बहस में हमेशा होगी आपकी ही जीत, ये स्मार्ट टिप्स एंड ट्रिक्स आएंगी आपके काम: Tricks to Win a Debate
You will always win the argument

Overview:

क्या आप भी अक्सर हर बहस में हार जाते हैं। लोगों की तोड़ मरोड़ कर पेश की गई बातों और शानदार तर्कों के आगे आप कुछ बोल ही नहीं पाते हैं। क्या आप भी एकदम से ये सोच नहीं पाते कि आगे क्या बोलना है या अपनी सही बातों को कैसे पेश करना है।

Tricks to Win a Debate: ऑफिस के साथियों के साथ, दोस्तों के साथ और कभी-कभी परिवार के लोगों के साथ किसी बात पर बहस होना बहुत ही आम है। लेकिन क्या आप भी अक्सर हर बहस में हार जाते हैं। लोगों की तोड़ मरोड़ कर पेश की गई बातों और शानदार तर्कों के आगे आप कुछ बोल ही नहीं पाते हैं। क्या आप भी एकदम से ये सोच नहीं पाते कि आगे क्या बोलना है या अपनी सही बातों को कैसे पेश करना है। दूसरी ओर यह कड़वी सच्चाई है कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए आपको मुश्किल परिस्थितियों को समझदारी के साथ हैंडल करना आना चाहिए। इस काम में कुछ मनोवैज्ञानिक टिप्स और ट्रिक्स आपके बहुत काम आ सकती हैं। इन छोटे-छोटे कदमों से आप हर बहस में जीत सकते हैं।  

Tricks to Win a Debate
Your partner’s avoidant personality may bother you at times.

किसी बहस को जीतने में सॉक्रेटिक विधि आपके बहुत काम आ सकती है। दरअसल, अधिकांश बहस किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाती हैं। लेकिन इस विधि में आपको सामने वाले से ऐसे कई सवाल पूछने होंगे, जिसके जवाबों के बल पर आप अंत में किसी एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। आप सामने वाले से सवाल ऐसे ही पूछें जिनके जवाब आपके पक्ष में हों। इस तरह बहस में हमेशा आप ही जीतेंगे।

बहस चाहें ऑफिस में हो, दोस्तों के साथ हो या किसी रिश्तेदार के साथ आपका मुद्दे के विषय में अपडेट होना बहुत जरूरी है। आपको बहस वाले मुद्दे की पूरी जानकारी होनी चाहिए। जिससे आप सही समय पर सही बात बोल सकें और सामने वाले के पास चुप रहने के अलावा कोई ओर रास्ता ही न बचे।

किसी भी बहस का परिणाम अगर आप अपने पक्ष में चाहते हैं तो बहस में पड़ने से पहले ही आप अपने मन में सामने वाले के लिए दो विकल्प सोच लें। बहस कर रहे शख्स को आप ऐसे दो विकल्प दें, जिसमें उनकी हार निश्चित हो। सामने वाले को यह पता नहीं चलना चाहिए कि आपके पास दूसरे विकल्प भी हैं। ऐसे में निर्णय आपके पक्ष में ही आएगा।

जब भी दो लोगों के बीच बहस होती है तो वे तर्कों पर लड़ते हैं। वे अपनी आवाज ऊंची कर देते और एक के बाद एक तर्क देने लगते हैं। लेकिन असल में ऐसा करना ही सबसे बड़ी गलती है। आपको बहस में सामने वाले से इमोशनली जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए। इंसान एक भावनात्मक प्राणी है, जब आप उसकी फीलिंग्स को छुएंगे तो वह तर्क भूल जाएगा। ऐसे में वह आपकी बातों पर जरूर सहमत होगा।

कहते हैं कि कई बार जहां बहस काम नहीं आती है, वहां चुप्पी काम आ जाती है। अगर आपको लग रहा है कि बहस के दौरान सामने वाला झूठ पर झूठ बोले जा रहा है तो आप तर्क देने की जगह चुप हो जाएं। सामने वाला अकेला बहुत देर तक बोल नहीं सकता, ऐसे में चुप होने के सिवाय उसके पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं होगा। अंत में आप ही समझदार साबित होंगे।

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...