केस 1:
Social Media Impersonation: वीणा ने अचानक अपने दोस्तों से फोन कॉल और मैसेज मिलने शुरू कर दिए – “तुम्हें पैसे की जरूरत है? क्या तुम ठीक हो?” वह हैरान थी क्योंकि उसने किसी से पैसे नहीं मांगे थे। जब उसने जांच की, तो पता चला कि कोई उसकी तस्वीर और नाम का इस्तेमाल करके एक नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल चला रहा था और उसके दोस्तों से इमरजेंसी के नाम पर पैसे मांग रहा था।
केस 2:
अमित को एक प्रसिद्ध ई-कॉमर्स कंपनी से एक सोशल मीडिया मैसेज मिला, जिसमें उसे एक विशेष ऑफर के तहत भारी छूट देने का दावा किया गया था। उसे एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा गया, और जैसे ही उसने अपना डेबिट कार्ड नंबर डाला, उसके बैंक खाते से पैसे गायब हो गए। बाद में उसे पता चला कि यह एक फर्जी अकाउंट था, जो असली कंपनी की तरह दिखने के लिए बनाया गया था।
क्या है सोशल मीडिया इम्पर्सोनेशन धोखाधड़ी?
आज के डिजिटल युग में, सोशल मीडिया सिर्फ बातचीत और कनेक्शन का जरिया नहीं रह गया है, बल्कि यह हमारी पहचान, व्यवसाय और विश्वास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। लेकिन इसी भरोसे का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधी लोगों की पहचान चुराकर, नकली अकाउंट बनाकर या असली प्रोफाइल्स को हैक करके धोखाधड़ी कर रहे हैं।
यह एक प्रकार की डिजिटल पहचान चोरी है, जो सोशल इंजीनियरिंग का हिस्सा है। इसमें अपराधी लोगों के नाम, तस्वीरें और व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करके नकली प्रोफाइल बनाते हैं और उनके संपर्कों से पैसा, संवेदनशील जानकारी या अन्य लाभ लेने की कोशिश करते हैं।
इसके अलग-अलग रूप
यह धोखाधड़ी सिर्फ आम लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कंपनियों और सेलिब्रिटीज को भी निशाना बनाती है।
नकली पहचान प्रोफाइल
धोखेबाज किसी व्यक्ति की तस्वीर, नाम और जानकारी का इस्तेमाल कर नकली प्रोफाइल बनाते हैं और फिर पीड़ित के दोस्तों और रिश्तेदारों से संपर्क करते हैं। उनका विश्वास जीतकर संवेदनशील जानकारी मांगते हैं। पीड़ित की पहचान का उपयोग करके अन्य साइबर अपराधों को अंजाम देते हैं।
फर्जी कंपनियों के नाम से धोखाधड़ी
नकली सोशल मीडिया पेज बनाकर, असली ब्रांड्स की तरह दिखाने की कोशिश की जाती है। लोगों को फ़िशिंग लिंक भेजकर उनकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी चुराई जाती है। फर्जी ऑफर और सेवाओं के नाम पर पैसे ऐंठे जाते हैं।
मशहूर हस्तियों के नाम पर जालसाजी
सेलिब्रिटीज के नाम पर नकली प्रोफाइल बनाकर ब्रांड्स का झूठा प्रचार किया जाता है। उनके प्रशंसकों को ठगने के लिए नकली दान मांगने वाले मैसेज भेजे जाते हैं। गलत जानकारी फैलाकर लोगों की राय को प्रभावित किया जाता है।

यह धोखाधड़ी कैसे होती है?
अपराधी आपकी तस्वीरें और नाम का इस्तेमाल करके एक नकली प्रोफाइल बना लेते हैं।
वे आपके दोस्तों और परिवार को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और भरोसे का फायदा उठाते हैं।
किसी इमरजेंसी का बहाना बनाकर तुरंत पैसे मांगते हैं, जिससे लोग भावनात्मक रूप से फंस जाते हैं।
कभी-कभी वे असली सोशल मीडिया अकाउंट को हैक कर लेते हैं और वहां से धोखाधड़ी करते हैं।
कैसे बचें सोशल मीडिया धोखाधड़ी से?
संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें
किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें।
अपनी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखें
अनजान अकाउंट्स से चैट में अपनी डिटेल्स साझा न करें।
वित्तीय जानकारी कभी साझा न करें
ओटीपी, बैंक डिटेल्स या कार्ड की जानकारी किसी से शेयर न करें।
पहले पुष्टि करें
अगर कोई पैसे मांगता है, तो पहले कॉल करके पुष्टि करें।
प्रामाणिकता जांचें
किसी भी ऑफर या सूचना को आधिकारिक वेबसाइट से वेरीफाई करें।
शिकार हो गए तो क्या करें?
तुरंत रिपोर्ट करें
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर किसी के फेक अकाउंट को रिपोर्ट करें। ज्यादातर प्लेटफॉर्म्स के पास यह ऑप्शन होता है।
कानूनी सहायता लें
अगर मामला गंभीर हो तो साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क करें। सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी एक गंभीर अपराध है।
दोस्तों को सूचित करें
अपने करीबी दोस्तों और परिवार को बताएं कि उनका कोई फेक अकाउंट बना है ताकि वे सावधान रहें।
सोशल मीडिया पर इम्पर्सनेशन का शिकार होना बहुत कठिन और मानसिक रूप से थकाने वाला हो सकता है, लेकिन जागरूकता और सही कदम उठाकर हम इसे टाल सकते हैं और इससे बच सकते हैं।
