Ravi Pradosh Vrat 2023: हिंदू धर्म में सभी देवताओं से जुड़े व्रत त्योहारों का खास महत्व है। सनातन धर्म में छोटे से छोटा व्रत भी पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ रखा जाता है। सभी व्रतों की तरह रवि प्रदोष व्रत भी हिंदुओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। रविवार के दिन प्रदोष व्रत होने पर उसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करता है उसे पापों से मुक्ति मिलती है। रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ साथ सूर्य देव की आराधना करने से सूर्य दोष से भी मुक्ति मिलती है। आइए, रवि प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ की पूजा विधि और व्रत के महत्व के बारे में जानते हैं।
रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि
![Ravi Pradosh Vrat 2023](https://i0.wp.com/grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/08/New-Project-2023-07-29T171158.706.jpg?resize=780%2C439&ssl=1)
पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, साल 2023 में सावन महीने के अधिक मास के कृष्ण पक्ष का रवि प्रदोष व्रत रविवार, 13 अगस्त को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक प्रदोष काल में शिव जी की पूजा की जाती है। रवि प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्य खत्म करें। साफ सुथरे कपड़े पहन कर शिव जी का ध्यान करते हुए हाथ में जल लेकर रवि प्रदोष व्रत का संकल्प करें।
मंदिर की सफाई करने के बाद उसमें गंगा जल छिड़के। भगवान शिव को चंदन से तिलक कर के फल, फूल और पंचामृत का भोग लगाएं। इसके बाद शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। इसके बाद पूरे दिन रवि प्रदोष व्रत का पालन करें और शाम के समय प्रदोष काल में शिव जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाकर, धूप बत्ती करें। शिव जी को भोग लगाएं और प्रदोष व्रत की कथा पढ़कर शिव जी की आरती करें।
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
![Ravi Pradosh Vrat](https://i0.wp.com/grehlakshmi.com/wp-content/uploads/2023/08/New-Project-2023-07-29T165241.541.jpg?resize=780%2C439&ssl=1)
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, रवि प्रदोष व्रत या सूर्य प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के मान सम्मान और पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। रवि प्रदोष व्रत के प्रभाव से शिव जी के साथ साथ सूर्य देव की भी कृपा बनी रहती है। प्रदोष व्रत के दिन विधि विधान से पूजा करने से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं। व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है और पति पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है। शिव जी के विशेष मंत्रों का जाप करते हुए शिव जी का रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को अच्छी सेहत का वरदान प्राप्त होता है। प्रदोष व्रत के प्रभाव से व्यक्ति दीर्घायु बनता है। रवि प्रदोष व्रत के दिन भोजन में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। रवि प्रदोष व्रत के दिन नमक खाने वाले व्यक्ति को दोष लगता है और उसे व्रत का फल प्राप्त नहीं होता।
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