भारत के 10 पर्यटन स्थल, जहां होली देखने या खेलने का अलग ही है मज़ा: Places for Holi
Places for Holi Celebration

इन जगहों पर अलग-अलग तरीके से मनाते हैं होली

इस लेख के माध्यम से हम यह जानने और समझने की कोशिश करेंगे कि देश के अलग-अलग हिस्सों में होली कैसे मनाई जाती है। 

Places for Holi: हमारे देश में हर मौसम एक त्योहार की तरह आता है। बसंत की ऋतु भी कुछ ऐसी ही है। इस के आने के साथ ही जीवन में रंग चढ़ने शुरू हो जाते हैं। इस ऋतु में न तो ज़्यादा सर्दी रह जाती है और न ही गर्मी और होली के आने की हल्की-हल्की आहट दिखने लगती है और जैसे-जैसे यह करीब आती है पूरा देश रंगों के ख़ुमार में डूब जाता है। और हो भी क्यों नहीं? एक तरह से देखा जाए तो होली हमारे देश के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय धार्मिक त्योहारों में से एक है और रंगों का यह त्यौहार हमारे जीवन में कई तरह के रंग लेकर आता है। हमारे देश के अलग अलग हिस्सों में होली अलग-अलग तरह से मनायी जाती है। इस दौरान हर तरफ रंगीला माहौल होता है और पूरा देश अलग- अलग रंग और रूप से सजा धजा दिखाई देता है।

इसीलिए इसे हमारे देश में विविधतापूर्ण संस्कृति का पर्याय माना जाता है। इस लेख के माध्यम से हम यह जानने और समझने की कोशिश करेंगे कि देश के अलग-अलग हिस्सों में होली कैसे मनाई जाती है। 

यह भी देखे-होली खेलने से पहले स्किन का इन 5 तरीकों से करें देखभाल

Places for Holi: ब्रज की होली

Places for Holi
Braj Places for Holi

होली का नाम सामने आते ही सबसे पहला ख़्याल ब्रज का आता है। ब्रज की होली की लोकप्रियता देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में है। इस जगह पर 16 दिनों तक लगातार होली खेली जाती है, जिसमें दुनिया भर के सैलानी आते और होली खेलना पसंद करते हैं। इस पूरे क्षेत्र को होली मानने की अपनी अनूठी परम्पराओं के लिए जाना जाता है। जैसे की बरसाने में लट्ठमार होली खेलने की परंपरा है, जिसमें होली खेलने के लिए नंदगांव के पुरुष बरसाने आते हैं और  महिलाएं लाठी लेकर उन्हें भागती और प्रेम से मारती हैं। इसी तरह से वृंदावन में फूलों की होली खेलने की परम्परा है। इस जगह पर बांके बिहारी मंदिर के पुजारी भक्तों पर फूलों की वर्षा करते है। 

गोवा का शिगमोत्सव

Best Places for Holi
Goa Holi

गोवा में होली को शिगमोत्सव कहा जाता है। इस उत्सव की शुरुआत गांव के लोग देवी-देवताओं की प्रार्थना से करते हैं। यह महोत्सव कई दिनों तक चलता है और इसके अंतिम पांच दिनों में परेड आयोजित की जाती है। इसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक नाटक, संगीत उत्सव और लोक नृत्य आयोजित होते हैं। आख़िरी दिन जब उत्सव अपने चरम सीमा पर पहुँचता है, तो लोग गुलाल की बौछार से एक दूसरे को रंगने लगते है। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और देश विदेश के सैलानी होली खेलने के लिए समुद्र तट पर एकत्रित होते हैं। 

पश्चिम बंगाल में बसंत उत्सव 

West Bengal
West Bengal Places for Holi

पश्चिम बंगाल में होली को बसंत उत्सव और डोल जात्रा के रूप में मनाया जाता है। यहाँ पर होली को वसंत ऋतु की शुरुआत माना जाता है। जिसमें वसंत के हर रंग दिखाई देते हैं। स्थानीय महिलाएं पीले रंग के पोशाक पहनकर होली खेलती हैं। इस दौरान पूरे बंगाल में होली खेली और रवीन्द्रनाथ टैगोर के गीत गए जाते हैं। पश्चिमी बंगाल में होली खेलने के दौरान नृत्य की भी परम्परा है और स्थानीय स्तर पर नृत्य के कार्यक्रम होते है। एक दिन बाद ही डोल जात्रा का उत्सव मानाया जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण की प्रतिमा के साथ जुलूस निकाला जाता है और लोगों के द्वारा एक दूसरे पर मनमोहक रंगों की बौछार की जाती है।

महाराष्ट्र की मटकी फोड़ होली

Maharastra Holi
Maharastra Holi

महाराष्ट्र और गुजरात में होली मानने की परम्परा बहुत ही अलग और काफ़ी चर्चित है। इन दोनों ही प्रदेशों में होली के दौरान मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन होता है। कई जगहों पर काफ़ी ऊंचाई पर मक्खन से भरी मटकी बांधी जाती है। इस आयोजन को देखने के लिए चारो तरफ़ भीड़ ही भीड़ दिखाई देती है। पुरुषों और महिलाओं की अलग अलग टोली बनाई जाती है। पुरषों की मंडली पिरामिड बनाकर इन मटकियों को फोड़ती हैं और महिलाएं पुरषों की टोली पर रंगों की बौछार करती हैं। इस दौरान सबके सब एक रंग में रंगे दिखाई देते हैं, जिसे मस्ती का रंग कहा जाता है। बच्चे हों, युवा या फिर प्रोढ़ हर तरफ मौज़-मस्ती का वातावरण नजर आता है।

