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सिर्फ गुस्सा ही नहीं, खुशी से चहकना, डर से हथेलियों में पसीना आना या आश्चर्य से रोंगटे खड़ा होना आदि भी एमिग्डाला हाइजैक के कारण ही होता है।
Amygdala Hijack Symptoms: आपके साथ ऐसा कितनी बार होता है कि गुस्से में आप अपने होश खो बैठते हैं, चेहरा लाल हो जाता है, आवाज तेज हो जाती है और दिल जोर से धड़कने लगता है। आमतौर पर लोग इसे गुस्सैला होने की निशानी मानते हैं। लेकिन इस स्थिति को ‘एमिग्डाला हाइजैक’ कहा जाता है।
इसलिए होता है एमिग्डाला हाइजैक

सिर्फ गुस्सा ही नहीं, खुशी से चहकना, डर से हथेलियों में पसीना आना या आश्चर्य से रोंगटे खड़ा होना आदि भी एमिग्डाला हाइजैक के कारण ही होता है। दरअसल, ब्रेन के सेंटर में दो छोटे हिस्से होते हैं, जिन्हें एमिग्डाला कहते हैं। यही हमारी भावनाओं और व्यवहार को कंट्रोल करता है। ऐसे में हमारी प्रतिक्रिया इसपर निर्भर होती हैं। एमिग्डाला भावनाओं को जानने के साथ ही यादों को संजोने का काम भी करता है। जब हमारी भावनाएं नियंत्रण से बाहर चली जाती हैं तो हम सही फैसला नहीं ले पाते। यही एमिग्डाला हाइजैक की स्थिति है। कई बार डर, तनाव, घबराहट और असुरक्षा की भावना के कारण भी लोग इसका शिकार हो जाते हैं।
है एक न्यूरोलॉजिकल प्रतिक्रिया
एमिग्डाला हाइजैक एक न्यूरोलॉजिकल प्रतिक्रिया है। यह सीधे तौर पर दिमाग की सुरक्षा प्रणाली से जुड़ी है। जब कोई ऐसा व्यवहार होता है, जो हमारे अनुसार नहीं होता। या हमारी भावनाओं के विपरीत होता है तो एमिग्डाला अपने आप एक्टिव हो जाता है। ऐसे में फ्रंटल लोब यानी दिमाग को वो हिस्सा जो निर्णय लेता है या तर्क के साथ व्यवहार करता है, काम करना बंद कर देता है। और एकदम से आप प्रतिक्रिया देने लगते हैं। इससे तनाव के हार्मोन कॉर्टिसोल और एड्रेनल ज्यादा रिलीज होते हैं। भावनाएं और प्रतिक्रियाएं बेकाबू हो जाती हैं।
आप ऐसे पहचानें लक्षण
शरीर में होने वाले कुछ बदलावों से आप एमिग्डाला हाइजैक का पता लगा सकते हैं। आपकी दिल की धड़कन तेज होने लगती हैं। सांसें और धड़कनें तेज हो जाती हैं। पसीना आने लगता है। आंखें बड़ी होने लगती हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है तो आप ये समझ लें कि एमिग्डाला प्रतिक्रिया दे रहा है। यह हाइजैक की स्थिति है।
आप रोक सकते हैं यह हाइजैक
एमिग्डाला हाइजैक को आप कंट्रोल कर सकते हैं। इससे आप कई परेशानियों से बच सकते हैं।
1. अपनाएं 4-4-6 तकनीक
अगर आपको एमिग्डाला हाइजैक की स्थिति महसूस हो रही है तो आप सबसे पहले 4-4-6 तकनीक अपनाएं। सबसे पहले आप 4 सेकेंड तक गहरी सांस लें। फिर 4 सेकेंड के लिए सांस को रोकें। इसके बाद 6 सेकेंड में धीरे-धीरे सांस को छोड़ दें। इससे दिमाग को संभलने का मौका मिलता है। एमिग्डाला होल्ड होता है और फ्रंटल कॉर्टेक्स फिर से एक्टिव होने लगता है।
2. खुद को पहचानें
एमिग्डाला हाइजैक से बचने का सबसे आसान तरीका है खुद को जानना। आप ये पता लगाने की कोशिश करें कि कौन-कौन सी स्थितियां आपकी भावनाओं को ट्रिगर करती हैं। इन्हें जानकर आप खुद को इनका सामना करने के लिए तैयार करें।
3. खुद को जांचें
अक्सर लोग भावनाओं में बहकर प्रतिक्रिया देते हैं। यह बहुत ही स्वभाविक है। लेकिन ऐसा कुछ होने के बाद एक बार जरूर सोचें कि आपने जो प्रतिक्रिया दी हैं, वो कितनी जरूरी और सही थी। इससे आपका दिमाग तर्क के साथ स्थिति, प्रतिक्रिया और उसके असर का आंकलन कर पाएगा। आप अगली बार के लिए दिमाग को तैयार कर पाएंगे।
4. अपनाएं माइंडफुलनेस
जिंदगी को आसान और भावनाओं को कंट्रोल करने का एक आसान तरीका है माइंडफुलनेस। इसके जरिए आप खुद को पहचान सकते हैं। इससे आप भावनाओं को आसानी से कंट्रोल कर पाएंगे। एकदम से प्रतिक्रिया देने से बच पाएंगे। इसी के साथ योग, प्राणायाम और मेडिटेशन भी शरीर व दिमाग को शांत रखने में मददगार हो सकते हैं।
