दूसरे तरीके से अपनी खुशी पाएं।
- परीक्षा भवन में जाने से पहले ही निश्चिंत हो जाएं कि आप सब जानते हैं।
- नतीजे की परवाह न करें। अगर वह पल आ भी जाए तो उसे पार कर लें- विकल्पों की कमी नहीं है।
पढ़ते समय लिखना बेहतर होगा
- पाठ की पढ़ाई का रिव्यू कार्ड बनाएं-जिनमें उसके खास शब्द, खास विचार, उदाहरण, खास घटनाएं, व्यक्ति, कारण व परिणाम आदि आ जाएं।
- फ्लैशकार्ड बनाकर इस्तेमाल करें, जैसे-शब्द भंडार व परिभाषा, गणित की समस्याएं व समाधान, प्रश्न-उत्तर आदि।
- अपनी याद के हिसाब से चित्र, चार्ट या नक्शा बनाएं और फिर जांच के लिए कॉपी में देखें।
- खास प्रश्नों के उत्तर दोहराने के लिए निमॉनिक्स का इस्तेमाल करें, जैसे किसी समीकरण के हल के लिए-(पैरन्थीसिस-एक्पोजेंट-मल्टीपलाई-डिवाइस एडसब्ट्रैक्ट) के लिए (प्लीज एक्सक्यूज मी आई डीयर आंट शैली) याद करें।
- ग्राफिक आर्गेनाइजर- ये शब्द-नक्शे होते हैं, जिससे किसी विचार का दृश्य चित्रण होता है। इस तरह छात्रों को, विचारों का विश्लेषणात्मक कौशल इस्तेमाल करना आ जाता है। वे विचारों को जोड़ना सीखते हैं। अमूर्त जानकारी भी दृश्य चित्रों में दी जाती है, जिसे बाद में आसानी से, दिमाग याद कर सकता है।
- खास संदेश- परीक्षा केतनाव से निबटने में 5 ‘एÓ काफी काम आ सकते हैं। वे हैं स्वीकार करना, प्रशंसा करना , घटना, बदलना , नज़रंदाज़ करना ।
१) स्वीकार करना– तनाव व चिंता को स्वीकारें क्योंकि हर कोई इसका सामना करता है। तनाव मानसिक या शारीरिक रूप से प्रकट होता है, जिसे स्वीकार करने के बाद ही, उससे बचा जा सकता है।
२) प्रशंसा करना– तनाव की वजह को सराहें। इसके लिए स्वयं को दोषी न ठहराएं। सही समस्या तक पहुंच कर, उसका हल तलाशें।
३) घटाना– आपको तनाव से निपटने की तकनीकें अपना कर इस दबाव को घटाना होगा। मन ही मन कल्पना करें कि आप तनाव से मुक्ति पा चुके हैं।
आप सोने से पहले मांसपेशियों का तनाव भी घटा सकते हैं।
४) बदलाव– आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना होगा। तनाव घटाने के स्थाई तरीके सीखने होंगे व उनका अभ्यास करना होगा। अगर तनाव लंबे समय तक साथ रहे और आप बदलाव न ला सकें तो यह हानिकारक हो सकता है।
५) नजरअंदाज करना– यह कदम कठिन है लेकिन काफी फायदेमंद है। आपको तनाव को नजरअंदाज करना होगा। धूम्रपान से बचें-सही व नियमित समय पर भोजन करें व पर्याप्त मात्रा में नींद लें।
परीक्षा के दौरान आपका आहार
किशोरावस्था में आपका आहार बहुत महत्त्व रखता है। अनियमित आहार से शरीर का विकास नहीं हो पाता और कई तरह की कमियां सामने आती हैं।
दोपहर का भोजन अवश्य करें– अगर लंच नहीं लेंगे तो ब्लड शुगर का स्तर नीचे चला जाएगा और आप दोपहर के बाद बेहतर तरीके से काम नहीं कर पाएंगे। घर पहुंचने तक इतनी थकान हो जाएगी कि पढ़ने की हिम्मत ही नहीं रहेगी।
भारी व गरिष्ठ भोजन से बचें– रात को गरिष्ठï भोजन करेंगे तो पढ़ना मुश्किल होगा और नींद आएगी।