पंजाब का होला मोहल्ला

Punjab
Punjab Places for Holi

पंजाब का होला मोहल्ला होली की एक बहुत ही अलग और ख़ास परम्परा है। इस जगह पर होली एक योद्धा होली के रूप में मनाई जाती है। इस दौरान लोग जमकर होली खेलते हैं और अगले दिन होला मोहल्ला उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में सिख धर्मानुयायी शारीरिक और सैनिक प्रबलता के साथ युद्ध का प्रदर्शन करते हैं। इस कार्यक्रम मेनमर्शल आर्ट जैसे कई अन्य साहसिक खेलों का भी आयोजन होता है। पंजाब में होली खेलने की इस परंपरा का आरंभ सिखों के दसवें व अंतिम सिख गुरु गोविंदसिंह जी ने किया था। तभी से ही पंजाब में इसे मानाया जाता है और वहाँ की परंपरा और संस्कृति का हिस्सा बन गया है।

मणिपुर की याओसांग होली

Manipur
Manipur Holi

मणिपुर में होली या याओसांग छह दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान यहाँ के बच्चे अपने आस पड़ोस से सामग्री एकत्रित करके एक झोपड़ी बनाते हैं। इस झोपड़ी का पूजन होता है और पूजन के बाद झोपड़ी को जला दिया जाता है। लोग इस राख को अपने माथे पर लगाते हैं। फिर अगले दिन रंग और गुलाल से होली खेला और यह उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान चारो तरफ़ रंग और मस्ती का माहौल होता है। लोग गीत संगीत और नृत्य के माध्यम से अपनी ख़ुशी को ज़ाहिर करते और तरह तरह की प्रस्तुतियाँ देते हैं। 

 बिहार की भोजपुरी होली

Bihar holi
Bihar Places for Holi

बिहार में होली के रंग को हुड़दंग का रंग भी कहा जा सकता है। इस त्योहार में लोग गोबर, लकड़ी और अन्य सामग्री का एक बड़ा ढेर बनाते है। होली के एक दिन पहले वाली रात को उड़ ढेर को जला देते हैं जिसे हम सब होलिका दहन के नाम से जानते हैं। होलिका दहन के बाद अगली सुबह यानि होली के दिन लोग एक दूसरे के माथे पर तिलक लगाकर बधाई देते है। अगले दिन लोग जुलूस निकालते, फगुआ गाते और ढोलक की आवाज पर नृत्य करते हैं, सूखे गुलाल और गीले रंगों से होली खेलते है। बिहार में कुछ जगहों पर कीचड़ से भी होली खेलने की परम्परा है।

केरल की मंजुल कुली

Keral
Manjul Holi

केरल में होली को मंजुल कुली के रूप में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत गोसरीपुरम थिरुमाला के कोंकणी मंदिर से होती है। इस मंदिर में सबसे पहले मंजुल कली का शुभारम्भ होता है। अगले दिन बड़ी लोग बहुत ही धूमधाम से रंग से खेलते है और नृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं। इस दौरान कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन होता है जिसमें केरल की समृद्द परम्परा की झलक दिखाई देती है।

बनारस की होली 

Holi Places
Banaras Holi

वाराणसी यानि बाबा विश्वनाथ की नगरी में बिखरा रंगों का उल्लास रंगभरी एकादशी से शुरू हो जाता है। जिसमें देश दुनिया भर से लोग आते हैं। इस दौरान चारों ही दिशाएं भोले बाबा के रंगों में डूबी नजर आती हैं। वाराणसी के गांव, गली और मोहल्लों से लेकर गंगा घाट तक रंग ही रंग दिखाई देते हैं। इस दौरान महाश्मशान से लेकर भोले बाबा के दरबार तक रंगों की आस्था नज़र आती है। इस जगह पर होली खेलना अपने आप में वाराणसी की सांस्कृतिक परम्पराओं को जीना होता है। 

उदयपुर की होली 

Holi Places
Udaypur Holi

राजस्थान का उदयपुर देश के सबसे लोकप्रिय जगहों में शुमार किया जाता है। इस जगह पर देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोग आते हैं। इस जगह पर होली मानने की भी एक बहुत ही पुरानी और समृद्ध परम्परा रही है। इस जगह की होली को मेवाड़ की होली के नाम से जाना जाता है, जिसमें मेवाड़ राजघराने के लोग शामिल होकर इसकी रौनक को और भी ज़्यादा बढ़ा देते हैं। उदयपुर की होली कई तरह से आपको शाही अनुभवों का अहसास कराती है। होली के मौक़े पर कई तरह के नृत्य, संगीत और मेलजोल का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है, जिसमें शामिल होकर लोग एक दूसरे को बधाइयाँ डदेते हैं।  

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...