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पेरेंट्स के सामने हर दिन एक नई चुनौती होती है। साथ ही ढेर सारी थकावट, चिंताएं, तनाव भी इसका हिस्सा हैं। वहीं अगर आप एक बहुत ज्यादा चंचल और एक्टिव बच्चे के पेरेंट्स हैं तो आपकी चुनौतियां और भी बढ़ सकती हैं।
Handle Naughty Kids: माता-पिता बनना हर किसी के लिए जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है। यह भगवान के दिए किसी तोहफे से कम नहीें है। लेकिन यह भी सच्चाई है कि पेरेंटिंग एक चुनौतीपूर्ण काम है। इसमें आपके सामने हर दिन एक नई चुनौती होती है। साथ ही ढेर सारी थकावट, चिंताएं, तनाव भी इसका हिस्सा हैं। वहीं अगर आप एक बहुत ज्यादा चंचल और एक्टिव बच्चे के पेरेंट्स हैं तो आपकी चुनौतियां और भी बढ़ सकती हैं। क्योंकि तूफानी बच्चों के साथ डील करना कोई आसान काम नहीं है। हालांकि कुछ तरीके अपना कर आप इस काम को आसान बना सकते हैं।
रुकें, ठहरें और लें गहरी सांस

कई बार बच्चे इतनी शैतानी करते हैं कि आपका सिर चकराने लगता है। ऐसे में बच्चों पर न ही गुस्से का असर होता है और न ही डांट का। कई बार आप गुस्से में ऐसा कदम भी उठा लेते हैं, जिसे लेकर आपको बाद में पछतावा होता है। इन स्थितियों से बचने का सबसे आसान और असरदार तरीका है, थोड़ी देर ठहरना। जी हां, अगर आपको गुस्सा आ रहा है तो आप एक शांत जगह पर बैठें, गहरी सांस लें और खुद को रिलैक्स करने की कोशिश करें। अपने आप को बच्चों की जगह पर रखकर सोचें तब आप उनकी भावनाएं समझ पाएंगी। कोशिश करें कि आप उनकी शैतानियों से परेशान होने की जगह, उन्हें एंजॉय करने पर ध्यान दें।
बदलें अपना नजरिया
कई बार पेरेंट्स लगातार जिम्मेदारियां निभाते निभाते इतना थक जाते हैं कि वे काफी परेशान हो जाते हैं, खासतौर पर मां। इसी थकान के कारण आप बच्चों की शैतानियों को हमेशा ही गलत तरीके से देखना शुरू कर देते हैं। लेकिन आपको इनकी सकारात्मक बातों पर ध्यान देना चाहिए। जब बच्चा कोई अच्छा काम करता है तो उसकी तारीफ करें, इससे उसे मोटिवेशन मिलेगा और वह आगे भी ऐसे काम करने की कोशिश करेगा। इससे आपके बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और आप भी रिलेक्स हर पाएंगी। अगर इसके बाद भी आप परेशान रहती हैं तो आपको अपने पार्टनर, परिवार और दोस्तों से मदद और सलाह लेनी चाहिए।
एक सही दिनचर्या अपनाएं
बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, आप उन्हें जैसा ढालेंगे, वो उसी प्रकार से ढल जाएंगे। इसलिए बचपन से ही बच्चों को एक अनुशासित दिनचर्या के अनुसार चलना सिखाएं। अगर आपका बच्चा शैतान या चंचल भी है तो भी वो इस दिनचर्या में ढलना सीखेगा, क्योंकि उसे दूसरे विकल्पों की जानकारी नहीं होती है। याद रखें आप बच्चों के लिए बचपन से जो सीमाएं तय करेंगे, वे उन्हें फॉलो करेंगे। इसलिए बच्चों को स्पष्ट रूप से अपनी सीमाएं बताएं। इसका एक बेहतर विकल्प ये है कि आप बच्चे को किसी न किसी एक्टिविटी में डालें, जहां उसकी एनर्जी का सही उपयोग हो सके।
खुद के लिए निकालें समय
पेरेंटिंग एक मुश्किल काम है, जिसमें माता-पिता दिन रात जुटे रहते हैं। ऐसे में कभी-कभी थकान और सराहना न मिलने के कारण वे पेरेंटल बर्नआउट का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें सब बेमानी लगने लगता है। इस स्थिति से बचने के लिए आप खुद पर ध्यान देना शुरू करें। ये बात सही है कि घर और बच्चों के बीच आपको खुद के लिए समय नहीं मिलता, लेकिन समय निकालने की कोशिश करें। टीवी, मोबाइल पर समय बिताने की जगह अपनी हॉबीज, वर्कआउट, वॉक, योग, मेडिटेशन पर ध्यान दें। इससे आप मेंटली रिलेक्स होंगे। इसके पॉजिटिव असर बच्चों पर भी नजर आएंगे।
