सांभर सॉल्ट लेक अगर नहीं गए हैं, तो प्लान बना लीजिए।
इस झील में मुख्य रूप से मेंढ़ा और रनपंगढ़ नदी से पानी आता है। इस झील पर तक़रीबन पांच किमी लम्बा एक बाँध बनाया गया है जो इस झील को विभाजित करके नमक बनाने में मदद करता है।
Sambhar Lake: इस समय अगर आप किसी ऐसी जगह पर जाने का विचार बना रहे हैं, जो आपके जीवन में थोड़ा रोमांच पैदा करे, तो सांभर झील एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह राजस्थान की राजधानी जयपुर से कुछ ही किमी की दूरी पर स्थित एक ऐसी झील है, जिसे सॉल्ट लेक के रूप में जाना जाता है। यह एक तरह से देश की सबसे बड़ी अंतर्देशीय नमक की झील है। इस झील को ‘थार रेगिस्तान का उपहार’ माना जाता है।
यह जगह इतनी बड़ी है कि सागर जैसी प्रतीत होती है। यही कारण है कि जो लोग जयपुर घूमने आते हैं, उनकी इच्छा इस जगह पर आकर झील को देखने की भी रहती है। इस झील में मुख्य रूप से मेंढ़ा और रनपंगढ़ नदी से पानी आता है। इस झील पर तक़रीबन पांच किमी लम्बा एक बाँध बनाया गया है जो इस झील को विभाजित करके नमक बनाने में मदद करता है। इस जगह पर आकर नमक प्रयोगशाला और नमक संग्रहालय देखना आपके घुमक्कड़ी के अनुभवों में नई चीज़ जोड़ेगा।
पौराणिक संदर्भ
इस जगह से जुड़ा एक पौराणिक संदर्भ, जिसकी चर्चा आपको भी वहाँ जाकर सुनने को मिल जाएगी। वह यह कि महाभारत काल के दौरान गुरु शुक्राचार्य इस जगह पर आए थे और इसी जगह पर अपनी बेटी देवयानी का विवाह भारत के राजा ययती से किया था। इस जगह पर अभी भी वह मंदिर स्थित है जिसे देवयानी मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस जगह पर पुरातत्व विभाग ने खुदाई भी कराई थी, जिसमें बड़ी संख्या में मिट्टी की मूर्तियां और पत्थर के पात्र पाए गए थे। ये अब जयपुर में अल्बर्ट संग्रहालय में रखे गए हैं।
बर्डवाचिंग का शौक है तो ज़रूर जाइए

सांभर झील को इसकी इकोलॉजी की वजह से दुनिया भर में जाना जाता है। इसे यूनेस्को ने रामसर स्थल यानि कि अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि घोषित किया है। यह दुनिया भर की लाखों पक्षियों का घर है। इस जगह पर सर्दियों के दौरान दुनिया के कोने-कोने से उड़कर आते हैं। आप अगर बर्डवाचिंग का शौक रखते हैं तो इस जगह पर जाकर सुंदर गुलाबी फ्लेमिंगो, पेलीकान, रेडशेंकस, सारस, टिटिहरी और काले पंखों वाला स्टिल्स देख सकते हैं।
शाकम्भरी माता मंदिर

शाकम्भरी माता को दुर्गा का अवतार माना जाता है। शाकंभरी माता के देशभर में तीन शक्तिपीठ है जिनमें से सबसे प्राचीन शक्तिपीठ राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर दूर सांभर कस्बे में स्थित है। माता का यह मंदिर करीब 2500 साल पुराना बताया जाता है और इसकी आसपास के क्षेत्रों में काफ़ी मान्यता है। शाकंभरी माता को चौहान वंश की कुलदेवी कहा जाता है पर माता को अन्य कई धर्म और समाज के लोग पूजते हैं।
साल्ट लेक

सांभर झील जयपुर से 70 किमी और अजमेर से 85 किमी की दूरी पर स्थित है। इस जगह पर जाने के लिए सार्वजनिक साधनों का अभाव रहता है पर रास्ता अच्छा है जो हरे भरे खेतों के बीच से होकर जाता है। अपनी निजी वाहन से इस जगह पर जाना सुविधजनक रहेगा। ठहरने के लिए कई जगहें हैं लेकिन अगर लौटना चाहें तो इस जगह पर जाकर एक दिन में ही लौटा भी जा सकता है।
