Shreeyantra Importance: सनातन धर्म में देवी देवताओं से जुड़ी वस्तुओं को बहुत ही शुभ माना जाता है। जिस तरह पूजा में शंख, नारियल, चंदन आदि का विशेष महत्व है। उसी प्रकार मां लक्ष्मी के श्रीयंत्र को भी धनलाभ के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि श्रीयंत्र मां लक्ष्मी का ही एक अंश है क्योंकि श्री का अर्थ है लक्ष्मी और यंत्र का अर्थ है साधन। इसका अर्थ यह हुआ कि जिस साधन से लक्ष्मी मिलती है वही श्रीयंत्र है। मां लक्ष्मी के श्रीयंत्र की विधि विधान से पूजा करने से मां लक्ष्मी बहुत जल्दी प्रसन्न होकर समृद्धि और तरक्की का आशीर्वाद देती है। घर में श्रीयंत्र रखने से व्यक्ति की प्रतिष्ठा, कीर्ति और मान सम्मान बढ़ता है। घर में हमेशा सुख समृद्धि और खुशहाली के साथ मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। आज इस लेख के माध्यम से हम श्रीयंत्र के अद्भुत लाभ और पूजा विधि के बारे में जानेंगे।
श्रीयंत्र की पूजा विधि

पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, शास्त्रों मे बताया गया है कि घर और दुकान में श्रीयंत्र रखने से पहले कुछ जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि श्रीयंत्र की पूजा का सही फल प्राप्त हो सके। स्फटिक श्रीयंत्र बहुत ही पवित्र माना जाता है क्योंकि इसमें साक्षात मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए श्रीयंत्र को हमेशा शुक्रवार के दिन घर के मंदिर या किसी साफ जगह पर कच्चे दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से बने पंचामृत से स्नान करवा कर पीले कपड़े में लपेट कर ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए। श्रीयंत्र की स्थापना से उस जगह का वातावरण शुद्ध और पवित्र हो जाता है जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इसके बाद घी का दीपक जलाना चाहिए और साथ ही श्रीसुक्त का पाठ करते हुए श्रीयंत्र पर फूल और कच्ची हल्दी अर्पित करनी चाहिए। श्रीयंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम्:” या “श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महा लक्ष्म्यै नम्:” मूलमंत्र का 21 माला जाप करना चाहिए। इस तरह से श्रीयंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती है।
श्रीयंत्र की पूजा के लाभ

शास्त्रों में बताया गया है कि कारोबार यज्ञ में चल रही धन की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए श्रीयंत्र की पूजा विशेष प्रभावी है। रोज नियम से श्रीयंत्र की पूजा करने से घर के वास्तुदोष दूर होते है। साथ ही व्यक्ति को अष्टसिद्धियों और नौ निधियों की प्राप्ति होती है। क्रिस्टल श्रीयंत्र में दिव्य शक्ति होने के कारण यह ब्रह्मांड की नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियों के बीच संतुलन बनाएं रखता है। साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। घर में स्थापित श्रीयंत्र की रोजाना पूजा करने से सौभाग्य, ऐश्वर्य और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
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