Saturday Fast Benefits: हिंदू धर्म में व्रत या उपवास रखने की सदियों से धार्मिक और आध्यात्मिक परंपरा चलती आ रही है। जिसका पालन आज भी लोग बखूबी करते हैं। सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा होती है। हर दिन के व्रत और उपवास का लाभ, तरीका और महत्व अलग-अलग होता है। ठीक वैसे ही शनिवार का दिन भी कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है।
शनिवार का दिन भगवान शनि को समर्पित है। शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे क्रूर ग्रह है और इसका प्रभाव व्यक्ति के जन्म कुंडली पर पड़ता है। शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र है, जिनकी मां छाया है। ऐसा कहा जाता है, कि जो भी व्यक्ति शनिदेव की विधि विधान से सच्चे दिल से पूजा अर्चना करते हैं। शनि देव उनकी हर हाल में रक्षा करते हैं।
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शनिवार व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में शनिवार का व्रत भगवान शनि देव के लिए रखा जाता है। इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन शनिदेव की उपासना करते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं। शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनिवार का व्रत रखना बहुत लाभकारी माना जाता है। शनि के दोषों का समापन करने, कर्म फल को सुरक्षित रखने के लिए शनिवार का व्रत रखा जाता है।
जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि दोष होता है। उन्हें कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करता पड़ता है। ऐसे में शनिवार का व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है। शनिवार का व्रत रखने से शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है, जिससे व्यक्ति को सही मार्ग की शिक्षा मिलती है और कार्यों में सफलता मिलती है।
शनिवार व्रत नियम
- अगर आप शनिवार का व्रत रख रहे हैं तो सबसे पहले सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। फिर साफ सुथरे वस्त्र धारण कर पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं।
- मंदिर में शनि देव की लोहे की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। शनि देव को काले तिल, फूल, धूप एवं काले रंग का वस्त्र और तेल अवश्य चढ़ाएं। इसके बाद शनि देव के मंत्रों का उच्चारण करें।
- पूजा संपन्न करने के बाद पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें। फिर किसी गरीब को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। शाम के समय व्रत का पारण करें।
- लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि शनिवार व्रत का पारण काली उड़द की दाल और खिचड़ी से ही करें। इस तरह मन चाहे फल की प्राप्ति के लिए सात शनिवार का व्रत अवश्य करें।