Shivani Didi: ब्रह्मा कुमारी शिवानी के नाम से भारत के लगभग सभी घर परिचित हैं साल 2007 में टेलीविजन श्रृंखला ‘अवेकनिंग विद ब्रह्मा कुमारीज’ से उन्होंने विश्वा सेवा का कर्य करना शुरू किया। आमजन से सीधा संवाद करने के दौरान उन्होंने जुड़े मूल्यों, आत्म प्रबंधन , आंतरिक शक्तियों, संबंधों में सामंजस्य, कर्म के नियम, चिकित्सा, आत्म-सशक्तिकरण और अनुशासन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की। उनके द्वारा अध्यात्म और जीने की कला से जुड़े अनेक प्रसंगों पर प्रकाश डाला गया, जिससे दुनिया भर में बहुत से लोग लाभान्वित हुए।
Shivani Didi: कहां हुआ था जन्म ?
ब्रह्मा कुमारी शिवानी का असल नाम शिवानी वर्मा है। उनका जन्म 1972 में पुणे के एक मध्यम वर्गीय परिवार मे हुआ था। शिवानी वर्मा 1994 तक एक विश्वविद्यालय की छात्रा थीं और फिर उन्होंने पुणे में 3 साल तक भारतीय विद्यापीठ कॉलेज में एक शिक्षिका के रूप में काम किया। लगभग 23 साल की उम्र में वह आध्यात्मिक संस्था ‘प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविधयालय’ ( साल 1995) में शामिल हो गईं, जबकि उनकी मां पहले से ही इस संस्था की सदस्य थीं। अपनी मां के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव देखकर, शिवानी ने पास के ही केंद्र में सप्ताह में एक या दो बार मुरली सुनने का फैसला किया। धीरे-धीरे उन्हें एहसास हुआ कि वह सीधा भगवान से जुड़ रही हैं। उन्होंने विज्ञान के ज्ञान का उपयोग यह समझने के लिए किया कि भगवान, निराकार होने के नाते दुनिया में अपनी भूमिका कैसे निभाते हैं। एक बार संस्था की एक सदस्य ने उनसे प्रश्न किया, ‘भगवान कब आएं? बेशक जब दुनिया अपने सबसे निचले स्तर पर हो, तो भगवान को पूरी मानवता का उत्थान करने और सच्चे धर्म (धर्म) को फिर से स्थापित करने के लिए आना होगा। यह प्रश्न पूछने पर बहन शिवानी ने 7 दिन का ‘राजयोग कोर्स’ किया। उन्होंने ध्यान के दौरान भगवान की उपस्थिति का अनुभव किया और इसलिए उन्होंने इसे जारी रखने और ज्ञान को और समझने का फैसला किया। इस तरह वह ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में आ गईं। शिवानी बहन (बहन) ने भी ईश्वर के अस्तित्व और कार्य को समझने के लिए विज्ञान का प्रयोग किया। स्वयं को एक आत्मा के रूप में महसूस करते हुए, उन्होंने सर्वोच्च आत्मा जो कि ईश्वर है, के साथ इसके संबंध को गहराई से समझा। इस तरह वह दिन-ब-दिन इस रास्ते पर आगे बढ़ती गई।

अलग अलग पहलुओं पर उपदेश देती हैं शिवानी दीदी
उनकी इस अलग सोच ने उन्हें भी इस आध्यात्मिक संस्था का हिस्सा बना दिया। बहन शिवानी पुणे में पारिवारिक जीवन जीने वाली वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका हैं। वह आध्यात्मिक समारोह, तनाव मुक्त जीवन पर व्याख्यान करने के लिए दुनिया भर में यात्रा करती हैं। अपनी सोच को जन-जन तक पहुंचाने के लिए वह स्कूल, कॉलेज, कंपनियों और अस्पतालों में जाकर उपदेश देती हैं। वर्तमान में वह संबंध प्रबंधन, कर्म के नियम और सुखी जीवन के लिए आध्यात्मिक ज्ञान के बारे में बोल रही हैं। वह अक्सर कॉलेजों, अस्पतालों और कंपनियों द्वारा आयोजित सेमिनारों में जाती हैं। साल 2017-18 में उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया, जहां सामान्य विषयों से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर वह उपदेश देती हैं। बहन शिवानी के दयालु, बुद्धिमान और शांत स्वभाव ने दर्शकों को उनकी बुद्धि के स्रोत का पता लगाने के लिए प्रसन्न किया।
उनकी लिखी किताबें
एक प्रबल वक्ता के साथ साथ बीके शिवानी एक उत्कृष्ट लेखिका भी हैं, जो सदैव ईश्वर के संदेश को पन्नो पर उतार के एक जागरण अभियान चलाती हैं। उनकी लिखी किताबें हैं- मेरा सुख किसके हाथ, असीम आनंद की ओर और हैप्पीनेस अनलिमिटेड।
ब्रह्माकुमारी शिवानी की शिक्षाएं
- सत्य उस डेबिट कार्ड की तरह है, जिसके लिए पहले मूल्य चुकाएं और बाद में आनंद लें। झूठ उस क्रेडिट कार्ड की तरह है, जिससे पहले आनंद उठाएं और बाद में कीमत चुकाएं।
- अगर छोटे बच्चे को खिलौना न दिया जाए तो वह कुछ देर ही रोएगा, लेकिन अगर उसे अच्छे संस्कार नहीं दिए जाएं, तो उसे जीवन भर रोना पड़ेगा।
- गलती से सीख कर आगे बढ़ना वास्तविक सफलता की शुरुआत होती है।
- जब आप अहंकार रूपी मैं को हम में परिवर्तित कर देते हैं, तो आपकी कमजोरी भी तंदुरुस्ती में बदल जाती है।
- यदि आप दुनिया के एक ऐसे बेहतरीन शख्स से मिलना चाहते हैं, जो आपकी जिंदगी को बदल सकता है, तो दर्पण में स्वयं को देखें।
