माता पिता करें बच्चों को अपने फैसलों में शामिल, अपनाएं ये टिप्स
बच्चों को अपने फैसलों में शामिल करने से उन्हें आपके जीवन में अपनी अहमियत का एहसास होगा। इस तरह बच्चा आत्मविश्वास से भरा रहेगा और माता पिता के साथ उसका रिश्ता और मजबूत हो जाएगा।
Parenting Advice: बच्चों पर गुस्सा करना, खासकर अपने फैसले थोप देना लगभग हर माता पिता की आदत में शामिल होता है। जिस तरह हम अपने फैसले खुद लेते हैं और हर काम को अपने तरीके से करना पसंद करते हैं ठीक उसी तरह बच्चों के मन में भी अपने फैसले खुद लेने की इच्छा होती है। छोटे से छोटा बच्चा भी अपने हिसाब से हर काम करना चाहता है। बेशक ये बच्चों के लिए ठीक नहीं क्यूंकि इस कच्ची उम्र में उन्हें अंदाजा नहीं होता क्या करना चाहिए और क्या नहीं। माता पिता को अपने फैसले बच्चों पर थोपने की जगह कुछ ऐसे टिप्स आजमाने चाहिए जिस से बच्चे ख़ुशी ख़ुशी उनकी बात मान लें।
आइये जानते हैं क्या हैं वो टिप्स।
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Parenting Advice: बिना सुने फैसला ना लें

हमारे लिए अपनी बात कह देना आसान है। पर बच्चे जब कभी अपने मन की बात कहते हैं तो हम या तो व्यस्त होने का बहाना बना कर या ठीक तरह से उनकी बात ना सुनकर अपना फैसला उनपर थोपने लगते हैं। ऐसा बार बार होने पर बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं। यहाँ हम बड़े गलती कर बैठते हैं। बच्चों पर कोई भी फैसला थोपने से पहले उनकी बात ध्यान से सुनें और उसके बाद उन्हें समझाए। इस तरह बच्चा अपने फैसले लेना सीखेगा और माता पिता से जुड़ाव महसूस करेगा।
दूसरों की बातों में ना आएं

हर माता पिता अलग अलग तरीके से अपने बच्चे की परवरिश करते हैं। ठीक इसी तरह हर बच्चे का सोचने समझने का तरीका अलग होता है। माता पिता से ज्यादा उनके बच्चे को कोई नहीं समझ सकता। बेहतर होगा माता पिता अपने तरीके से अपने बच्चे का पालन पोषण करें। अपने बच्चे के स्वभाव का ख्याल रखते हुए उसके साथ प्यार से पेश आएं। किसी और की बातों में आ कर अपने बच्चे के साथ अपना व्यवहार ना बदलें। सलाह सबकी सुनें पर करें वही जो आपके बच्चे के हित में हो।
डांटना मगर प्यार से

अगर आप चाहते हैं आपका बच्चा आत्मविश्वास से भरा हो, और साथ ही निडर भी, तो इसके लिए आपको बस छोटा सा काम करना है। अपनी बार बार टोकने वाली आदत पर रोक लगाइये और बच्चे को इस तरह डांटिए की उसके कोमल मन पर कोई बुरा असर ना हो साथ ही वो समझ जाए की उसके लिए क्या सही है और क्या गलत। बात बात पर टोकने से बच्चे के मन में हीन भावना घर कर लेती है। और इस तरह की परिस्तिथि से उसे बाहर निकालने में माता पिता को कभी कभी सालों लग जाते हैं। अपने बच्चे का विश्वास जीतने की कोशिश कीजिये। उसे डांटिए मगर प्यार से।
प्यार जताना है जरुरी

मात पिता को अपने बच्चे से गहरा लगाव और प्यार होता है। लेकिन बच्चे को इस बात का एहसास दिलाने के लिए कभी कभी प्यार जाताना भी चाहिए। छोटी छोटी बातों का ख्याल रखिये जैसे – उन्हें क्या पसंद है, उनके दुखी होने पर प्यार से कारण पूछें, खुश होने पर उनकी खुशी में आप भी हिस्सा लीजिये, घर के हर छोटे बड़े फैसले में उन्हें भागीदार बनाइये। कभी कभी प्यार जताना बेहद जरुरी हो जाता है।
