Parents Phone Addiction: मोबाइल फोन जब से हमारे हाथों में आया है, इसने जीने का तरीका ही बदल दिया। हममें से ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने मोबाइल से पहले का भी एक जीवन देखा है। लेकिन अब बच्चों से लेकर बड़े तक इस मोबाइल के साथ इस तरह से जुड़े हैं कि आज जीवन की कल्पना भी इसके बगैर नहीं हो सकती। छोटे बच्चे भी मोबाइल के साथ बहुत खुश रहते हैं। अक्सर इस बात पर चर्चा होती है छोटे बच्चों को मोबाइल नहीं देखना चाहिए। इससे आंखें खराब हो जाएंगी। मोबाइल उनके कोमल मन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। लेकिन इस आर्टीकल में इस बार हम यह चर्चा करेंगे कि पेरेंट होने के नाते ऐसा कौन सा समय है जब हमें भी मोबाइल नहीं देखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं वो चार समय कौन से हैं और इसकी पीछे का क्या औचित्य है।
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सोते समय

ऐसा सभी के साथ नहीं होता लेकिन बहुतों के साथ होता है कि वो बिस्तर पर लेटे-लेटे पेरेंट्स बच्चे के साथ अपने मोबाइल को स्क्रॉल करते रहते हैं। उन्हें अपने फैमिली ग्रुप के भी अपडेट लेने होते हैं। अगर आप भी बिस्तर पर ऐसा करते हैं तो यह प्लीज न करें। बच्चा आपके साथ लेटा है उसके साथ बातचीत करें। यह बात सिर्फ मां पर नहीं पिता पर भी लागू होती है। यह समय आपका एक फैमिली टाइम है और उसे फैमिली टाइम ही रहने दें। बच्चा अगर बहुत छोटा है तो वह आपका दुलार चाहता है। वहीं अगर वह बड़ा हो रहा है तो आपको उसे समय देना होगा। रात का समय आपका और आपके परिवार का होता है आपका और मोबाइल का नहीं।
बच्चा जब स्कूल जाए
छोटे बच्चे जब स्कूल जा रहे होते हैं तो सर्दी की सुबह में उनके लिए उठना थोड़ा मुश्किल होता है। यही कारण है कि सुबह के समय उन्हें थोड़ी ज्यादा पैम्परिंग चाहिए होती है। अक्सर सुबह का समय देखा है कि मां तो सुबह उठकर उनके कामों में व्यसत रहती है लेकिन वह अपने पिता को मोबाइल में व्यस्त देखते हैं। उन्हें न्यूज भी देखनी होती है। आपको यह सभी कुछ करने से कोई मना नहीं कर रहा। यह आप करें लेकिन बच्चे के स्कूल जाने के बाद। अगर आप उस इस समय पूरी अटेंशन देंगे तो यह अटेंशन उसे कॉन्फिडेंट बनाएगी। ऐसा करने से उन्हें लगेगा कि आपके जीवन में उनसे ज्यादा अहमियत किसी की नहीं है। इसी प्यार का अहसास उन्हें एक फुलफिलमेंट की फीलिंग देगा।
वो जब स्कूल से लौटे

अगर आप होममेकर हैं या वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं तो बच्चे का लौटने का समय वो होता है जब आपको मोबाइल नहीं देखना होता है। बच्चा उस टाइम बहुत थका हुआ होता है लेकिन कई बार स्कूल में कुछ अच्छा होता है तो कई बार वो आपको बताने के लिए उत्सुक भी होता है। इस समय आपको अपने बच्चे को वैलकम करना है और उससे एक कनेक्शन जोड़ना है। वहीं अगर आप वर्किंग हैं तो अपने लौटने के समय को अपने बच्चे के लिए रखे। वो आपका इंतजार करते हैं। माना कि आप कामों की फेहरिस्त लेकर लौटते हैं, लेकिन आने के बाद के दस या पंद्रह मिनिट तो उसे दिए जा सकते हैं। ऐसा करने से आप उनकी दुनिया से जुड़े रहेंगे उनके बड़े होने के बाद भी।
खाने की मेज पर
यह बात हम सभी को पता है कि खाने की मेज पर जब परिवार साथ बैठकर खाना खाता है तो दही और खिचड़ी भी अच्छे लगते हैं। लेकिन अगर आपको फोन देख- देखकर खाने की आदत है तो इस आदत को बदलने की जरुरत है। न तो बच्चे को फोन दिखाकर खाना खिलाएं और न ही खुद खाएं। खाने की मेज पर आप जो कर रहे हैं बच्चा आपको कॉपी करेगा। इस समय आप बच्चों के साथ हल्की-फुल्की बातचीत करें। जो भी चीज बनी है उसके बारे में भी चर्चा हो सकती है। लेकिन मेहरबानी करके फोन को यहां पर मत लेकर। इससे खाने का स्वाद तो आपको पता नहीं चलता समय के साथ इसकी वजह से रिश्ते भी बेस्वाद हो जाते हैं। फिर आपके अंदर यह फीलिंग आती है कि पता नहीं क्यों बच्चों के अंदर वो जुड़ाव नहीं है।
