Gripe Water for Newborn: नवजात शिशु बोलकर अपनी बाते बयां नहीं कर पाते इसलिए उनका रोना और हंसना उनके स्वस्थ होने या किसी बीमारी से ग्रस्त होने का संकेत देते हैं। जन्म से कुछ महीनों तक बच्चा केवल बिस्तर पर ही लेटा रहता है। दूध पिलाने या कुछ देर गोद में उठाने के बाद उसे दोबारा बिस्तर पर लिटा दिया जाता है। ऐसे में बच्चों को गैस की समस्या के कारण पेट दर्द का होना स्वाभाविक होता है, जिसके चलते बच्चा नींद पूरी नहीं ले पाता है और दिनभर रोता रहता है। ऐसी स्थिति में महिलाएं बच्चों को ग्राइप वाटर देने लगती हैं, ताकि बच्चे को पेट दर्द की समस्या न झेलनी पड़े। मगर ग्राइप वाटर देने को लेकर भी मन में कई सवाल उठते हैं। जहां कुछ डॉक्टर ग्राइप वाटर देने की सलाह देते हैं तो कुछ नहीं। आइए जानते हैं ग्राइप वाटर के फायदे और नुकसान के बारे में :
ग्राइप वाटर क्या होता है?
लेमन बाम, दालचीनी, सौंफ, मुलेठी, अदरक का अर्क और कैमोमाइल समेत जड़ी बूटियों को मिलाकर ग्राइप वाटर को तैयार किया जाता है। जो बच्चे को छ: महीने के बाद देना शुरू किया जाता है।
ग्राइप वाटर के फायदे

पेट दर्द से राहत – नवजात शिशुओं में कालिक पेन या पेट में दर्द उठना एक आम समस्या है, जिससे बच्चा रोता है और कई बार दूध भी नहीं पी पाता है। पेट में गैस के कारण पेट फूला हुआ लगता है। ऐसे में ग्राइप वाॅटर से बच्चे को पेट दर्द से राहत मिल जाती है।
दांत निकालने में आसानी – दांत निकालते समय बच्चे काफी परेशान रहते हैं। न केवल उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है बल्कि वे अन्यय स्वास्थ्य संबधी परेशानियों से भी घिरे रहते हैं। ऐसे में डाॅक्टरी सलाह के बाद ही ग्राइप वाॅटर देना चाहिए, ताकि बच्चा परेशानी से बच सके।
हिचकी हो जाती है दूर – नवजात शिशु में हिचकी एक आम समस्या है। बच्चे को कई बार लगातार हिचकी आने लगती है। इसके लिए बच्चे को कुछ बूंद ग्राइप वाटर पिलाया जाता है ताकि उसे राहत मिल सके।
एसिड रिफ्लक्स की समस्या में फायदेमंद – अगर आपका बच्चा बार-बार थूकता है, तो ग्राइप वॉटर की मदद से आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
ग्राइप वाॅटर पिलाने के नुकसान

- ग्राइप वाॅटर पिलाने से कई बार शिशु को एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- इसे पीने के बाद शिशु को शरीर पर रैशेज भी हो सकते हैं।
- इससे बच्चे को सांस लेने में भी कई बार तकलीफ हो सकती है।
- ग्राइप वाॅटर की तासीर ठंडा होने के कारण सर्दी में बच्चों को कई प्रकार उल्टी और दस्त भी हो सकते है।
- डाॅक्टरी सलाह के बाद ही इसे इस्तेमाल करना चाहिए।
शिशु को ग्राइप वाटर देने के नियम
- शिशु को ग्राइप वॉटर डाक्टरी सलाह के बाद दें।
- ग्राइप वाटर को चम्मच से देने की बजाय ड्रॉपर की मदद से दें।
- ग्राइप वॉटर दिन के बजाए शिशु को रात के समय दें, ताकि बच्चा पूरी नींद ले सके।
- ग्राइप वाटर को किसी चीज में मिलाकर देने की बजाय उसे सीधे तौर पर बच्चे को दें।
- किसी के साथ मिक्स करके ना दें, उसे ऑरिजनल रूप में ही दें।
- बच्चे को खाली पेट ग्राइप वॉटर न पिलाएं।
- डाॅक्टरी सलाह के बाद निर्धारित मात्रा में ही ग्राइप वाॅटर बच्चे को दें।