Pride Month 2023: आजकल जब देश भर में समलैंगिक विवाह की मान्यता को लेकर बहस चल रही है ऐसे में एलजीबीटी कम्युनिटी विश्व भर में प्राइड मंथ माना रहा है। बता दें, लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर आदि अपनी वास्तविकता को स्वीकार करते हुए जून के माह को प्राइड मंथ के रूप में मनाते हैं। इस आर्टिकल में आप विशेष तौर पर जानेंगे कि जून को प्राइड मंथ(Pride Month) के तौर पर क्यों मनाया जाता है?
आखिर क्या होता है? प्राइड मंथ (Pride Month)
हर साल के जून महीने को प्राइड मंथ के रूप में मनाया जात है। दरअसल सन 1968 के स्टोनवॉल दंगों में मारे गए लोगों के सम्मान में और उनको याद करते हुए ही प्राइड मंथ मनाया जाता है। एक समय पर विश्वभर में समलैंगिक संबंधों पर रोक थी, तब 1970 के दशक में समलैंगिक अधिकारों की मांग लो लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका में कई प्रदर्शन किए गए थे। इस मौके पर अपनी आवाज को बुलंद कर एलजीबीटी कम्युनिटी के सदस्यों ने अपने अधिकारों के लिए मुखर होकर आवाज उठाई थी।
क्यों मनाया जाता है प्राइड मंथ, जानिए इतिहास

तारीख 28 जून, 1969 को न्यूयॉर्क में एक ऐसी घटना हुई जिसने प्राइड मंथ की नीव रखी। दरअसल 1969 में ग्रीनविच विलेज में स्थित स्टोनविल नामक एक क्लब में पुलिस द्वारा छापा मारा गया था, जहां पर कई समलैंगिक समुदाय के सदस्य मौजूद थे। उस समय समलैंगिक संबंधों को मान्यता प्राप्त नहीं थी, ऐसे में कई लोग सड़कों पर उतर आए और छह दिनों तक एक प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की मांग थी कि स्पेशली एलजीबीटी कम्युनिटी को डेडीकेटेड जगह दी जाएं जहां पर कम्युनिटी के लोग बिना डरे अपनी सेक्सुअल आइडेंटिटी डिस्कस कर सकें साथ ही वे बिना गिरफ्तारी के अपना जीवन जी सकें।
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जब जून बना ऑफिशियल प्राइड मंथ (Pride Month)

अमेरिकी राष्ट्रपति रहे बिल क्लिंटन ने 1999 और 2000 में जून को प्राइड मंथ के तौर पर मान्यता दी थी। ऐसा करने वाले यह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे। इसके बाद साल 2009 से 2016 तक, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी जून में मनाए जाने वाले एलजीबीटी प्राइड मंथ का समर्थन किया और इसकी घोषणा की। बाद में मई 2019 में, अमेरिका के राष्ट्रपति रहे डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपने एक ट्वीट के जरिए प्राइड मंथ को मान्यता दी थी। इस घोषणा में एलजीबीटी संबंधों को अपराधिक श्रेणी से बाहर निकालने की बात की गई थी। न्यूयॉर्क में होने वाली प्राइड दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध परेड है। जानकर और आयोजक बताते हैं कि साल 2019 में इस परेड में 2 मिलियन से भी ज्यादा लोगों ने भाग लिया था।
भारत में यहां होती है प्राइड परेड (Pride Parade)

अब भारत में भी धारा 377 हटने के बाद से समलैंगिक समुदाय के सदस्य अपनी बात मुखर होकर रखते हैं। बता दें अपने अधिकारों और मांगों को मुखरता से रखने के साथ साथ समाज में जागृति लाने के लिए एलजीबीटी कम्युनिटी द्वारा प्राइड परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमे आसपास के LGBTQ कम्युनिटी के सदस्य प्रतिभाग करते हैं। दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ, कोलकाता, मनाली आदि शहरों में प्राइड परेड का आयोजन किया जाता है। बता दें राजस्थान के जोधपुर में इस बार पहली बार प्राइड परेड का आयोजन किया जाएगा।
