Dog and Mental Health
Dog and Mental Health

Overview:

आज के समय में अक्सर परिवार के सदस्यों के पास भी एक-दूसरे के लिए भरपूर समय नहीं होता है। युवा करियर बनाने के लिए घरों से दूर रहते हैं। ऐसे में उन्हें अकेलापन महसूस होता है। रिसर्च बताती हैं कि डॉग्स इस अकेलेपन की दवा हैं।

कहते हैं कुत्ते यानी डॉग इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। ये आपको फिर से जीना सिखा देते हैं, आपकी खोई हुई हंसी को फिर से लौटा देते हैं, खुद के लिए वक्त निकालना बताते हैं। साथ ही आपकी मेंटल और फिजिकल दोनों हेल्थ के लिए भी अच्छे होते हैं। लेकिन क्या वाकई ऐसा है। क्या सच में डॉग्स पालना इंसान के लिए अच्छा है। आज हम सुनी सुनाई बातों पर न जाकर साइंस की नजर से इसे जानने की कोशिश करते हैं।

कुत्ते पालने वाले लोग अकेलापन कम महसूस करते हैं।
People who keep dogs feel less lonely.

आज के समय में अक्सर परिवार के सदस्यों के पास भी एक-दूसरे के लिए भरपूर समय नहीं होता है। युवा करियर बनाने के लिए घरों से दूर रहते हैं। ऐसे में उन्हें अकेलापन महसूस होता है। रिसर्च बताती हैं कि डॉग्स इस अकेलेपन की दवा हैं। ये आपको बिना शर्त प्यार और इमोशनल सपोर्ट देते हैं। एक ऑस्ट्रेलियाई स्टडी में सामने आया कि कुत्ते पालने वाले लोग अकेलापन कम महसूस करते हैं। वहीं ह्यूमन एनिमल बॉन्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर किए गए एक नेशनल सर्वे में 85% डॉग ऑनर्स ने स्वीकार किया कि अपने कुत्ते के कारण उनका अकेलापन कम हुआ है।  

शोध बताते हैं कि कुत्ते पालने वाले लोग लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। उन्हें मरने का ​जोखिम अन्य लोगों के मुकाबले करीब 24% तक कम होता है। साल 1950 और 2019 के बीच हुई कई स्टडीज इसे साबित करती हैं। स्टडी के अनुसार कुत्ते के मालिकों का ब्लड प्रेशर कम रहता है। वे टेंशन में भी शांति से प्रतिक्रिया देते हैं। ऐसे में हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होता है।

आप एक्सरसाइज करने में कितने ही लापरवाह क्यों न हों, लेकिन अगर आपके पास डॉग है तो उसे आपको बाहर ले जाना ही होता है। ऐसे में अनजाने में आपकी एक्सरसाइज भी हो जाती है। ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन के अनुसार डॉग के कारण लोगों की शारीरिक गतिविधियां अन्य लोगों के मुकाबले चार गुणा तक बढ़ जाती हैं। अध्ययन में पाया गया कि डॉग पालने वाले लोग सप्ताह में करीब 300 मिनट अपने डॉग को घुमाने में बिताते हैं, इससे उनकी भी वॉकिंग हो जाती है। वहीं जिन लोगों के पास डॉग नहीं हैं, वे सप्ताह में औसतन 100 मिनट ही वॉक कर पाते हैं।  

डॉग के साथ रोज बिताए गए सिर्फ 10 मिनट आपके लिए जादू का काम कर सकते हैं। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के अनुसार अपने डॉग को सिर्फ सहलाने से आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं। इससे शरीर में तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। इतना ही नहीं ब्लड प्रेशर और हार्ट बीट्स भी कम होती हैं। इन सभी से तनाव दूर होता है और आप रिलैक्स महसूस करते हैं।  

आप इस बात को मानें या न मानें, लेकिन साइंस कहती है कि डॉग्स आपको सामाजिक बनाते हैं। जब आप इन्हें बाहर लेकर जाते हैं तो दूसरे लोग आपसे बात करते हैं और ऐसे में आपको नए दोस्त भी मिल जाते हैं। टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के कमिंग्स स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन के शोध की मानें तो करीब 40% डॉग रखने वाले लोगों ने यह स्वीकारा है कि अपने डॉग के कारण वे अजनबियों से बात कर पाते हैं और नए दोस्त भी बना पाते हैं।  

डॉग्स पालना आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए अच्छा है, लेकिन फिर भी कोई भी जानवर पालते समय आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। अपने डॉग को हमेशा साफ रखें। कई बार गंदगी और बैक्टीरिया के कारण न सिर्फ वे खुद बीमार हो सकते हैं, बल्कि आपको भी बीमार कर सकते हैं। ये आपकी एलर्जी को भी ट्रिगर कर सकते हैं। एक मेटा विश्लेषण के अनुसार डॉग के संपर्क में आने से बच्चों में अस्थमा का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए अपने डॉग की साफ सफाई पर आपको पूरा ध्यान देना चाहिए। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...