घर के अंदर की प्रदूषित हवा भी बच्‍चों को कर रही है बीमार, ऐसे रखें ध्‍यान: Stay Healthy During Pollution
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Stay Healthy During Pollution: दिल्‍ली और उसके आसपास के सभी इलाके इन दिनों जहरीले प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार सोमवार को दिल्‍ली में एक्‍यूआई 746 दर्ज किया गया था। दिल्‍ली में रहने वाले लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है। यही कारण है कि दिल्‍ली और एनसीआर में 24 नवंबर तक स्‍कूलों को बंद कर ऑनलाइन क्‍लासेस का ऑर्डर दिया गया है। प्रदूषण सिर्फ घर के बाहर ही नहीं बल्कि घर के अंदर भी महसूस होने लगा है जिसका प्रभाव बच्‍चों और नवजात शिशुओं की हेल्‍थ पर पड़ रहा है। घर के अंदर मौजूद प्रदूषण से सर्दी, खांसी और गले में खरास और आंखों में जलन जैसी समस्‍याएं हो रही हैं। बच्‍चों को प्रदूषण से बचाने के लिए इन सावधानियों और उपायों को बरतना आवश्‍यक है। तो चलिए जानते हैं घर के अंदर बच्‍चों को प्रदूषण से कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।  

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बच्‍चे कर रहे हैं इन समस्‍याओं का सामना

Stay Healthy During Pollution
Children are facing these problems

वायु प्रदूषण से बड़े बच्‍चों के अलावा छोटे नवजात बच्‍चों को अधिक खतरा है। छोटे बच्‍चों के फेफड़े काफी कमजोर और अविकसित होते हैं इसलिए उन्‍हें प्रदूषित वायु ज्‍यादा नुकसान पहुंचा सकती है। व्‍यस्‍कों की तुलना में बच्‍चे को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

अस्‍थमा: घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण से बच्‍चों को एलर्जिक अस्‍थमा हो सकता है। ये अस्‍थमा अस्‍थाई होता है जो धूल कण और वायु प्रदूषण के कारण बढ़ जाता है। जिन घरों में फर वाले जानवर होते हैं वहां बच्‍चों को एलर्जिक अस्‍थमा का खतरा अधिक होता है।

सांस लेने में परेशानी: छोटे बच्‍चों के लंग्‍स बेहद संवेदनशील होते हैं। वह बाहरी प्रदूषण को झेल नहीं पाते जिसके परिणामस्‍वरूप बच्‍चों को सांस लेने में परेशानी आ सकती है। इसके अलावा खांसी की समस्‍या भी लंबे समय तक बनी रह सकती है।

जुकाम और बुखार: बढ़ते प्रदूषण की वजह से बच्‍चों का जुकाम और बुखार लंबे समय तक बना रह सकता है। बार-बार बीमार होने की वजह से शरीर बाहरी इंफेक्‍शन और किटाणुओं से लड़ने में असमर्थ हो जाता है जिस वजह से जुकाम और बुखार अधिक समय तक बना रहता है।

स्किन एलर्जी: प्रदूषण सिर्फ लंग्‍स को ही नहीं बल्कि त्‍वचा को भी नुकसान पहुंचा रहा है। बच्‍चों की त्‍वचा में लालपन, खुजली, जलन और महीन दानें नजर आ सकते हैं।

घर में बच्‍चों को ऐसे रखें सुरक्षित

children safe
Keep children safe at home like this

एयर क्‍वालिटी में करें सुधार: बच्‍चों को आप भले ही बाहर खेलने और स्‍कूल न जाने दे रहे हों लेकिन घर के अंदर मौजूद प्रदूषण भी बच्‍चों के संपर्क में आकर उन्‍हें बीमार बना सकता है। घर को प्रदूषण रहित करने के लिए एयर प्‍यूरीफायर या ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।

करें ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज: वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए बच्‍चों को ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज के लिए प्रोत्‍साहित करें। बच्‍चों के लंग्‍स को हेल्‍दी और स्‍ट्रॉन्‍ग बनाने के लिए उन्‍हें प्राणायाम और मेडिटेशन करने के लिए प्रेरित करें।

इंडोर प्‍लांट्स लगाएं: घर को प्रदूषण रहित करने के लिए ब्रीदिंग प्‍लांट्स लगाएं। इससे सांस से संबंधित समस्‍याओं में भी निजात मिल सकती है।

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सफाई का रखें ध्‍यान: प्रदूषण की वजह से घर में बारीक धूल के कण एकत्रित हो जाते हैं। जो हमें आसानी से दिखाई नहीं देते लेकिन शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए घर को नियमित रूप से साफ कराएं। बच्‍चों को कारपेट और जमीन में न खेलने दें। घर के चादर, पर्दे और गद्दों को साफ रखें।

लें अच्‍छी डाइट: शरीर पर प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए हेल्‍दी डाइट लें। फल और सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करें।