पालतू डॉग को बिस्तर पर सुला रहे हैं तो आज भी कर दें इसे बंद, हो सकते हैं ये नुकसान-Sleeping with Dog
Sleeping with Dog

Sleeping with Dog: अपने पालतू डॉग्स को अधिकांश लोग अपने परिवार का ही हिस्सा मानते हैं। वे उन्हें दुलारते हैं, उनके साथ खेलते हैं, उन्हें हर जगह अपने साथ लेकर जाते हैं। कुछ लोगों को अपने डॉग्स से इतना प्यार होता है कि वे उन्हें सुलाते भी अपने ही साथ हैं। अगर आप भी ऐसे ही डॉग लवर हैं तो संभल जाइए। यह प्यार आपको भारी पड़ सकता है और आपको कई गंभीर बीमारियां भी दे सकता है।

स्टडी में सामने आया ये

Sleeping with Dog
letting dogs sleep in bed with you or making them sit on beds or sofas increases the risk of their germs reaching humans.

विशेषज्ञों के अनुसार डॉग्स को अपने साथ बिस्तर में सुलाने या फिर उन्हें बिस्तरों या सोफे पर बैठाने से उनकी स्किन पर बैठने वाले और मल या उनके फर से आने वाले रोगाणु इंसानों तक पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। ये रोगाणु लाइम रोग सहित कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इंग्लैंड की रीडिंग यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार सभी कुत्तों के बालों में सूक्ष्म परजीवी कण होते हैं। ये इंसानों के लिए खतरनाक होते हैं। इनसे स्किन इंफेक्शन होने की आशंका रहती है। शोधकर्ता प्रोफेसर एलेजांद्रा पेरोटी का कहना है कि अगर किसी डॉग के मालिक की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो उन्हें डॉग के साथ अपना बिस्तर साझा नहीं करना चाहिए। डॉग्स को काफी साफ रखने के बावजूद उनकी स्किन में बैक्टीरिया होते हैं। जब हम डॉग्स को बिस्तर में सुलाते हैं तो ये बैक्टीरिया ट्रांसफर हो जाते हैं और इंसानों को नुकसान पहुंचाते हैं।

हो सकता है अस्थमा

 प्रदूषित हवा में सांस लेने से श्वसन प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है, जिससे शरीर रात में पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता है।
Breathing in polluted air can put pressure on the respiratory system, preventing the body from fully resting at night.

शोध के अनुसार अगर डॉग ज्यादा फर वाला है और उसे डेंड्रफ की परेशानी होती है तो यह खतरा और भी बढ़ जाता है। वहीं बिस्तर पर सोना डॉग्स के लिए भी परेशानी भरा हो सकता है, इससे उन्हें भी जलन पैदा हो सकती है। पालतू जानवरों के बालों, लार, त्वचा में कचरा पाया जाता है, जो छोटे कणों के रूप में होता है, यह हवा के माध्यम से आसानी से इंसानों की सांस से शरीर के अंदर जा सकता है और फेफड़ों पर असर डाल सकता है। कई बार यह अस्थमा का कारण भी बन जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार जब हम डॉग्स को बिस्तर पर सुलाते हैं तो उनके बाल बेडशीट की सतह पर चिपक जाते हैं, इससे नींद भी प्रभावित होती है। क्योंकि प्रदूषित हवा में सांस लेने से श्वसन प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है, जिससे शरीर रात में पूरी तरह से आराम नहीं कर पाता है।

आसान तरीकों से पाएं परेशानी से मुक्ति

विशेषज्ञों के अनुसार डॉग्स से होने वाले स्किन इंफेक्शन और बाकी बीमारियों से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले डॉग्स के साथ सोने से बचें। डॉग्स में रूसी का खास ध्यान रखें। जिस रूम में आप डॉग के साथ ज्यादा रहते हैं, वहां एयर ह्यूमिडिफायर लगाएं। अतिरिक्त फर को हटाने और बालों का झड़ना कम करने के लिए अपने पालतू जानवरों को रोजाना ब्रश करें। कोशिश करें कि छह से आठ सप्ताह के बीच डॉग को प्रोफेशनल ग्रूमर के पास लेकर जाएं। अगर आप घर पर ही डॉग को नहलाते हैं तो हमेशा डी-शेडिंग शैंपू का उपयोग करेंं, इससे बाल कम झड़ेंगे। वीक में एक बार अपने बैड, सोफे, कालीन आदि की वैक्यूम क्लीनर से सफाई करना न भूलें। इससे घर पर सतह पर मौजूद सारे बाल अच्छे से साफ हो जाएंगे।