सिद्धिविनायक मंदिर की सबसे ख़ास बात
इस जगह पर पूरे साल देश दुनिया भर से आए भक्तों और श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहता है। इस जगह पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग बप्पा के दर्शन के लिए आते हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर हमारे देश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में आता है। मुंबई में स्थित इस मंदिर को दुनिया भर में धार्मिक आस्था के लिए जाना जाता है। जिसकी वजह से इस जगह पर पूरे साल देश दुनिया भर से आए भक्तों और श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहता है। इस जगह पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग बप्पा के दर्शन के लिए आते हैं। इस जगह के प्रति जितनी श्रद्धा आम लोगों के दिल में है उतनी ही ख़ास लोगों के दिल में है। मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में बड़े से बड़े स्टार, पॉलिटिशियन और उघोगपति आकर अपनी हाजिरी लगाते हैं। इसलिए, आपका भी यदि मुंबई घूमने का विचार बने तो आपको सिद्धिविनायक मंदिर जरूर आना चाहिए।
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सिद्धिविनायक मंदिर की खासियत

सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश के सबसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों में से एक है। भगवान गणेश का यह सिद्धिविनायक स्वरूप अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करता है। जिसकी वजह से लोग इस जगह पर दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर की बहुत ही ज़्यादा मान्यता है। जिसकी वजह से हर कोई अपनी मनोकामना पूरी करने की आस लिए इस जगह पर पहुँचता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की संरचना पहले काफी छोटी थी जिसे बाद में फिर से बनाया गया और यह भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ।
मंदिर का निर्माण

इस मंदिर के निर्माण को लेकर कहा जाता है कि इसका निर्माण कार्य 1801 को शुरू किया गया था। इस मंदिर को बनाने का कार्य एक लक्ष्मण विथु पाटिल नाम के ठेकेदार ने करवाया था। इस मंदिर को बनाने में जो धनराशि खर्च हुआ उसे एक कृषक महिला ने दिया था। महिला के सम्बंध में कहा जाता है कि उसकी कोई संतान नहीं थी। मंदिर के निर्माण में सहायता करने के लिए वह आगे आई। औरत की ऐसी इच्छा थी कि भगवान का आशीर्वाद पाकर कोई भी महिला संतानहीन न रहे, सबको संतान सुख की प्राप्ति हो।
सिद्धीविनायक का स्वरूप

सिद्धिविनायक को नवसाचा गणपति के नाम से भी जाना जाता है। मराठी भाषा में जिसका मतलब है कि जब भी कोई भक्त सिद्धीविनायक की सच्चे मन से प्रार्थना करता है, बप्पा उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। मंदिर के अंदर एक छोटे मंडपम में भगवान गणेश के सिद्धिविनायक रूप की प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा बहुत ही ख़ूबसूरत है जिसे देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। इस प्रतिमा के दोनों तरफ़ उनकी पत्नियाँ रिद्धि और सिद्धि विराजमान हैं। इसी स्वरूप के दर्शन की इच्छा लिए भक्त दूर दूर से आते हैं।
इस जगह पर घूमने का सबसे अच्छा समय
इस जगह पर वैसे तो कभी भी आया जा सकता है लेकिन मुंबई के फ़रवरी का महीना मौसम के लिहाज़ से बहुत ही अच्छा माना जाता है। यही वजह है कि लोग पूरे साल आते हैं लेकिन जब अच्छे से मौसम को एंजोय करने की बात आती है तो फ़रवरी के महीने में आना पसंद करते हैं। मुंबई में आम जगहों की तरह बहुत ज़्यादा सर्द नहीं होती है, इस लिहाज़ से आप नवंबर से फ़रवरी के बीच अपनी यात्रा प्लान कर सकते हैं।
